अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
सिरसा/कैथल/चंडीगढ़: प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि राज्य सरकार फसल खरीद सीजन को लेकर पूरी तरह तैयार है। हरियाणा में आगामी सीजन में पहली बार छ: फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की जाएगी, जिनमें गेहूं, सरसों, दाल व सूरजमुखी के साथ-साथ चना व जौ की फसल को भी शामिल किया गया है। इतिहास में पहली बार होगा जब जौ की फसल को एमएसपी पर खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि मंडियों में किसानों की फसल खरीद के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी और इस बार 48 घंटे में किसानों के खातों में फसल की राशि डाली जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत प्रत्येक किसान की फसल का एक-एक दाने को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने का काम किया जाएगा। इसलिए किसानों से अपील है कि वे अपनी फसल का “मेरी फसल-मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरुर करवाएं, ताकि उनकी फसल एक-एक दाना खरीदा जा सके। उन्होंने कहा कि फसल भुगतान के लिए इस बार किसानों को आई फॉर्म कटने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जैसे ही आढ़ती किसानों का जे-फॉर्म काटेगा, उसके 48 घंटे में किसानों की फसल के भुगतान की राशि की अदायगी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले सीजन में सरकार ने सदृढ व्यवस्थाओं के बीच एक-एक किसान की धान की फसल की खरीद करने का काम किया और खरीदी गई फसल का समय पर भुगतान किया गया। डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में पहले भी काम किया है और आगे भी किसान हितैषी कार्य जारी रहेंगे। बजट को लेकर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 36 बिरादरी के हित तथा युवाओं से लेकर बुजुर्गों के मान-सम्मान को ध्यान में रख कर बजट पेश होगा। इसके साथ-साथ बजट में प्रदेश के इंफ्रास्टैक्चर को सुदृढ बनाने के लिए काम किया जाएगा। सरकार द्वारा विभागीय बैठकें कर सुझाव लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आधारभूत ढांचे को मजबूत करने वाला मॉडल बजट पेश होगा, जिसमें सभी वर्गों को लाभ मिलेगा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए पिछली बार भी एक मॉडल बजट पेश किया गया था, जिसके परिणाम स्वरूप ही कोरोना महामारी के बावजूद प्रदेश का टैक्स कलैक्शन भी सरप्लस रहा। इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान आमजन को सरलता से सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई और आम आदमी पर किसी प्रकार का कोई बोझ भी नहीं पड़ने दिया।