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राजनीतिक हरियाणा

भर्ती की मांग को लेकर भटक रहे हैं भावी अध्यापक, सरकार नहीं कर रही सुनवाई- भूपेंद्र हुड्डा

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़ः प्रदेश में अध्यापकों के 38,000 पद खाली पड़े हैं। टीचर्स की मांग को लेकर छोटे-छोटे बच्चों को भूख हड़ताल करनी पड़ रही है। एचटेट पास भावी अध्यापक भर्ती की मांग को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। लेकिन सरकार ना भावी अध्यापकों की बात सुनने के लिए तैयार है और ना ही भर्ती करने के लिए। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज चंडीगढ़ स्थित आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी, अग्निपथ, भ्रष्टाचार, शामलात की जमीन, जलभराव, खस्ता हाल सड़कों, समेत कई मुद्दों पर बात की। हुड्डा ने सभी को रक्षाबंधन की बधाई दी और स्वतंत्रता दिवस के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी। उन्होंने आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर चलाए जा रहे तिरंगा अभियान को लेकर सरकार को आईना दिखाया। हुड्डा ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी को तिरंगा फहराना चाहिए। क्योंकि यह हमारी आन, बान और शान है। लेकिन डिपो होल्डर के जरिए गरीबों को जबरदस्ती 20-20 रुपये में झंडे बेचना सरासर निंदनीय है। उन्होंने एक शेर के जरिए कहा- 

‘तरस आता है मेरे हाकिम की फकीरी पर,जो गरीबों से इनकी पसीने की कमाई मांगे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष ने विधानसभा के मॉनसून सत्र में जनहित के कई मुद्दों को उठाया। यहां तक कि ख़ुद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और जेजेपी के विधायकों ने भी प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार और बदहाली की शिकायतें की। खुद गठबंधन के विधायकों ने ही सरकार के विकास की पोल खोल कर रख दी। यह बात अब जगजाहिर है कि मौजूदा सरकार में शराब, रजिस्ट्री, भर्ती, पेपर लीक, धान, सफाई समेत कई घोटाले हुए हैं। लेकिन जांच के नाम पर सरकार सिर्फ एसआईटी का गठन कर देती है, जिसकी रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती। मौजूदा सरकार में एसआईटी का मतलब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम नहीं बल्कि सीटिंग इन्वेस्टिगेशन ऑन टेबल हो गया है।  

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य समेत हर मोर्चे पर सरकार विफल साबित हुई है। आलम यह है कि स्कूलों में टीचर नहीं है और अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। स्वास्थ्य महकमे में 10,000 पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन सरकार युवाओं को रोजगार नहीं देना चाहती। इसलिए सीएमआईई के मुताबिक आज प्रदेश 26.9 प्रतिशत बेरोजगारी का सामना कर रहा है। नीति आयोग के आंकड़ों के मुताबिक भी हरियाणा की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से 37% ज्यादा है। शामलात की जमीन को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार से कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालनी चाहिए या कंसोलिडेशन एक्ट में बदलाव किया जाना चाहिए। क्योंकि बरसों से बसे परिवारों को जमीन से बेदखल किया जाना गलत है। सरकार ने वक्त रहते कदम नहीं उठाए तो चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो सकती है।प्रदेशभर में जलभराव की समस्या के लिए हुड्डा ने सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया।

क्योंकि सरकार ने वक्त रहते ना ड्रेनों की सफाई करवाई और ना ही सीवरेज की। इसका खामियाजा किसानों और आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। सरकार द्वारा लोगों को हुए नुकसान का मुआवजा अब तक नहीं दिया गया। अग्निपथ को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने दोहराया कि यह योजना ना युवाओं के हित में है और ना ही देश हित में। कोरोना काल में भर्ती नहीं होने की वजह से पहले ही सेना का संख्या बल घटकर 14 से 12 लाख हो गया है। अग्निवीर की वजह से आने वाले कुछ सालों में यह घटकर आधा हो जाएगा। इतने विशाल देश और सरहद की चुनौतियां को देखते हुए सेना का संख्याबल कम होना खतरनाक साबित हो सकता है। हुड्डा ने कहा कि अग्निवीर बनने के लिए अगर लाखों युवा कतार में लगे हुए हैं तो सरकार इसको योजना का समर्थन ना समझे। क्योंकि आज देश व प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है। 4 साल की बजाए अगर 4 महीने के लिए भी कोई भर्ती निकलेगी तो उसके लिए भी हजारों की तादाद में युवा लाइन लगाकर खड़े हो जाएंगे। हरियाणा में हमने देखा है कि चपरासी की भर्ती के लिए भी बीए, एमए, पीएचडी तक किए हुए युवा अप्लाई करते हैं। 

बीजेपी-जेजेपी के रिश्ते पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि यह स्वार्थ का गठबंधन है ना कि नीतिगत फैसला है। जनसेवा की बजाए सत्ता में बैठे हुए लोग स्वयंसेवा में लगे हुए हैं। यही वजह है कि आज प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रदेश की जनता विकल्प के तौर पर कांग्रेस की तरफ देख रही है। प्रदेश में आने वाली सरकार कांग्रेस की होगी क्योंकि धोखे से सत्ता में आई गठबंधन सरकार से प्रदेश का हर वर्ग दुखी है। हुड्डा के साथ पत्रकार वार्ता में विधायक आफताब अहमद और गीता भुक्कल भी मौजूद रहे। इस मौके पर गीता भुक्कल ने कहा कि बीजेपी सरकार ने हरियाणा मौलिक शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम की कक्षा पांचवीं की हिंदी पुस्तक के पाठ नंबर 11 से महाराजा अग्रसेन की जीवनी को हटा दिया। साथ ही पाठ नंबर 14 ‘हरियाणा के गौरव’ से चौधरी छोटू राम, पंडित भगवत दयाल शर्मा, चौधरी रणबीर सिंह, चौधरी देवीलाल, राव बीरेंद्र सिंह, चौधरी बंसी लाल, पंडित लख्मी चंद और मेजर होशियार सिंह की जीवनी को भी हटा दिया गया। भुक्कल ने कहा कि प्रदेश के महापुरुषों का जिक्र किताबों से हटाकर बीजेपी ने अपनी संकीर्ण सोच का परिचय दिया। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार को प्रायश्चित करते हुए फिर से महापुरुषों का पाठ पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए।

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