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खेल नोएडा

हर युवा अगर चाहे तो अपने मुकाम और लक्ष्य को हासिल कर सकता है : सुहास एलवाई

अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट 
टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन में मिले रजत पदक को अपने गले में डालकर खुली थार में दिल्ली से नोएडा के सेक्टर- 27 स्थित अपने आवास पर पहुँचने पर डीएम सुहास एलवाई के स्वागत का जश्न चलता रहा।  जिलाधिकारी को जीत की शुभकामनाएं देने के साथ शहर में जगह-जगह होर्डिंग लगाए गए थे। उनकी फोटो लगे ये होर्डिंग डीएनडी से लेकर उनके आवास तक लगे थे।  डीएम आवास को सुहास एलवाई के स्वागत के लिए लाइट की झालर और गुब्बारों से सजाया गया। गेट को फूलों और गुब्बारों से सजाने के साथ पूरे रास्ते पर फूल बिछाए गए। इस स्वागत कार्यक्रम में उनकी पत्नी और एडीएम गाजियाबाद ऋतु सुहास पूरे सफर में साथ रहीं।    

हवा में लहराते तिरंगे,आतिशबाजी और ढोल की थाप पर लोग थिरक रहे लोग पूरे जोश में वंदे मातरम,भारत माता की जय और सुहास एलवाई जिन्दाबाद के नारे से उनका आवास पर पहुँचने पर स्वागत किया गया।  उनके स्वागत के लिए जहां पूजा की थाली सजी,वहीं फूलमाला, पुष्पगुच्छ और पुष्पवर्षा से भी की गई।  जीप से उतरते ही लोग उन्हें कंधों पर बिठाकर कि सड़क से लेकर घर के अंदर ले गए। घर पहुंचने पर उन्होंने पत्नी के साथ अपनी मां के पैर छुए। इसके बाद उनकी मां ने बड़े उत्सव के रूप में मनाए जाने की परंपरा को निभाते हुए कुम कुम मिले पानी से उनकी आरती कीं। इस जल को बाद में पौधे को दिया जाता है। आरती के बाद सुहास एलवाई को उनकी मां ने गले लगा लिया। कई दिनों से बेटी से दूर रहे सुहास एलवाई ने मिलते ही उसको गोद में उठा लिया।जश्न का सिलसिला यहीं नहीं रुका, इसके बाद देर तक ढोल बजते रहे और लोग नाचते रहे। इस दौरान बैडमिंटन के साथ बनाया गया केक काटा गया। इसके बाद सुहास एलवाई मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि यह मैडम जो मेरे गले में है,  वह किसी एक व्यक्ति का नहीं है पूरे राष्ट्र का है और हर खिलाड़ी के लिए बहुत सम्मान की बात होती है कि वह देश के लिये मेडल जीतकर लाए. मेरे पास शब्द नहीं है.  कुछ ऐसे पल होते है जो आप शब्दों में बयान सकते है. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि हम जब युवा थे तब यह हमने सोचा भी ना था कि यह पैरालंपिक में जाएंगे और मेडल जीतेंगे.  एक एक कदम चलते हुए हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं.  देश का हर युवा अगर चाहे तो अपने मुकाम और लक्ष्य को हासिल कर सकता है. 

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