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दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने आयोजित जनसभा में सुनाया किस्सा-सुने लाइव वीडियो में।


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां आकर बहुत खुशी हो रही है मुझे,येश्री बसवन्ना जी, श्री सवाई गंधर्व जी, कित्तूर रानी चेन्नम्मा जी की धरती है और संत सिद्धेश्‍वर स्‍वामी जी को भी मैं आज यहां मंच से श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। देखिए आपका जो क्षेत्र है धारवाड़, ये बहुत प्रसिद्ध है। आपने संगीत, कला, साहित्‍य में महान विभूतियां दीं, यहां के किसान, उनकी शक्ति अपार रही, यहां पर आपने जब-जब अन्‍याय देखा, आप अन्‍याय के खिलाफ खड़े हुए। जगदीश शेट्टर जी, आपका भी बहुत-बहुत स्‍वागत।देखिए मैं यहां जब आ रही थी तो रास्‍ते में एक छोटी सी दुकान थी और मैंने देखा एक महिला, लगभग मेरी उम्र की महिला बाहर खड़ी हुई है तो सबने कहा थोड़ा समय है तो मैं रुक गई और मैं उनकी दुकान के अंदर चली गई और उनसे बातचीत की मैंने। उन्‍होंने मुझे बताया कि उनकी बेटी यहां सभा में है, उनका नाम बाल नागम्‍मा था और मैंने कुछ देर के लिए बातचीत की तो उन्‍होंने मुझे बताया। मैंने पूछा कि क्‍या करती हो? इस दुकान में क्‍या-क्‍या बनता है? क्‍या बेचती हो? किस तरह से आमदनी होती है?

उन्‍होंने मुझे बताया कि 16 साल की उम्र में उनकी शादी हुई थी और जब से शादी हुई वो यहीं रहती हैं और उन्‍होंने हमेशा से अपने लिए कुछ काम किया है, अपने परिवार के लिए, अपने बच्‍चों की परवरिश के लिए, 7 बच्‍चे थे, अब बड़े हो गए हैं, अभी मेरी उम्र की हैं, मुझे बहुत अच्‍छी चाय बनाकर दी। मैंने सुना है यहां के पेड़े भी बहुत प्रसिद्ध हैं, लेकिन पेड़े नहीं खाए मैंने। तो मैंने खूब सवाल पूछे नागम्‍मा जी से, मैंने पूछा कि कैसा लगता है, मुश्किलें क्‍या हैं, महंगाई कितनी है, घर कैसे चलाती हो, ये सारे सवाल पूछे और उनकी बातों से मुझे एक बात समझ में आई कि मेरी बहनें यहां बैठी हैं आपके जैसे, मेरे जैसे, वो ये सब काम इसलिए कर रहीं थीं कि अपने बच्‍चों का भविष्‍य मजबूत बने।क्‍योंकि हम जो भी हैं चाहे हम महिला हो, चाहे पुरुष हो जब हम एक उम्र के हो जाते हैं, बच्‍चे होते हैं, परिवार होता है तो हम हमेशा यही चाहते हैं कि बच्‍चे बड़े होकर उनका भविष्‍य अच्‍छा हो, सही सलामत हो, खुश रहें, यही चाहते हैं तो हम सब जो चाहते हैं वो एक ही चीज है। हम चाहते हैं कि हमारे बच्‍चे भी हमारी संस्‍कृति से सीखें, समाज से सीखें, हमारी सभ्‍यता क्‍या है? ये सब चाहते हैं। तभी हमें गर्व होता है कि हमने कुछ किया, जब हम देखते हैं कि हमारे बच्‍चों का भविष्‍य है, कोई नौकरी कर रहा है, कोई सभ्‍य है, अच्‍छी तरह से सबसे बातचीत करता है, अपनी संस्‍कृति को भी समझता है।इसीलिए हम समाज से भी और सरकार से भी यही चाहते हैं कि हमारे भविष्‍य को मजबूत बनाने के लिए सरकार काम करे, हमारी संस्‍कृति, हमारी सभ्‍यता पर हमें गर्व हो, हमारी सरकार पर हमें गर्व हो। क्‍योंकि सरकार हमारे सिर्फ वोट देने का मामला नहीं होता है कि 5 सालों में जब चुनाव आएगा तो हम किसको वोट देंगे? हम आते हैं, हम आपको बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी क्‍या करना चाहती है? दूसरी पार्टी आती है, वो भी बताती है कि क्‍या करना चाहती है? आप उस आधार पर तय करते हो कि किसको वोट देना है? लेकिन आपको समझना होगा आज कि सरकार की आपके जीवन में कितनी बड़ी भागीदारी है। जब आप वोट देते हो तो कितनी महत्‍वपूर्ण चीज है जो आप करने जा रहे हो, खासतौर से मेरी बहने। नागम्‍मा ने मुझे बताया कि सिलेण्‍डर नहीं खरीद पाते इतना महंगा हो गया है, मुझे बताया कि पहले चावल सस्ते मिलते थे, अब 60 रुपए के मिलते हैं और जो चावल मिलते हैं सरकार से, वो खाने लायक नहीं है।