
फरीदाबाद : ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्ड न. 30 में तक़रीबन 43 करोड़ की लागत से सीवरेज, पीने के पानी व टूटी फूटी सड़कें जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म किया जाएगा। इस कार्य में तक़रीबन एक साल का वक़्त लगेगा पर यह कार्य एकाद महीने में ही शुरू कर दिया गया हैं। इनमें तक़रीबन कार्यों की स्वीकृति मिल चुकी हैं व इनमें से कई कार्य ऐसे हैं जोकि इस वक़्त टेंडर में लगे हुए हैं, यह कहना हैं वार्ड न. 30 के भाजपा पार्षद सुभाष आहूजा का।
भाजपा पार्षद सुभाष आहूजा ने बातचीत करते हुए कहा कि उनका जो वार्ड न. 30 हैं, उसमें पुराना फरीदाबाद का क्षेत्र हैं,इस क्षेत्र में करीब 40 -45 साल पहले पानी एंव सीवरेज की पाइप लाइनें डाली गई थी जोकि उस समय के आबादी के हिसाब से डाली गई थी पर आज की जो आबादी हैं उसके मुकाबले दस गुणा जाएदा हैं। इस कारण से जगह -जगह सीवरेज का पानी सड़कों पर बह रहा हैं और लोगों के घरों में पीने के पानी की संकट रहता हैं, जगह -जगह सड़कें टूटी फूटी हुई हैं। इस कारण से वार्ड न. 30 की जनता को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा हैं। उनका कहना हैं कि यह समस्याएं कभी खत्म न होने वाली समस्याएं हैं और उनके पहले के पार्षदों ने जो कार्य किया और अब भी वहीँ कार्यों को वह करें,ऐसे में उनका सोच इससे अलग नहीं हो सकता और पार्षद होने के नाते उनकी जिम्मेदारी हैं कि अपने वार्ड में कुछ नया करने की,जोकि इन समस्याओं को रहते हुए नहीं हो सकता। इसलिए उन्होनें यह फैसला किया की पुराना फरीदाबाद शहर की जितने भी सीवरेज व पानी के पाइप लाइन हैं, उन सभी को बदलवा ही दिया जाए व वह इस दिशा में अपना कार्य शुरू कर दिया।
उनका कहना हैं कि नए सीवरेज के लिए 27 करोड़ व पानी की पाइप लाइनों के लिए 9 करोड़ के स्टीमेंट को पास करवा ली गई हैं, इनमें से 10 करोड़ के प्रस्ताव की मंजूरी अभी मिलना हैं जोकि जल्द ही मिल जाएगा। पार्षद सुभाष आहूजा ने यह भी कहा कि 16 पार्कों में ढोलपुर के पत्थर लगाएं जा रहे हैं के अलावा सात करोड़ की लागत से आरएमसी सड़कें बनाई जाएगी जिसकी स्वीकृति मिल चुकी हैं। उनका कहना हैं कि यह आरएमसी सड़कें पुराना फरीदाबाद के पीर बाबा से लेकर पंजाब नेशनल बैंक, आईटीआई चौक से लेकर लाजपत राय चौक, नई सब्ज़ी मंडी से लेकर तेल मिल, सर्वोदय हॉस्पिटल चौक से लेकर अग्रसेन चौक तक बनाई जाएंगी। उन्होनें कहा कि यह सभी जगह नाली मुक्त होगा । सवाल के जवाव में उनका कहना हैं कि इन कार्यों के दौरान जहां -जहां मेनहोल होंगें। इसके तक़रीबन 100 -100 क़दमों पर पानी के निकासी के लिए अलग -अलग पाइप लाइन डाला जाएगा और उन सभी को मेनहोल से जोड़ा जाएगा। इनमें चार -पांच पॉइंट होंगें,उन पॉइंटों पर लोहे की जाली लगाएं जाएगें। इस जाली के जरिए पानी में बहने वाले कचरों को रोका जाएगा और सीवर लाइनों को कचरा मुक्त रखा जाएगा जिससे पानी अपनी रफ्तार में बहता रहे।