अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सराय काले खां स्थित आरटीओ दफ्तर का दौरा कर ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि फेसलेस सर्विसेज और ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के मामले में दिल्ली पूरे देश को रास्ता दिखा रही है। देश में फ़ेसलेस सुविधा शुरू करने वाला दिल्ली पहला और अकेला राज्य है। पिछले साल हमने ट्रांसपोर्ट विभाग में यह सुविधा शुरू की। पहले यहां रोज़ दो हजार लोग आते थे और अब 100 से भी कम लोग आते हैं। अब घर बैठे सबका काम होता है और रिश्वत ख़ोरी बिल्कुल बंद हो गई। पिछले 9-10 महीने में करीब 16 लाख दिल्लीवासी फ़ेसलेस सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले आरटीओ में बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार होता था। कहा जाता था कि नीचे से जो पैसा इकट्ठा होता है, वो ऊपर तक जाता है। हमारी ईमानदार सरकार है। इसी वजह से एक-एक कर हम लोगों की सहूलियत के लिए सिस्टम बनाते जा रहे हैं। दिल्ली को देख अब दूसरे राज्य भी इसे शुरू कर रहे हैं। किसी भी राज्य के अच्छे काम से दूसरों को भी सीखना चाहिए, तभी देश तरक्की करेगा।
स्थित आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक का स्थलीय निरीक्षण कर कहा कि दिल्ली सरकार ने फरवरी के महीने में पायलट आधार पर फ़ेसलेस सर्विस शुरू की थी। फ़ेसलेस सर्विस का मतलब कि किसी को दफ्तर आने की जरूरत नहीं है। अपने घर बैठे सब लोग ऑनलाइन सारे काम करा सकते हैं। उसके बाद, अगस्त के महीने में इसको पूरे दिल्ली में लागू किया गया और हमने प्रतिकात्मक रूप से एक दफ्तर पर ताला लगा दिया था। इसका मतलब यह था कि अब दफ्तरों के अंदर लोगों को आने की जरूरत नहीं है। लोगों को अपने ऑफिस से छुट्टी लेने की जरूरत नहीं है। उन्हें लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं है, दलालों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। अगस्त में यह सेवा शुरू की गई थी और करीब 7-8 महीने के बाद आज मैं विभाग के मंत्री कैलाश गहलोत के साथ देखने के लिए आया कि क्या स्थिति है? यहां पर कई सारे काउंटर पर बने हुए हैं। पहले, यहां लगभग दो हज़ार लोग रोज अपने काम कराने के लिए आया करते थे, लोगों की लंबी-लंबी लाइनें होती थी। लोगों को छुट्टी लेनी पड़ती थी और उनको बहुत तकलीफ होती थी। लेकिन अब यहां पर सारे काउंटर खाली पड़े हुए हैं, किसी को यहां आने की जरूरत नहीं है। यहां काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि यहां मुश्किल से 50-100 लोग आते हैं। उसमें कुछ पूछताछ करने के लिए आते हैं या किसी को आवेदन करने नहीं आया, तो उसके लिए आते हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब यहां सारा काम ऑनलाइन हो गया। किसी दलाल का चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं है। यह बहुत ही शानदार एक व्यवस्था की गई है। पूरे देश में पहली बार इस तरह की फ़ेसलेस सर्विसेज शुरू की गई है। दिल्ली को देखकर अब दूसरे राज्य भी शुरू कर रहे हैं। दूसरे स्टेट शुरू करना चाहेंगे, तो उनको गाइड करने और उनकी हैंडहोल्डिंग करने में हमें बड़ी खुशी होगी। क्योंकि जो भी अच्छा काम किसी भी राज्य में हो, तो दूसरों को उससे सीखना चाहिए, तभी देश तरक्की करेगा। सीएम ने कहा कि अभी तक 16 लाख दिल्लीवाले फ़ेसलेस सर्विसेज का फायदा उठा चुके हैं। अगस्त से लेकर अभी तक इन 9-10 महीनों में लगभग 16 लाख दिल्ली वाले फ़ेसलेस सर्विसेस का फायदा उठा चुके हैं। जरा सोचिए कि इससे कितने मैन ऑवर्स बच गए। इन लोगों को अपने-अपने दफ्तरों से छुट्टी लेनी पड़ती। यहां पर दो-दो, तीन-तीन बार चक्कर काटने पड़ते। फेसलेस सर्विसेज शुरू होने से कितने मैन ऑवर्स बच गए और लोगों को कितनी सहूलियत हो गई।