अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा आबकारी एवं कराधान आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग राज्य भर के सभी 1194 खुदरा शराब ठेका क्षेत्रों की नीलामी सफलतापूर्वक संपन्न करवा दी गई है। उन्होंने कहा कि चूंकि प्रत्येक आबकारी क्षेत्र में एक लाइसेंसधारी को दो शराब की दुकानें खोलने की अनुमति है, इसलिए सभी 1194 आबकारी क्षेत्रों की नीलामी पूरी होने के साथ ही विभाग द्वारा लाइसेंसधारियों को 2388 खुदरा शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं। आबकारी नीति 2025-27: सरकार ने खुदरा विक्रेताओं से रिकॉर्ड 14,342 करोड़ रुपये कमाए, जबकि 2024-25 में आबकारी नीलामी से 7025 करोड़ रुपये की कमाई हुई आबकारी आयुक्त ने बताया कि सरकार आबकारी नीति 2025-27 के लिए खुदरा दुकानों की नीलामी से 14,342 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने में सफल रही है। पिछले आबकारी वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने आबकारी नीलामियों से 7025 करोड़ रुपये एकत्र किए थे। इस प्रकार, नवीनतम आबकारी नीति के परिणामस्वरूप पिछले वर्ष की तुलना में आनुपातिक राजस्व में 13.25% की उच्च वृद्धि हुई है।
आबकारी नीति 2025-27 के लिए इस वर्ष नीलामी काफी पहले संपन्न हो गई। पिछले वर्ष, नीलामी अगस्त माह में ही पूरी हो पाई थी। विनय प्रताप सिंह ने कहा कि हरियाणा की आबकारी नीति वेब पोर्टल के माध्यम से आबकारी नीलामी निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाती है, जिसके परिणामस्वरूप संभावित लाइसेंसधारियों की उच्च भागीदारी हुई। गुरुग्राम ज़िले ने सबसे ज्यादा 3875 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो राज्य के कुल राजस्व का 27% है। इसके बाद फरीदाबाद का स्थान रहा, जहां 1696 करोड़ रुपये (राज्य के कुल राजस्व का 12%) प्राप्त हुए।
सबसे ज़्यादा राजस्व वाले ज़िलों में सोनीपत (1066 करोड़ रुपये), रेवाड़ी (654 करोड़ रुपये), हिसार (615 करोड़ रुपये), करनाल (612 करोड़ रुपये) और पानीपत (605 करोड़ रुपये) शामिल हैं। पिछले वर्ष की तुलना में कुछ ज़िलों में आनुपातिक राजस्व में काफ़ी ज़्यादा वृद्धि देखी गई, जैसे भिवानी (23.5%) , फतेहाबाद (21%), हिसार (21%), कुरुक्षेत्र (20.5%), करनाल (19%) और पानीपत (18%)। आबकारी आयुक्त ने कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर राज्य की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आपराधिक तत्वों के विरुद्ध त्वरित और कड़ी कार्रवाई के फलस्वरूप, आबकारी नीलामियाँ पिछले वर्ष की तुलना में तेज़ी से और काफ़ी अधिक राजस्व के साथ संपन्न हुईं। यहाँ तक कि यमुनानगर जैसे ज़िले, जहाँ नीलामी के शुरुआती दौर में कम भागीदारी देखी गई थी,ने भी इस आबकारी नीति के तहत 439.88 करोड़ रुपये का उच्च राजस्व प्राप्त किया, जबकि पिछली आबकारी नीलामी में यह 237.81 करोड़ रुपये था। उन्होंने आगे कहा कि अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करके, राज्य सरकार ने हरियाणा राज्य के निवासियों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई है।
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