अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़:हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा के लोगांे ने सदैव ‘गीता‘ से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्रभूमि की रक्षा के लिए कर्म सिद्वान्त व कृतव्य परायणता का पालन किया है। इसीलिए हरियाणा को आज वीर भुमि के नाम से जाना जाता है। हरियाणा देश का मात्र 2 प्रति क्षेत्र और जनसंख्या का अढ़ाई प्रतिशत हिस्सा होते हुए भी भारत की सेनाओं में 10 प्रतिशत स्थान रखता है।
दत्तात्रेय शनिवार को पंजाब राजभवन में गुरु नानक ऑडिटोरियम में राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू के स्वागत में आयोजित सिविक अभिनंदन में बोल रहे थे। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने भी हरियाणा व पंजाब के सत्कार की प्रशंसा की। दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा प्रदेशवासी अपने आपको धन्य महसूस कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने हरियाणा की पावन भूमि पर पहूंचकर हम सबका मान बढ़ाया है। आज प्रदेशवासियों का रोम-रोम पुलकित है। इसके लिए राष्ट्रपति का हरियाणा तहे-दिल से स्वागत करता है।उन्होने राष्ट्रपति श्रो मती मुर्मू का शाल ओढ़ाकर व चित्र भेंट कर स्वागत किया।उन्होंने कहा कि श्रीमती मुर्मू का सामाजिक ,राजनीतिक ,और प्रशासनिक लंबा अनुभव रहा है और वह साधारण परिवार में पैदा होकर सर्वोच्च पद तक पहुंची हैं। देश उनके नेतृत्व में और ज्यादा तरक्की करेगा।
दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व सामाजिक रूप से एक समृद्ध राज्य है। प्रदेश अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, पृष्ठ भूमि को संजोए हुए है। पूरे विश्व में गीता संदेश को प्रचारित करने के लिए हर वर्ष कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इसके साथ-साथ हरियाणा सरकार पिछले सात वर्षों से सरस्वती नदी के तट पर विकसित एवं पल्लवित वैदिक सभ्यता और संस्कृति की पुनः स्थापना का कार्य कर रही है। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पंजाब के राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित,केंद्रीय मंत्री सोमपरकाश ,चण्डीगढ़ के प्रशासक धर्मपाल व अन्य गणमान्य व्यक्ति रहे।
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