अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को यूपी एसटीएफ ने मेरठ में जानी थाना क्षेत्र के भोला की झाल में एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना उर्फ़ अनिल नागर पर हत्या, लूट, अपहरण सहित कई संगीन मामलों में मुकदमे दर्ज थे। अनिल 10 अप्रैल को ही जमानत पर जेल से बाहर आया था। जिसके बाद उसने मर्डर के एक गवाह को धमकी दी, साथ ही एक कारोबारी से रंगदारी वसूलने के लिए धमकाया तो गौतमबुद्ध नगर में उसके खिलाफ 2 नए केस दर्ज किए गए। जिसके बाद अनिल दुजाना फरार हो गया। यूपी पुलिस पिछले कई दिनों से अनिल दुजाना की तलाश में थी। दुजाना गांव में खंडहर में तब्दील हो चुका यह घर अनिल दुजाना का है जो गौतम बुध नगर की कोतवाली बादलपुर के इलाके में स्थित है। इसी गांव का रहने वाला था अनिल नागर जोकि अपराध की दुनिया में अनिल दुजाना के नाम से जाना जाता था अनिल दुजाना ने आज से दो दशक पहले जुर्म की दुनिया में कदम रखा था और पहला अपराध 2002 में गाजियाबाद के कविनगर में दर्ज हुआ था।
इस मामले में उसने हरवीर पहलवान नाम के व्यक्ति की हत्या का आरोप लगा था। अनिल दुजाना पर करीब 62 केस दर्ज हैं, जिनमें से 18 केस हत्या के हैं और बाकी लूटपाट, रंगदारी, जमीन कब्ज़ा और आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले हैं। इसके अलावा उस पर गैंगस्टर और रासुका भी लग चुका है। जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद अनिल दुजाना फिर गांव नहीं लौटा था। गांव में रहने वाले लोगों का कहना है कि अनिल दुजाना लगभग 20 वर्षों से गांव में आया ही नहीं है और जब उसके पिता और माता की मौत हुई थी तब भी अनिल दुजाना गांव में नहीं आया हालांकि इस दौरान जिला पंचायत का चुनाव अनिल दुजाना के द्वारा लड़ा गया लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरानअनिल दुजाना गांव में नहीं आया अनिल दुजाना के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद बी गांव के लोग अनिल दुजाना के बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। अनिल दुजाना की शादी साल 2019 में पूजा नाम की लड़की से हुई। लेकिन ये किस्सा भी बड़ा रोचक है, क्योंकि अनिल दुजाना एक केस के सिलसिले में जिला अदालत में पेशी के लिए आया था। पेशी ख़त्म हुई तो उसने मंगनी के लिए बनवाए गए शपथ पत्र पर साइन कर अदालत परिसर में ही पूजा को अंगूठी पहना दी थी। इसके बाद बागपत की रहने वाली पूजा अपने परिजनों के साथ घर वापस चली गई थी। पश्चिमी यूपी में जब गैंगस्टर की गैंगवार चर्चा होती थी तब दो नाम नरेश भाटी और सुंदर भाटी नाम लिया जाता था। साल 2004 में जिला पंचायत अध्यक्ष नरेश भाटी की हत्या सुंदर भाटी गुट के द्वारा कर दी गई। नरेश के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने हत्या का बदला लेने के लिए अनिल दुजाना का साथ लिया। साल 2011 के नवंबर में सुंदर भाटी को मारने के लिए तीनों ने सुंदर भाटी के भांजे की शादी चुनी। मकसद सबके सामने मौत के घाट उतार कर दहशत फैलाना था। रणदीप, कसना और दुजाना ने गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई, लेकिन भाटी बच निकल और इस घटना में तीन लोग मारे गए। इसके बाद अनिल दुजाना का खौफ पूरे पश्चिमी यूपी में फैल गया था। इसके बाद साल 2014 में सुंदर भाटी ने पलटवार करते हुए दुजाना के भाई को मार डाला।
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