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गुडगाँव

हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी, अथोरिटी ने 16  नवंबर से मीडिएशन फोरम स्थापित कर, 36 मामले निपटाए -खंडेलवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम:हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी(हरेरा), गुरुग्राम के चेयरमैन डा. के के खंडेलवाल की अध्यक्षता में अथोरिटी ने 16 नवंबर,2020 से मीडिएशन फोरम स्थापित कर दिया है। इस फोरम ने कार्य करना भी शुरू कर दिया है। हरेरा गुरुग्राम की इस मीडिएशन फोरम स्थापना की पहल को दोनों, प्रमोटर तथा अलॉटियों ने सराहा है और इसे हरेरा की एक अच्छी शुरूआत बताया है। सभी की उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से मीडिएशन फोरम ने कार्य करना शुरू कर दिया है। मीडिएशन पैनल में सेवानिवृत जिला एवं सत्र न्यायधीश तथा एडजुडीकेटिंग ऑफिसर एस.सी.गोयल,अथोरिटी की मुख्य शिकायत निवारण तथा मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पदमश्री खेल रत्न अर्जुन अवार्डी डा. दीपा मलिक तथा वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी डा. गीता राठी सिंह शामिल हैं,जिन्होंने एक ही दिन में 36 मामलों की सफलतापूर्वक सुनवाई की।          

अथोरिटी के पास प्रमोटर मैसर्ज एमआर के खिलाफ पड़ी पुरानी शिकायतों को मीडिएशन के लिए रेफर किया गया था, जिसकी सुनवाई फोरम ने पहले सत्र में की। एक दिन के लिए रखे गए सभी 36 मामलों पर प्रोजेक्ट अनुसार पैनल ने सुनवाई की। प्रमोटर तथा अलॉटियों के मीडिएशन के प्रति अच्छे रूझान को देखते हुए हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डा. के.के.खंडेलवाल का विचार है कि विवादों के निपटारे के लिए इस प्रकार के मीडिएशन अथवा वैकल्पिक फोरम आज के समय की जरूरत है क्योंकि अथोरिटी को काफी संख्या में शिकायतें मिलने से उस पर लंबित शिकायतों का भार होता है और जिन मामलों को आपसी सहमति से कुछ बैठकों के माध्यम से सुलझाया जा सकता है, वे मीडिएशन फोरम को अथोरिटी भेज सकती है। इससे पीडित अलॉटियों को भी लंबी और मंहगी न्यायिक प्रक्रिया में जाने से पहले सहमति से निपटारा करवाने का एक मौका मिलेगा। इससे वह मानसिक प्रताडऩा और कष्ट से बच सकेंगे। इसलिए मीडिएशन प्रमोटर तथा अलॉटी दोनों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह विवाद को सरलता और सस्ते में सुलझाते हुए दोनों को मानसिक दबाव और प्रताडऩा से छुटकारा दिलाता है।          

मैसर्ज एमआर के मामले में हरेरा द्वारा गठित विशेषज्ञ पैनल की मदद से प्रमोटर स्वयं अलॉटियों को एक सरल समाधान पेश करने के लिए आगे आया। मीडिएशन के दौरान मैसर्ज एमआर के विभिन्न प्रोजेक्टों में फलैट बुक करने वालों को डिले पोजेशन चार्जिज दिए गये, लेकिन अभी पोजेशन नहीं दिया जा सका। प्रमोटर तथा अलॉटी दोनों ने एक कॉमन प्लैटफार्म पर आकर निर्णय लिया कि वे अपने विवाद स्वयं सुलझा लेंगे, जिसमें दोनों को सफलता मिले। अत: हरेरा गुरुग्राम की मीडिएशन फोरम का पहला सत्र अत्यंत सफल रहा। डॉ.दीपा मलिक का कहना है कि अलॉटियों के लिए मीडिएशन एक नई प्रक्रिया है और वे यह महसूस करती हैं कि उन्हें पॉजिटिव सोच के साथ इस प्रक्रिया का श्रेष्ठ लाभ लेने के लिए आना चाहिए।

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