अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि प्रदेश में बीजेपी की नहीं, बल्कि पोर्टल की सरकार चल रही है। ऐसा पोर्टल जिसका सर्वर हमेशा डाउन रहता है और जो जरूरत पड़ने पर कभी काम नहीं करता। इसके चलते विद्यार्थी, अभ्यार्थी और लाभार्थी समेत हर वर्ग परेशान है। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ऑनलाइन सुविधाओं की शुरुआत की थी। इसका मक़सद तमाम सरकारी विभागों व सेवाओं से लेकर पंचायतों तक को ऑनलाइन करके जनता को घर बैठे एक क्लिक पर सुविधाएं उपलब्ध करवाना था। लेकिन बीजेपी ने इन ऑनलाइन सेवाओं का पूरा सिस्टम ही उल्टा कर डाला। ऑनलाइन काम करवाने के लिए भी लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एक तरफ जहां सीईटी के आवेदन और कॉलेज-विश्वविद्यालयों में दाखिलों का दौर चल रहा है। कई तरह के अन्य परीक्षाएं भी आयोजित होने वाली हैं। इसके लिए विद्यार्थियों व अभ्यार्थियों को तमाम दस्तावेज तैयार करवाने हैं। लेकिन ठीक उसी समय सरल पोर्टल ठप हो गया। इसकी 300 सेवाएं पूरी तरह बंद हो गईं। हैरानी की बात है कि जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों से जिंदा मां-बाप के मृत्यु प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं। लाखों युवा रोज सीईटी का आवेदन करने के लिए माथापच्ची कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान ही नहीं निकल रहा। करीब एक हफ्ते से मैरिज, आय, जन्म, मृत्यु, जाति व डोमिसाइल सर्टिफिकेट से लेकर आवास योजनाओं तक के आवेदन की सेवाएं पूरी तरह बंद पड़ी हुई है। रोज लाखों लोग सीएससी केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन सभी बेउम्मीद होकर वापिस लौटते हैं।हुड्डा ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब घटिया प्रोग्रामिंग और सर्वर एरर वाले पोर्टल के चलते जनता को इस तरह दिक्कतों का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले परिवार पहचान पत्र से लेकर तमाम ऑनलाइन सेवाओं में ऐसी गड़बड़ियां लगातार सामने आती रही हैं। गड़बड़ियों का आलम इस हद तक है कि 90% से ज्यादा परिवार पहचान पत्रों में धांधली पाई गई। कई-कई महीने लोगों को सरकारी विभागों के चक्कर काटने पड़े लेकिन आज तक भी इन गड़बड़ियों को दूर नहीं किया जा सका।भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि ना सिर्फ इन ऑनलाइन सेवाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए बल्कि यह पूरा सेटअप बार-बार क्यों ठप हो रहा है इसमें किस तरह की गड़बड़ी है, किन लोगों को इसे बनाने का टेंडर दिया गया, किसने ऐसे लोगों को टेंटर दिया, इन तमाम पहलुओं की जांच भी होनी चाहिए। लाखों लोगों की परेशान और करोड़ों के घोटाले का ये सिस्टम तैयार करने वाले दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही सीईटी से लेकर कॉलेज-विश्वविद्यालयों में दाखिले की अंतिम तिथि को भी आगे बढ़ाना चाहिए।
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