ज्‍यादातर जब मैं कर्नाटका आती हूं, अभी यहां पर भी और इससे पहले भी जहां थी जब मैंने जनता से बात की तो मैंने पूछा कि नौजवान पढ़े-लिखे हैं, सब पढ़े-लिखे हैं। चाहे बाल नागम्‍मा का बेटा हो, चाहे किसान का बेटा हो, चाहे मजदूर का बेटा हो, आप सबने अपनी मेहनत से, अपनी ईमानदारी की कमाई से अपने बच्‍चों की परवरिश की और अपने बच्‍चों को शिक्षा दिलवाई, यहां तक कि पूरे देश को कर्नाटका पर गर्व है, लेकिन जहां-जहां मैंने पढ़े-लिखे नौजवान देखे, मैंने ये भी देखा कि वो बेरोजगार हैं, आपने मेहनत से पढ़ाया-लिखाया, ईमानदारी से काम किया तो आपने अपनी सरकार से भी ये उम्‍मीद की कि आपकी मेहनत के लिए सरकार भी ईमानदारी से काम करके आपके लिए कुछ करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बहनों और भाइयों, जो सरकार 3.5 साल पहले यहां कर्नाटका में बनी, उसकी शुरुवात ही ईमानदार नहीं थी।आप सोचिए इससे पहले जो कांग्रेस की सरकार बनी थी, उसने किसान के कर्ज माफ करने शुरू किए थे, अन्‍ना भाग्‍य कांग्रेस ने शुरू की, पशु भाग्‍य थी, किसानों के लिए कृषि भाग्‍य थी, आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए आरोग्‍य भाग्‍य थी, शिक्षा के लिए विद्याश्री थी, खाने के लिए इंदिरा कैंटीन बनाए गए, ये सारी योजनाए आपकी भलाई के लिए बनी थीं। आज भी जहां कांग्रेस की सरकार है छत्तीसगढ़ में 18 लाख किसानों के कर्ज माफ किए गए, धान का सबसे ज्‍यादा एमएसपी 2,660 रुपए आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार दे रही है। किसानों को 9,000 रुपए प्रति एकड़ सब्सिडी मिल रही है, मजदूरों को 7,000 रुपए हर साल मिल रहे हैं उनकी मदद के लिए, पुरानी पेंशन स्‍कीम लागू है, राजस्‍थान में कांग्रेस की सरकार है, वहां भी लागू है, राजस्‍थान में स्‍वास्‍थ्‍य आपका अधिकार बना हुआ है, किसानों का भी कर्ज माफ हुआ और इसी तरह से हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्‍कीम शुरू कर दी है और आहिस्‍ते-आहिस्‍ते जितने भी वादे किए, वो पूरे करने का पूरा प्रयास हो रहा है।तो देखिए जब सरकार ईमानदार होती है, जब सरकार चाहती है कि आपके लिए कुछ काम करें तो करके दिखाती है। हम कर्नाटका के लिए, कर्नाटका के भविष्‍य के लिए बहुत काम करना चाहते हैं, प्रगति लाने की 100 प्रतिशत हम गारण्‍टी देना चाहते हैं। आपको मालूम नहीं होगा आज की जो भाजपा की सरकार है इसमें 2,50,000 सरकारी पद खाली हैं, मतलब 2,50,000 बच्‍चों को रोजगार मिल सकता था, ये पद खाली हैं, लेकिन यहां के नौजवानों को नहीं मिले हैं।हम गारण्‍टी देते हैं कि हम ये पद भरेंगे, हम आपकी मेहनत का आदर करते हैं, हम जानते हैं आपने मेहनत से पढ़ाया-लिखाया अपने बच्‍चों को और ये जो रोजगार है, ये नौकरियां जो हैं, ये आपके बच्‍चों का हक है, हम एक योजना शुरू करना चाहते हैं युवा निधि, युवा निधि का मतलब है कि ग्रेजुएट है, लेकिन उसको अभी नौकरी नहीं मिली, उसको हर महीने 3,000 रुपए सरकार देगी, जिसके पास डिप्‍लोमा है, उसको 1,500 रुपए हर महीने। मैंने अन्‍ना भाग्‍य की बात की, 10 किलो चावल मुफ्त मिलेंगे