अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम शहर की स्वच्छता को बनाए रखने और इसे निरंतर बेहतर बनाने के लिए निगम पार्षदों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए पार्षदों से आह्वान किया कि वे निगम अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर शहर की सफाई व्यवस्था को मजबूत करें।मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार के स्तर पर किसी भी प्रकार की संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने पार्षदों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई अधिकारी जनसमस्याओं के समाधान में कोताही बरतता है, तो वे सीधे मुख्यमंत्री से फोन पर संपर्क कर सकते हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को गुरुग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी की विधायक श्रीमती बिमला चौधरी, सोहना के विधायक तेजपाल तंवर और गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा भी मौजूद रहे। बैठक में 18 परिवाद रखे गए, मुख्यमंत्री ने 15 परिवादों का निपटारा करते हुए तीन मामलों को आगामी बैठक तक लंबित रखने के निर्देश दिए और संबंधित अधिकारियों से आगामी बैठक में स्टेटस रिपोर्ट लेकर आने के निर्देश दिए।
नायब सिंह सैनी ने बैठक के दौरान अपने चिर-परिचित संवेदनशील अंदाज़ में उन परिवादियों से स्वयं फोन पर संपर्क किया, जिनके मामले पहले ही निपटाए जा चुके थे, किंतु वे बैठक में उपस्थित नहीं हो सके थे। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक परिवादी से समाधान की स्थिति के बारे में जानकारी ली और यह सुनिश्चित किया कि वे सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं।बैठक में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति के पूर्व सदस्य एडवोकेट रविन्द्र जैन ने बताया कि सदर बाजार में जैन मंदिर के नजदीक जमा कूड़े को उठाने के लिए कई बार सफाई कर्मियों को संपर्क किया गया, लेकिन अभी भी समस्या का निवारण नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने निगम कर्मियों की कार्यशैली से नाराजगी जताते हुए संबंधित क्षेत्र के सेनेटरी इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी जनता की समस्याओं के निवारण के लिए अपनी कार्यशैली में बदलाव करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।बैठक में गाँव बहोड़ा कला से आए एक शिकायतकर्ता ने बताया कि गाँव में किसी व्यक्ति ने शमशान घाट के सरकारी रास्ते पर कब्जा किया है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। मुख्यमंत्री ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वे त्वरित रूप से इस मामले में कारवाई कर चिन्हित रास्ते की पैमाइश करवाएं, यदि संबंधित व्यक्ति ने सरकारी रास्ते पर कब्जा किया है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाए।बैठक में जैकबपुरा से आए शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके वार्ड में सीवर ओवरफ्लो से जलभराव की समस्या निरंतर बनी हुई है। नगर निगम में विभिन्न स्तर पर शिकायत करने के बाद भी समस्या का निवारण नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री ने स्वच्छता से जुड़ी इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए निगम आयुक्त को शिकायत के संदर्भ में संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों को नजरअंदाज करना किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नही किया जाएगा। अधिकारी समस्याओं के निवारण की दिशा में तत्परता से कार्रवाई कर उन्हें राहत प्रदान करने का कार्य करें।इस अवसर पर जिला परिषद की चेयरपर्सन दीपाली चौधरी, गुरुग्राम की मेयर राज रानी मल्होत्रा, प्रधान सलाहकार डीएस ढेसी, जीएमडीए के सीईओ श्यामल मिश्रा, डीसी अजय कुमार, सीपी विकास अरोड़ा, एचएसवीपी की प्रशासक वैशाली सिंह, नगर निगम गुरुग्राम आयुक्त प्रदीप दहिया, एडीसी वत्सल वशिष्ठ, सीटीएम रविंद्र कुमार, भाजपा गुरुग्राम के जिलाध्यक्ष सर्वप्रिय त्यागी, मानेसर के जिलाध्यक्ष अजित यादव सहित अन्य अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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