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फरीदाबाद

फरीदाबाद : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन, प्रौद्योगिकी के गुलाम न बने, करें संतुलित उपयोगः प्रो. सोनी

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्याल, फरीदाबाद द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के उपलक्ष्य में हरियाणा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के सहयोग से ‘प्रौद्योगिकीः उपयोगी सेवक या खतरानाक स्वामी’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष 11 मई को देश की प्रौद्योगिकीय उन्नति तथा उत्कृष्टता को सम्मान देने के लिए किया जाता है। सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मानव रचना विद्यानतरिक्षा के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. एम.के. सोनी मुख्य अतिथि रहे। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

कुलसचिव डॉ. एस.के. शर्मा, डीन डॉ. तिलक राज, डॉ. राज कुमार, कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. कोमल भाटिया तथा आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अतुल मिश्रा भी उपस्थित थे। सेमिनार का आयोजन कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा डॉ. पारूल तोमर की देखरेख में किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को 1998 में पोखरन में देश के सफल परमाणु मिसाइल परीक्षण की वर्षगांठ के रूप में देश की प्रौद्योगिक क्षमताओं तथा उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सेमिनार का विषय वर्तमान में प्रौद्योगिक उपयोगिता तथा दुष्परिणमों के दृष्टिगत काफी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिक से जहां परमाणु ऊर्जा के उपयोग किया जाता है, वहीं यह परमाणु बम बनाने में भी प्रयोग होती है। उन्होंने कहा कि प्रश्न यह नहीं है कि प्रौद्योगिकी विकास अच्छा है या बुरा, अपितु यह है कि हम इसका उपयोग किसी तरह समाज की भलाई के लिए कर सकते है।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकीय विकास को रोका नहीं जा सकता लेकिन प्रौद्योगिकीय विकास तथा इसका उपयोग मानव जाति के हित में हो, इसके लिए प्रयास किये जा सकते है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का संचार कर प्रौद्योगिकी के प्रयोग के नाकारात्मक उपयोग को कैसे बदला सकते है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रौद्योगिकी का उपयोग समाज की भलाई के लिए करने की आह्वान किया। सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. एम.के. सोनी ने प्रौद्योगिकी के संतुलित उपयोग पर बल दिया। प्रो. सोनी ने कहा कि हम प्रौद्योगिकी के गुलाम होते जा रहे है। आज प्रत्येक वर्ग, विशेष कर विद्यार्थी पूरी तरह से प्रौद्योगिकी पर आश्रित हो चुके है, जिसका प्रभाव हमारे सामाजिक जीवन तथा स्वास्थ्य पर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी पर अत्याधिक निर्भरता भविष्य में हमारे लिए और समस्याएं पैदा कर सकता है। सेमिनार के तकनीकी सत्र को एसीजड कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अधिकारी मनीष डब्बास तथा सेलेबल कंपनी के मुख्य कार्यकारी सुमित जैन ने संबोधित किया। अपने विशेषज्ञ व्याख्यान में मनीष ने प्रौद्योगिकी के उपयोग तथा दुरूपयोग पर अपने विचार रखे तथा सुमित जैन ने विद्यार्थियों को प्रौद्योगिकी के संतुलित उपयोग के बारे में बताया। उन्होंने उभरती नई प्रौद्योगिकी के बारे में भी जानकारी दी।

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