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अपराध हरियाणा

सीसीटीएनएस प्रगति डैशबोर्ड रैंकिंग में फिर बजा हरियाणा का डंका,99.9 प्रतिशत स्कोर के साथ हासिल किया शीर्ष स्थान


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़:क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में हरियाणा पुलिस को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की मार्च 2023 की मासिक रैंकिंग में प्रथम स्थान मिला है। विदित है कि हरियाणा पुलिस ने फरवरी माह में भी रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। विभिन्न मापदंडों में पूर्ण अंक प्राप्त करते हुए प्रदेश पुलिस ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान में सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश पुलिस द्वारा प्राथमिकी पंजीकरण, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदा व्यक्ति, खोई हुई संपत्ति, लापता मवेशी, विदेशी पंजीकरण,सी-फार्म, लावारिस/परित्यक्त संपत्ति, अज्ञात/पाया व्यक्ति, निवारक कार्यवाही, पर्यवेक्षण रिपोर्ट/प्रगति का पंजीकरण, अज्ञात मृत शरीर/अस्वाभाविक मृत्यु पंजीकरण, अनुसंधान संबंधी कार्य, शिकायतों के पंजीकरण, डेटाबैंक सेवाएं आदि कार्य किये जाते हैं। इस उपलब्धि पर हरियाणा स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो निदेशक,अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, ओ पी सिंह, ने  समस्त राजपत्रित अधिकारियों व सीसीटीएनएस शाखा में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आने वाले महीनों में और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित भी किया। उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस को विकसित करने का उद्देश्य अपराध की जांच और अपराधियों पर नजर रखने की सुविधा के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली विकसित करना है।

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजेक्ट की परफॉर्मेंस की रैंकिंग में प्रदेश पुलिस लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है।  वर्तमान में इस प्रगति डैशबोर्ड में विभिन्न मापदंडों में प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाते है और उसी आधार पर प्रति माह रैंकिंग तय की जाती है। वर्तमान में जारी की गई रैंकिंग में हरियाणा 99.98 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रहा, वहीं उत्तर प्रदेश 99.43 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहा। इसके अतिरिक्त दिल्ली 97.87, पंजाब 95.03 और महाराष्ट्र 94.48 प्रतिशत अंक प्राप्त कर क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर रहा। इस प्रोजेक्ट में मंत्रालय हर महीने परफॉर्मेंस चेक करता है। सीसीटीएनएस का प्रयोग पुलिस की तरफ से अपराध व अपराधियों के डाटाबेस तैयार करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त आम जन को भी कई प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाता है। जैसे कि सीसीटीएनएस पर एफआईआर दर्ज होते ही उसकी प्रति घर बैठे डाउनलोड करने की सुविधा मिल जाती है।  हर प्रकार के एनओसी इसी के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।  करैक्टर सर्टिफिकेट या मकान किराये पर देने हेतु किरायेदार की पुलिस वेरिफिकेशन की सुविधा भी इसी डेटा से आसान हो जाती है। इस परियोजना का उद्देश्य विशेष रूप से पुलिस थाने स्तर पर पुलिसिंग की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए एक व्यापक और एकीकृत ई-सिस्टम बनाना है।प्रदेश पुलिस ने हर प्रकार के डेटा का डिजिटाइजेशन का कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण कर लिया है।  मार्च माह में प्रदेश में 13602 एफआईआर सभी थानों में दर्ज की गई थी जो की हरसमय पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध है।  इसके अतिरिक्त 14000 से अधिक क्राइम डिटेल फॉर्म भरे गए जो की ऑनलाइन उपलब्ध है। ऑनलाइन डेटा अपलोड होने का फायदा यह है कि एफआईआर दर्ज करते ही शिकायतकर्ता के पास तुरंत एक मैसेज आ जाता है जिसमें अनुसंधान अधिकारी व उसका फोन नंबर आदि की सूचना उपलब्ध होती है।  इसके अतिरिक्त जैसे ही कोई अपराधी गिरफ्तार होता है उसकी सूचना भी तुरंत इस पोर्टल पर अपडेट कर दी जाती है ताकि पुरे देश में यदि वह अपराधी किसी केस में वांछित है तो सूचना का मिलान हो सके और पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई की जा सके।  इसके अतिरिक्त, सीसीटीएनएस पर चोरी किए वाहन, रिकवर किए  गए वाहन, गुमशुदा/अज्ञात व्यक्ति की सूचना भी तुरंत ऑनलाइन अपडेट कर दी जाती है।  यदि कोई लावारिस बॉडी मिलती है तो उसकी जानकारी भी तुरंत ऑनलाइन भर दी जाती है।  इस डेटाबेस की सहायता से आईसीजेएस पोर्टल पर अपराधियों और उसकी जानकारी के बारे में सूचना का आदान प्रदान किया जा रही है।

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