अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी सादगी भरे जीवन जीने का एक और उदाहरण पेश करते हुए आज मुख्यमंत्री के कार काफिले में शामिल चार गाड़ियों के 0001 नम्बर छोड़ने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा मंत्रिमंडल के बैठक में आए हरियाणा मोटर वाहन नियम 1993 में संशोधन पर आए एक एजेंडे पर चर्चा के दौरान की। बाद में मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों में इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि आज से वाहनों के सभी वीवीआईपी नम्बर अब आम जनता के लिए उपलब्ध होंगे जो ई-ऑक्शन के माध्यम से लिए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री के अलावा हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने भी अपनी गाड़ी का वीवीआईपी रजिस्ट्रेशन नम्बर आज से छोड़ने की घोषणा की है। इस प्रकार वीवीआईपी नम्बर रखने के शौकीन जनता के लिए 179 सरकारी गाड़ियों के नम्बर ई-ऑक्शन से मिल सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रस्ताव है कि सभी सरकारी गाड़ियों के नम्बर के लिए एचआर-जीओवी नाम से एक नई सीरीज शुरू की जाए ताकि सरकारी गाड़ियों की पहचान अलग से हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें अनुमान है कि ई-ऑक्शन से मिलने वाला 179 गाड़ियों के नंबरों से 18 करोड़ रुपये का राजस्व जनता के काम आयेगा।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की पहल पर एन.सी.आर. में गाड़ियां ग्रीन टेक्नोलॉजी से चले, इसके लिए फरीदाबाद की एक कम्पनी ने ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन की शुरुआत भी कर दी है। उन्होंने बताया कि दो गाड़ियों में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग की शुरुआत की गई है। जिनमें से एक गाड़ी प्रयोग तौर पर स्वयं नितिन गडकरी के पास है तथा गत गत 4 अप्रैल को गडकरी ने गाड़ी में सवारी भी की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना , जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक, डॉ. अमित अग्रवाल भी उपस्थित थे।
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