अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा जलवायु परिवर्तन तथा सतत ढांचागत विकास विषय पर आयोजित एक सप्ताह का अल्पावधि पाठ्यक्रम (एसटीसी) संपन्न हो गया। कार्यक्रम में 60 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पाठ्यक्रम के समापन सत्र में टेरी विश्वविद्यालय, दिल्ली से डाॅ.आकाश सौंधी मुख्य वक्ता रहे। सत्र का संचालन डाॅ.रेनूका गुप्ता द्वारा किया गया। पर्यावरणीय धरोहर,स्थिरता तथा देखरेख विषय पर बोलते हुए डाॅ.आकाश ने प्रतिभागियों को बताया कि समय रहते ही प्राकृतिक संसाधनों का समुचित प्रबन्धन आवश्यक है,जिसके लिए हमें योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना होगा ताकि काॅर्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके।
पर्यावरण संरक्षण के लिए उच्च वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी की अवधारणा हमें जीवन जीने के बेहतर तौर-तरीकों को बताती है जिसमें शहरों में बढ़ती हुए प्रवाह को समायोजित करने के लिए व्यापक आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकीय विकास पर आधारित योजनाओं का क्रियान्वयन शामिल है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी ई-उपकरणों पर काम करेगी इसलिए आने वाली इमारतों में वायरलेस कनेक्टिविटी,स्मार्ट सुरक्षा और निगरानी प्रणाली जैसी अनेक उन्नत सुविधाएं जोड़ी जायेंगी। ऐसे अधिकांश निर्माण परियोजनाएं भारतीय हरित भवन परिषद् ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के अनुसार होंगी और पर्यावरण के अनुकूल होंगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और अर्थव्यवस्था परस्पर संबंधित हैं। इसलिए, उद्योगों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए संवेदनशील बनना होगा। पाठ्यक्रम की संचालिका डॉ.रेनूका गुप्ता ने बताया कि छह दिवसीय पाठ्यक्रम के दौरान दस विशेषज्ञ सत्र आयोजित किये गये, जिसमें जलवायु परिवर्तन, हरित निर्माण, सतत उर्जा, वायु प्रदूषण एवं स्वास्थ्य, निर्माण उद्योग में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उपायों को लेकर विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। पाठ््यक्रम में फरीदाबाद तथा एनसीआर सहित विश्वविद्यालय के एमएससी पर्यावारण विज्ञान के छात्रों ने भी भाग लिया।
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