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए भी सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते थे। उसको भी हमने अब आसान कर दिया। अब आप जहां से गाड़ी खरीदते हैं, वही डीलर आपको रजिस्ट्रेशन नंबर दे देगा और आपको दिल्ली सरकार के दफ्तर आने की जरूरत नहीं है। पहले इन सारी चीजों में बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार होता था और पहले के जमाने में कहा जाता था कि नीचे से जो पैसा इकट्ठा होता है, वो ऊपर तक जाता है। अब ऊपर वाले हम पैसा लेते नहीं हैं, तो नीचे वालों को इकट्ठा करने की जरूरत नहीं पड़ती। इसी वजह से यह सारे सिस्टम हम बना पा रहे हैं। क्योंकि अब दिल्ली के अंदर एक कट्टर इमानदार सरकार है। इसलिए हमें किसी से कोई हफ्ता नहीं बांधना है, एमएलओ के साथ हफ़्ता नहीं बांधना है, हर आरटीओ से पैसे नहीं लेने हैं। हमारी ईमानदार सरकार है। इसी वजह से एक-एक करके लोगों की सहूलियत के लिए हम सिस्टम बनाते जा रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि सराय काले खां दिल्ली का सबसे पहला ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक था और यह 2018 में बनाया गया था। इसके बाद से 12 ऑटोमेटिक टेस्ट ट्रैक बन चुके हैं। यहां पर सब कुछ ऑटोमेटिक है। पहले कहा जाता था कि कोई दलाल पकड़ लो, बिना ड्राइविंग टेस्ट दिए, लाइसेंस बन जाता है। अब तो सब कुछ ऑटोमेटिक है। कितने सारे कैमरे लगे हुए हैं। अब कम्प्युटर के जरिए सब कुछ अपने आप होता है। अब कोई आपको फर्जी लाइसेंस नहीं दिला सकता। कोई दलाल यह नहीं कर सकता कि आप हमें इतने पैसे दे दो और मैं आपको लाइसेंस दिला दूंगा। अब सारा सिस्टम स्वच्छ और साफ (नीट एंड क्लीन) हो गया है। जिसको ड्राइविंग आती है और ठीक ड्राइविंग आती है, लाइसेंस उसी को मिलेगा। जब से यह पूरा ऑटोमेटिक सिस्टम हुआ है, तब से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने में 50 फ़ीसदी लोग फेल हो जाते हैं, लेकिन इसमें एक बात है, जैसे कि मैंने देखा कि एक महिला टेस्ट फेल हो गई थी, लेकिन किसी को शिकायत नहीं है। यह सबके सामने है। कोई बेमानी नहीं है। सबको दिख रहा है कि वे पास नहीं कर पाए। पूरी तरह से पारदर्शी है। जिससे किसी को कोई शिकवा नहीं है। वे अगली बार आकर फिर से टेस्ट दे देंगे। इससे दिल्ली की सड़कों के ऊपर सेफ्टी बढ़ेगी। जो सही लोग हैं और ड्राइविंग जानते हैं, केवल उन्हीं लोगों को लाइसेंस मिलेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 12 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक अभी तक बन चुके हैं। 8 और बन रहे हैं। इसके बाद दिल्ली में कुल 20 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक हो जाएंगे। इसके बाद से दिल्ली वासियों को इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक और चीज हमने की है कि जो कामकाजी लोग हैं, उनको टाइम नहीं मिलता है। उनको दोपहर में छुट्टी लेकर आना न पड़े। इसलिए हमने उनके लिए इवनिंग शिफ्ट भी रखी है। उन लोगों की सहूलियत के लिए कुछ टेस्ट ट्रैक शाम 5ः00 से 7ः00 बजे तक खोले जा रहे हैं। इसके साथ-साथ डोर स्टेप डिलीवरी भी चल रही है। जैसे किसी को फॉर्म भरने नहीं आ रहा है, तो वे 1076 पर कॉल कर हमारे दिल्ली सरकार के किसी एजेंट को घर बुला सकता है और घर बैठे उसको पूरी सहायता दी जाएगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने परिवहन विभाग को बधाई देते हुए कहा कि विभाग ने बहुत ही शानदार काम किया है। फेसलेस सर्विसेज, ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक में दिल्ली एक तरह से पूरे देश को रास्ता दिखा रही है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘देश में फ़ेसलेस सुविधा शुरू करने वाला दिल्ली पहला और अकेला राज्य है। पिछले साल ट्रांसपोर्ट विभाग में शुरू की। आज सराय काले खां दफ़्तर का इन्स्पेक्शन किया। पहले यहां रोज़ 2000 लोग आते थे। अब 100 से भी कम। घर बैठे सबका काम होता है। रिश्वतख़ोरी बिल्कुल बंद हो गई।’’
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