अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली मेट्रो ने सुनिश्चित किया है कि दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने वाले उभयलिंगी यात्री किसी दिक्कत के बिना स्टेशनों पर शौचालयों का इस्तेमाल कर सकें, इसके लिए स्टेशनों पर उनके इस्तेमाल के लिए अलग से उन शौचालयों का प्रावधान किया गया है, जो अभी तक केवल दिव्यांगजनों द्वारा ही इस्तेमाल किए जाते रहे हैं। उभयलिंगियों के लिए सुरक्षित स्थान की व्यवस्था करने तथा उनके प्रति जेंडर संबंधी भेदभाव को रोकने के अपने प्रयासों में दिल्ली मेट्रो ने प्राथमिकता के आधार पर यह निर्धारित किया है कि अभी तक केवल दिव्यांगजनों के लिए इस्तेमाल हो रहे शौचालयों को उभयलिंगियों द्वारा भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इस समय दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के मेट्रो स्टेशनों पर 347 ऐसे विशेष शौचालय (अन्य यात्रियों के लिए नियमित शौचालयों के अतिरिक्त) हैं। उभयलिंगी इन शौचालयों तक पहुंच सकें, इसके लिए इन शौचालयों के नजदीक सांकेतिक सिंबल के साथ-साथ ‘दिव्यांगजनों के लिए’ और ‘उभयलिंगियों के लिए’ द्विभाषी संकेत बोर्ड (अंग्रेजी और हिंदी में) भी लगाए गए हैं। उभयलिंगियों के लिए अलग से शौचालय के प्रावधान के अलावा, यदि कोई उभयलिंगी अपने जेंडर की स्व-पहचान के आधार पर इन जेंडर आधारित शौचालयों का इस्तेमाल करना चाहे तो वह ऐसा कर सकेगा। डीएमआरसी द्वारा यह उपाय तलाशने के विचार भी किए जा रहे हैं कि फेज़-IV में तैयार होने वाले स्टेशनों पर अलग सार्वजनिक शौचालयों के प्रावधान के लिए डेडिकेटिड लोकेशनों की पहचान की जाए। ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा 22 के प्रावधानों में यह भी आदेश हैं कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए सभी सार्वजनिक भवनों में सार्वजनिक शौचालय सुविधाओं के साथ ही समुचित कल्याणकारी उपायों की व्यवस्था भी की जाए।
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