अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
एक अपहरण के मामले में जांच कर रहे हैं कोतवाली कासना पुलिस को जांच के दौरान अपहरण की खबर झूठी निकली, लेकिन जांच के दौरान बड़ी कामयाबी तब हासिल हुई जब एक अंतरराष्ट्रीय गैंग 8 सट्टेबाज उनके हत्थे चढ़ गए।जिनके कब्जे से चार लैपटॉप 16 मोबाइल फोन 16 सिम आधार कार्ड चेक बुक पासबुक पासपोर्ट और अन्य सामान बरामद किया गया है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े भीम सिंह, नारायण, ध्रुव, सनी, मुकीम, विशाल कुमार, हिमांशु और सुखदेव यह सभी ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाई राइज सोसाइटी में रहकर सट्टेबाजी का पूरा रैकेट चला रहे थे। इसका खुलासा तब हुआ जब राजस्थान से आए सुभाष चंद्र नाम के व्यक्ति ने अपने बेटे की अपहरण की सूचना कासना थाने को दी। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी फर्जी अपहरण की आड़ में घर वालों से वसूली करने की साजिश रच रहे थे । जबकि वे एक अंतरराष्ट्रीय सट्टा गैंग के नेटवर्क से जुड़े हुए थे। साद मियां खान में बताया कि सुभाष चंद्र ने कासना थाने पर शिकायत की थी कि उसके 22 वर्षीय बेटे भीम सिंह और भतीजे नारायण का अपहरण हो गया है और इसके लिए 7 लाख की फिरौती मांगी गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मैन्युअल इंटेलिजेंस के इनपुट के माध्यम से भीम कुमार को ढूंढ निकाला। उसकी लोकेशन व्हाइट ऑर्किड अपार्टमेंट और राधा स्काई गार्डन सोसाइटी के पास की निकला। जहां से ध्रुव नामक युवक और भीम और नारायण को बरामद कर दिया गया। जब पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला वे लोग रुद्रा क्रिक लाइव के जरिए लाइव क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाते हैं। यह आईडी इंटरनेशनल नेटवर्क से लिंक होती है और सारा काम मोबाइल और लैपटॉप के जरिए किया जाता है। रोजाना 30 लाख रुपए का लेनदेन होता है। मास्टरमाइंड भीम सिंह ने बताया कि यह रकम फर्जी नाम से खोले गए खातों में ट्रांसफर की जाती है। जिसे गिरोह का सरगना जो की थाईलैंड और दुबई में बैठे है वहां से ऑपरेट करते है ।साद मियां खान ने बताया कि अपहरण की जो कहानी है खुद भीम सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर रची थी। ताकि अपने पिता से कुछ पैसे वसूल सके इसके लिए उन्होंने अपने ही मोबाइल फोन से कॉल कर फिरौती मांगी थी।
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