अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानी और किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि 1 अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले रबी खरीद सीजन 2021-22 के दौरान किसानों को किए जाने वाले भुगतान में किसी प्रकार की देरी नहीं होगी। यदि भुगतान में देरी होती है तो लगभग 9 प्रतिशत ब्याज (बैंक दर और एक प्रतिशत) के साथ भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान किसानों के सत्यापित बैंक खातों में सीधे किया जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल भी उपस्थित थे।
मनोहर लाल ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को एक निर्धारित समय अवधि के भीतर उनकी खरीदी गई उपज का भुगतान प्राप्त हो और इसके लिए जिम्मेदारियां तय की गई हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने मंडियों में आई-फॉर्म जारी होने के 72 घंटों के भीतर किसानों के खातों में सीधे पैसा भेजने का फैसला किया है। यदि किसी कारण से किसानों का पैसा उनके सत्यापित खातों में समय पर जमा नहीं किया जाता है, तो उन्हें 9 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 अप्रैल, 2021 से शुरू होने वाली रबी फसलों की सुचारू खरीद के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है और संबंधित विभागों और खरीद एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को मंडियों में अपनी उपज बेचते समय किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि इस बार आवश्यकता हुई तो खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। फसल के समय पर उठान, खरीद प्रक्रिया के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं ताकि आढ़ती या किसानों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीद प्रक्रिया में शामिल प्रत्येक हितधारक जैसे किसान ,आढ़ती, मार्केटिंग बोर्ड, ट्रांसपोर्टर्स और बैंक आदि के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी किए गए हैं और पूरे खरीद सत्र के दौरान इन एसओपी के कार्यान्वयन के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, खरीद संचालन में लगे लोगों के स्वास्थ्य जोखिम को कम करने के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की व्यवस्था भी की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन सुनिश्चित करते हुए कई सुशासन सुधार किए गए। उन्होंने कहा कि अंत्योदय की भावना से गरीब से गरीब व्यक्ति के उत्थान के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान अभियान’की घोषणा की गई है। इस अभियान का उद्देश्य परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के सत्यापित डाटा से राज्य के सबसे गरीब एक लाख परिवारों की पहचान करके शिक्षा,कौशल विकास, रोजगार , स्वरोजगार के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि पीपीपी सर्वेक्षण के माध्यम से इन परिवारों की पहचान करने की प्रक्रिया चल रही है और अब तक लगभग 13,000 परिवारों का डाटा सत्यापित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा, द्विवार्षिक जल प्रबंधन योजना बनाने के साथ-साथ गैर-पोर्टेबल उपयोग के लिए 25 प्रतिशत उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि फसल विविधिकरण के लिए धान की फसल के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने हेतु किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की गई। इसके तहत किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप सी और डी श्रेणी के पदों के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 मई, 2021 तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रुप सी और डी श्रेणी के विभिन्न पदों को भरने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा एक सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग में अनियमितताओं को दूर करने के लिए लिए, राज्य सरकार ने ‘ऑपरेशन शुद्धि’ की शुरुआत की थी, जिसके परिणामस्वरूप नवंबर 2020 से मार्च 2021 तक पिछले पांच महीनों में 72 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2020 से मार्च 2021 तक 25289 चालान किए गए, जिनमें से 22431 का निपटान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जन सेवा’ की भावना के साथ राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न ई-सुधार किए,जिसमें ऑनलाइन शिक्षक स्थानांतरण नीति, खनन की ई-नीलामी, ई-भूमि पोर्टल, अंत्योदय सरल पोर्टल, ई-रजिस्ट्रेशन, सीएलयू की ऑनलाइन मंजूरी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में रोजगार तलाश करने वाले युवाओं के लिए महाविद्यालयों में एक नई महत्वाकांक्षी योजना पासपोर्ट सहायता शुरू की गई है, जिसके तहत 6800 छात्रों को पासपोर्ट दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक इस योजना में केवल उन छात्रों को पासपोर्ट मिलता था, जिन्होंने इसके लिए आवेदन किया था। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ऩे वाले सभी स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का पासपोर्ट बनाया जाएगा। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर , हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक विनय सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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