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दिल्ली स्वास्थ्य

अस्पताल में अभी रोजाना लगभग एक हजार मरीज आ रहे थे, अब इनकी संख्या दो-तीन गुना बढ़ सकती है- अरविंद केजरीवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के हेल्थ सिस्टम को डब्ल्यूएचओ द्वारा तय अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरुप बनाने के लिए केजरीवाल सरकार अथक प्रयास कर रही है। इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत कर रही है। इसी कड़ी में शनिवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित अरुणा आसफ अली अस्पताल में नव निर्मित शानदार ओपीडी ब्लॉक का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ सभी स्वास्थ्य सुविधाएं फ्री कर दी है। अगर हम रामराज्य की परिकल्पना करें तो उसमें सबके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी व फ्री होनी चाहिए। मैं ये नहीं कह सकता कि हम रामराज्य के करीब पहुंच सकते हैं, लेकिन हमारी सरकार इस दिशा में काम करने की कोशिश कर रही हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज, स्थानीय विधायक प्रहलाद सिंह साहनी भी मौजूद रहे। दिल्ली सरकार ने अरुणा आसफ अली अस्पताल में करीब 22.8 करोड़ रुपए के व्यय से ग्राउंड फ्लोर के अलावा तीन मंजिला नया ओपीडी ब्लॉक बनाया है। इस ब्लॉक में 25 परामर्श कक्ष हैं। दो लिफ्ट और दो सीढ़ियां हैं। इसे बनाने में करीब एक साल का समय लगा है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अस्पताल का नया ब्लॉक बनकर तैयार हो गया है। बताया जा रहा है कि पुराने ब्लॉक में जगह की बहुत ज्यादा कमी थी। नवनिर्मित ब्लॉक में काफी जगह है और पूरी तरह से वातानुकूलित है। ब्लॉक का निरीक्षण के दौरान मैंने कुछ मरीजों से भी बात की। एक अम्मा सोनिया विहार से आई थीं। सोनिया विहार इस अस्पताल से काफी दूर है। उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में डॉक्टर बहुत अच्छे हैं। इसी तरह कुछ मरीज शास्त्री पार्क से आए थे। वे लोग भी डॉक्टरों की बहुत तारीफ कर रहे थे। अस्पताल में जगह की कमी की वजह से पहले डॉक्टर को ओपीडी में मरीजों का इलाज करने में दिक्कत होती थी। मुझे उम्मीद है कि अब अस्पताल में लोगों के आने की संख्या भी बढ़ेगी। अभी अरुणा आसफ अली अस्पताल में रोजाना की ओपीडी 800 से 1000 हजार है, यह संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। नया ओपीडी ब्लॉक बन जाने के बाद अब दो से तीन गुना लोगों की संख्या बढने की उम्मीद है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी जानते हैं कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर हमारा सबसे अधिक फोकस है। दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत बड़े स्तर पर खर्च किया जा रहा है। अभी तक दिल्ली में कुल 10 हजार बेड होते थे। दिल्ली में बेड की संख्या बढाने के लिए 11 नए अस्पताल बन रहे हैं। इसके अलावा मौजूदा कई अस्पतालों में नए ब्लॉक बनाए जा रहे हैं। इससे दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 16 हजार और नए बेड तैयार हो जाएंगे। इसके बाद हम दिल्ली में प्राइवेट, केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों को मिलाकर बेड के मामले में डब्ल्यूएचओ के मानकों को भी पार कर जाएंगे और दिल्ली के अंदर अंतर्राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से स्वास्थ्य सेवाएं हो जाएंगी।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लोग शुरू से ही इस बात पर विश्वास करते हैं कि शिक्षा और स्वास्थ्य एक ऐसी चीज है कि सरकार को सभी को अच्छी गुणवत्ता की मुहैया करानी चाहिए। हमने सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार करने की कोशिश की। ढेर सारे मोहल्ला क्लीनिक, पॉलिक्लीनिक बनाए। कई नए अस्पताल बनाए जा रहे हैं। पुराने अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी सुधारा जा रहा है। एक तरफ हम लोगों ने सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता में सुधार किया और दूसरी तरफ सभी सुविधाएं फ्री कर दी। सरकारी अस्पतालों में सारी दवाइयां, टेस्ट, ऑपरेशन समेत सारा इलाज फ्री है। पहले दिक्कत ये थी कि कहने के लिए सब फ्री थी, लेकिन लोगों को मिलती नहीं थी। दवाइयों की खिड़की खुलती थी, लेकिन दवाइयां नहीं मिलती थी। मशीनें खराब रहती थी। अब वो दिक्कतें नहीं हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि राजनीति में आने से पहले मैं सुंदर नगरी और नंद नगरी की झुग्गियों में काम किया करता था। उस दौरान जीटीबी अस्पताल ज्यादा जाना होता था। जीटीबी अस्पताल के सामने एक्सरे और दवाइयों की कई दुकानें होती थीं। क्योंकि अस्पताल में डॉक्टर दवाइयां लिख देता है, वो अस्पताल में नहीं मिलती थी और लोगों को बाहर से खरीदनी पडती थीं। अब अस्पताल के बाहर स्थित सारी दवाइयों की दुकानें बंद हो गई हैं, क्योंकि अब अस्पताल के अंदर ही सारी दवाइयां मिलने लगी है। अस्पताल में सारी सुविधाएं हो गई हैं। एक्सरे भी फ्री में होता है। मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि दिल्ली के हेल्थ सिस्टम की चर्चा पूरे देश के अंदर होती है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विभिन्न अस्पतालों में 16 हजार नए बेड बनने के बाद दिल्ली में पर्याप्त स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर हो जाएगा। फिर हमें इसके प्रबंधन पर ध्यान देना पड़ेगा, ताकि इसे पूरी तरह से कुशल बनाया जा सके और सभी मशीनें, डॉक्टरों और सुविधाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो सके। चूंकि दिल्ली देश की राजधानी है। इसलिए पूरे देश भर से लोग दिल्ली आते हैं। यह अच्छी बात है। आने चाहिए। अगर कोई कहीं और बीमार होता है और दिल्ली आकर इलाज कराना चाहता है, तो उसको आना चाहिए। इसलिए भी हमें अपने पूरे स्वास्थ्य सिस्टम को दक्ष बनाना होगा।सीएम  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिनों में दशहरा और दीपावली आने वाली है। हम भगवान राम की पूजा करते हैं। रामराज्य की चर्चा की जाती है। मैं ये नहीं कह सकता कि हम रामराज्य के करीब पहुंच सकते हैं, लेकिन अगर हम रामराज्य की परिकल्पना करें तो उसके अंदर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी व फ्री होनी चाहिए। चाहे कोई अमीर हो या गरीब हो, सबको एक जैसा अच्छा इलाज मिलना चाहिए और एक जैसी अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। हमारी सरकार रामराज्य की परिकल्पना की दिशा में काम करने की कोशिश कर रही है। मैं समझता हूं कि अरुणा आसफ अली अस्पताल में बना नया ओपीडी ब्लॉक हमारे उस मकसद की तरफ एक और कदम है।

*ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत इन 11 अस्पतालों में तैयार हो रहे 10 हजार बेड*
1- सिरसपुर (1164 बेड)2-ज्वालापुरी (691 बेड)3- मादीपुर (691 बेड)4-हस्तसाल (691 बेड)5- शालीमार बाग (1430 बेड)6- सुल्तानपुरी (525 बेड)7- चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय एनेक्सी (610 बेड)8- जीटीबी अस्पताल एनेक्सी (1912 बेड)9- सरिता विहार (336 बेड)10- गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल एनेक्सी (1565 बेड)11-  किरारी (485 बेड) 
ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट्स के तहत 10 अस्पतालों में तैयार हो रहे 6505 बेड
1- न्यू ब्लॉक लोक नायक अस्पताल (1570 बेड)2- सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल, नरेला (773 बेड)3- बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल, रोहिणी (1063 बेड)4- गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल (572 बेड)5- लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल (460 बेड)6- संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल, मंगोलपुरी (672 बेड)7- आचार्य श्री भिक्षु सरकार. अस्पताल, मोती नगर (370 बेड)8- राव तुला राम मेमोरियल अस्पताल, जाफरपुर, नजफगढ़ (370 बेड)9- दादा देव मातृत्व एवं शिशु अस्पताल, डाबरी (281 बेड)10- कैजुअल्टी ब्लॉक, लोक नायक अस्पताल (384 बेड)
– इसके अलावा 537 मोहल्ला क्लीनिक कार्यरत हैं। इसमें से 05 महिला मोहल्ला क्लीनिक हैं।
*अरुणा आसफ अली सरकारी अस्पताल में उपलब्ध सुविधाएं*
अरुणा आसफ अली सरकारी अस्पताल 100 बिस्तरों वाला मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल है जो 24 घंटे निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करता है– दुर्घटना एवं आपातकालीन सेवाएं (प्रति दिन 275 रोगियों की देखभाल)- श्रम कक्ष- आईसीयू (5 वेंटिलेटर के साथ 9 बेड वाला आईसीयू)- ब्लड स्टोरेज – लैब सुविधाएं.

*ओपीडी की सेवाएं*
अस्पताल में प्रति दिन लगभग 1000 मरीजों की ओपीडी होती है और निम्नलिखित आउटडोर उपचार सेवाएं प्रदान करता है– सामान्य दवा- जनरल सर्जरी- हड्डी रोग- बाल चिकित्सा- स्त्री रोग एवं प्रसूति एवं परिवार नियोजन- ईएनटी- आंख- दंत चिकित्सा
*आईपीडी की सेवाएं*
आईपीडी में हर महीने करीब 560 मरीज आते हैं। यहां प्रति माह करीब 45 प्रमुख सर्जरी और 38 आपातकालीन सर्जरी होती है।
*दिल्ली के कई इलाकों से अस्पताल पहुंचने के लिए साधन उपलब्ध*
दिल्ली के राजपुरा रोड स्थित अरुणा आसफ अली अस्पताल 100 बेड का मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल है। तीस हजारी मेट्रो स्टेशन, आईएसबीटी (कश्मीरी गेट) और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से यहां असानी से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा अरुणा आसफ अली अस्पताल की देखरेख में सब्जी मंडी में मॉर्चूरी डिपार्टमेंट भी काम कर रहा है, जहां पोस्टमॉर्टम किए जाते हैं।

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