अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुजरात में दलितों व कमजोर वर्गों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में पत्रकार वार्ता करते हुए गुजरात से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा-आरएसएस के लोग बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान में विश्वास नहीं रखते, बल्कि वे मनुस्मृति के मूल्यों में यकीन रखते हैं। मेवाणी ने याद दिलाया कि आरएसएस-भाजपा के लोग पहले भी बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को ‘समंदर में फेंकने’ और ‘हमें भारत का संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए’ जैसी बातें कह चुके हैं। इसी सोच का परिणाम है कि दिल्ली की सड़कों पर संविधान की प्रतियां जलाई गईं, रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया, हाथरस की बेटी के परिवार को उसका अंतिम दर्शन नसीब नहीं हुआ और गुजरात के ऊना में दलित युवकों को बेरहमी से पीटा गया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सदन में घृणा भाव से ‘अंबेडकर-अंबेडकर करना आजकल फैशन बन गया है’ कहने का भी उल्लेख किया।
कांग्रेस नेता ने गुजरात में घटित अनेक घटनाओं का सिलसिलेवार उल्लेख करते हुए कहा कि अमरेली में 19 साल के दलित युवक की सरेआम हत्या कर दी गई, पाटन में दलित बुजुर्ग को जिंदा जला दिया गया। सुरेंद्रनगर जिले में अत्याचार की शिकायत दर्ज कराने जा रहे दलित लड़कों पर एके-47 से गोलियां दागी गईं। उन्होंने संतरामपुर में एक दलित लड़की के 11 दिन तक गैंगरेप का भयावह मामला भी उजागर किया, जिसमें भाजपा के तीन नेता शामिल थे। उन्होंने बताया कि कैसे भाजपा नेताओं के नाम वाली पहली एफआईआर को पुलिस सब-इंस्पेक्टर और एएसआई ने स्टेशन डायरी के पन्नों सहित फाड़ दिया और दोषियों को केवल तीन हजार रुपये का दंड देकर छोड़ दिया गया। मेवाणी ने दलितों पर अत्याचार के मामलों में दोषियों को सजा मिलने की बेहद कम दर का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 30-35 प्रतिशत है, जबकि गुजरात में यह केवल तीन से पांच प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि 95 प्रतिशत अपराधी छूट जाते हैं। कांग्रेस नेता ने राज्य की भाजपा सरकार की निष्क्रियता पर निशाना साधा। साथ ही राजकोट के गोंडल में एक दलित युवक के अपहरण और प्रताड़ना की घटना के बाद मुख्यमंत्री द्वारा पीड़ित से मिलने के बजाय आरोपी के कार्यक्रम में शामिल होने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ऊना की घटना के बाद दिए उस बयान पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था, “मारना है तो मुझे मारो, मेरे दलित भाइयों को मत मारो।” उन्होंने पूछा कि आठ साल बीत जाने के बावजूद देश के कोने-कोने में दलितों और आदिवासियों के साथ अत्याचार आखिर क्यों नहीं रुक रहा है।गुजरात पब्लिक सर्विस कमीशन को जातिवाद का अड्डा बताते हुए उन्होंने कहा कि दलित, ओबीसी और आदिवासी छात्रों के साथ भेदभाव होता है एवं उन्हें साक्षात्कार में जानबूझकर कम नंबर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सोची-समझी साजिश के तहत वंचित समाज के एकलव्यों का अंगूठा काटा जा रहा है।मेवाणी ने कहा कि गुजरात में दलितों, आदिवासियों और कमजोर वर्गों के साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी अगस्त-सितंबर में एक बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रही है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments