अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने आज नजफगढ़ के खेड़ा डाबर में स्थित हरे कृष्णा गोशाला का जाएज़ा लिया। इस गौशाला को दिल्ली के मॉडल गौशाला के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया हैं. दिल्ली की मॉडल गौशाला में सोलर पॉवर प्लांट और बायोगैस प्लांट भी लगाया जाएगा। इसके साथ ही बायोगैस से निकलने वाले अवशेष से खाद भी बनाई जाएगी। विकास मंत्री गोपाल राय ने गौशाला का जायज़ा लेने के बाद गौशाला के पुराने स्ट्रक्चर पर बन कर तैयार किए गए 500 किलोवाट पैदा करने वाले पावर प्लांट का उद्घाटन किया।
गोशाला का जायज़ा लेने के बाद, महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता के दौरान विकास मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली को एक मॉडल शहर के रूप में विकसित करने के लिए हर उचित कदम उठा रही हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार का अगला कदम दिल्ली की गोशालाओं को मॉडल गौशाला के रूप में विकसित करना हैं। जो ना ही केवल दिल्ली के मवेशियों को एक उचित वातावरण देगी बल्कि इससे संबंधित लोगों को विभिन्न रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली की गोशालाओं को मॉडल गौशाला के रूप में विकसित करने के पहले चरण में नजफगढ़ स्थित हरे कृष्णा गोशाला को विकसित किया जाएगा।
भविष्य में भी इसी मॉडल के तहत दिल्ली कि बाकी गौशालाओ का विकास किया जाएगा। जिसमें गायों के रहने, उनके चारे, उपचार तथा उनके घूमने की उचित व्यवस्था होगी। ये गौशालाएं आत्मनिर्भर होगी तथा इनका विकास पर्यावरण के अनुकूल किया जाएगा। यह गोशाला इससे सम्बंधित लोगों की आय में वृद्धि करने के लिए भी एक उचित अवसर प्रदान करेंगी। साथ ही इन गोशालाओं में समय -समय पर किसानों, पशुपालकों व पर्यावरण संरक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान भी किया जाएगा।
दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने मॉडल गौशाला के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया कि दिल्ली के नजफगढ़ के खेड़ा डाबर में स्थित हरे कृष्णा गोशाला लगभग 24 एकड़ में फैली हुई हैं। दिल्ली के मॉडल गौशाला के रूप में हरे कृष्णा गौशाला को विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया हैं। जिसके अंतर्गत विभिन्न कार्य परियोजनाओं के तहत यहाँ विकास किया जाएगा। इसमें मुख्यतः गौशाला से लगभग 5 मेगावाट पावर पैदा करना (जिसमें से अभी 500 किलोवाट गौशाला के पुराने स्ट्रक्चर पर बन कर तैयार हो गया है), गौशाला के मेन एंट्री गेट के सामने आईजीएल द्वारा बायोगैस का प्लांट लगाना, बायोगैस प्लांट के अवशेषों से जैविक खाद बनाना आदि शामिल हैं। यह मॉडल गोशाला आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ साथ इससे संबंधित लोगों के लिए विभिन्न रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।
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