अन्‍ना भाग्‍य में, गरीब परिवार को 200 यूनिट बिजली मुफ्त में मिलेगी, इसको गृह ज्‍योति कार्यक्रम कहेंगे और मेरी बहने जो गृहस्‍थ हैं, जो घर संभालती हैं, ये मत समझो कि हम पहचानते नहीं हैं कि आप कितना बोझ उठाती हो? अभी-अभी मैंने खुद मिसाल देखी कि किस तरह 7 बच्‍चों को पाला, लेकिन काम करती रहीं हैं, मेरी उम्र की हैं, लेकिन फिर भी आज काम कर रही हैं। आप चाहे खेती में काम करती हो, चाहे आपकी जॉब होती है, चाहे कुछ भी होता है, घर आकर भी आप काम करती हो न। घर आकर भी घर की पर‍वरिश, बच्‍चों की परवरिश, खाना बनाना, सबकी देखभाल करना ये हम ही करते हैं महिलाएं, समाज का बोझ भी हम उठाते हैं और संस्‍कृति को भी आगे हम ही बढ़ाते हैं, अपने बच्‍चों को सिखाकर। इसलिए कांग्रेस पार्टी आपको पहचानती है और 2,000 रुपए प्रति महीने आपको देना चाहती है, आपके खाते में। तो ये सब कांग्रेस पार्टी करना चाहती है आपके लिए, एक ऐसी सरकार बनाना चाहती है जो आपके साथ खड़े होकर आपके भविष्‍य में भागीदार बने।देखिए अफसोस ये है कि आज कर्नाटका में जो हो रहा है वो देखकर दिल दुखता है, आपने भरोसे से अपना वोट दिया, अपनी सरकार बनाना चाही, उस सरकार को इन्‍होंने तोड़ा, एक नई सरकार बनाई, ठीक है कम से कम वो सरकार आपके लिए काम करके दिखाती, लेकिन किसी की इज्‍जत नहीं की, आपकी इज्‍जत नहीं की, आपके वोट की इज्‍जत नहीं की, आपके प्रदेश की इज्‍जत नहीं की, यहां बैठे हुए जगदीश शेट्टार जी की इज्‍जत नहीं की, पूरे लिंगायत समाज की इज्‍जत नहीं की और इतना खुलकर भ्रष्‍टाचार किया है कि जो भ्रष्‍ट है उसको टिकट मिल रहा है, जो ईमानदार है उसको नहीं मिलता, जो भ्रष्‍ट है उसको प्रधानमंत्री जी फोन करते हैं उनको मनाने के लिए, उससे बात करने के लिए, जो ईमानदार है, उसे परे कर देते हैं।तो जब जनता की इज्‍जत नहीं होती, जब नेता ये नहीं समझ पाता कि नेता को बनाने वाली जनता है, जब सत्‍ता के लालच में, पैसों के लालच में सरकारें बनती हैं तो बहुत ऐसी चीजें हो जाती हैं प्रदेश में और देश में जो गलत होती हैं। देखो हमारी सभ्‍यता क्‍या है – हम सब अपने बच्‍चों को अच्‍छा-अच्‍छा सिखाते हैं। मान लो आपका बच्‍चा किसी और के घर में चला गया, कुछ उठाकर घर ले आया तो आप क्‍या करोगे – उसको डांटोगे, उसको सिखाओगे कि ये गलत है, वापस जाओ उस घर में, लौटा दो वो चीज।  तो ये 40 परसेंट की जो सरकार है, जो कर्नाटका को लूट रही है, लूट रही है, लूट रही है, इसको कब समझाओगे। क्‍या नहीं लूटा है आपसे? जो कॉन्‍ट्रेक्‍टर्स हैं आत्‍महत्‍या कर रहे हैं, क्‍योंकि लूटे गए हैं, कॉन्‍ट्रेक्‍टर एसोसिएशन प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखते हैं, कुछ नहीं होता, जितने भी भर्ती के आपके एग्‍जाम हैं, ये बेचारे बच्‍चे पढ़ते हैं एग्‍जाम के लिए, भर्ती के लिए एग्‍जाम करते हैं, जितने भी हैं उसमें लूट हो गई, घोटाले हो गए, इतना खुला भ्रष्‍टाचार हो गया है कि एक विधायक के बेटे के घर में 8 करोड़ रुपए कैश मिलता है, उस पर कार्रवाई नहीं होती, उस पर कार्रवाई नहीं होती उल्‍टा उसके पिताजी परेड निकालते हैं कि मुझे कुछ करके दिखाओ, किसान आत्‍महत्‍या करते हैं, उन्‍हें दाम नहीं मिलते अपनी उपज के, उल्‍टा जीएसटी लगती है हर चीज पर, डीजल-पेट्रोल के दाम ऊपर हो गए, हर चीज पर, चाहे दवाई हो, चाहे आपकी खाने की चीजें हो, चाहे किसान की चीजों हो, सबकुछ जीएसटी लगाकर महंगा हो गया।

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