अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: डीसी अजय कुमार ने कहा कि होली के पावन पर्व पर सभी जिलावासी पानी की बचत करने का संकल्प लेकर प्रेम और सौहार्द के इस त्यौहार को इको फ़्रेंडली तरीके से मनाए। होली खेलते हुए इस प्रकार के कलर का इस्तेमाल करें जो इको फ़्रेंडली हो। इस दौरान किसी भी प्रकार की कॉस्मेटिक चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। उन्होंने यह बात होली की पूर्व संध्या पर जिलावासियों के नाम जारी शुभकामना संदेश में कही।
डीसी ने कहा कि जल संरक्षण हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में जल संरक्षण को अपनी दैनिक आदत बनाएं। होली पर पानी का संरक्षण करने के साथ-साथ प्रतिदिन व्यर्थ बहने वाले पानी के संरक्षण के बारे में भी सोचना जरूरी है। होली के अवसर पर बहुत पानी व्यर्थ हो जाता है। होली अगर गुलाल का तिलक लगाकर मनाई जाए तो न केवल पानी की बचत होगी बल्कि रासायनिक रंगों के त्वचा पर होने वाले दुष्प्रभाव से भी बचा जा सकता है।
डीसी ने कहा कि होली का त्यौहार असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। जिस प्रकार से इस त्यौहार में होलिका रूपी बुराई को जलाकर सत्य की विजय हुई थी। ठीक उसी प्रकार से इस होली का दहन में आइए हम सभी अपने भीतर की बुराइयों का भी दहन करें और अपना बेहतरीन व्यक्तित्व विकसित करें। उन्होंने जिलावासियों से इस अवसर पर किसी भी प्रकार की अनुशासनहीन गतिविधियों में खुद को शामिल ना करने की अपील करते हुए कहा कि यह त्यौहार सामाजिक समरसता को बढ़ाने वाला त्यौहार है ऐसे में कोशिश करें कि होली के उत्साह में किसी भी प्रकार से कानून का उल्लंघन ना हो।
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