अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि मोरनी जैसे पहाड़ी क्षेत्र में किसानों को फसल उत्पादन में आ रही चुनौतियों को दूर करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों से फीडबैक लेकर समस्याओं की पहचान करे और उनका समाधान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करे। उन्होंने निर्देश दिए कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड मोरनी जैसे क्षेत्र में किसानों की बागवानी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए लघु कलेक्शन सेंटर स्थापित करने की संभावना पर भी कार्य करे। मुख्यमंत्री आज यहां वर्ष 2025-26 की बजट अनाउंसमेंट के संबंध में विभिन्न विभागों की घोषणाओं की प्रगति के सम्बन्ध में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
कृषि विभाग की बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए 1 लाख एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि प्राकृतिक खेती को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए अधिकारियों को सक्रियता से कार्य करना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ें। साथ ही, प्राकृतिक खेती से संबंधित अतिरिक्त प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस भावना से योजनाएं बनाई जाती हैं, उसी भावना से उनका धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसान इन योजनाओं का अधिकतम लाभ उठा सकें।
बागवानी विभाग की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की आय के साधन बढ़ाने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को शीघ्र लागू किया जाए। उन्होंने नई बागवानी नीति के क्रियान्वयन में भी तेजी लाने पर बल दिया ताकि इसे अति शीघ्र लागू किया जा सके। बैठक में बताया गया कि राज्य में बागवानी विभाग द्वारा 11 उत्कृष्टता केंद्र पहले से ही संचालित किए जा रहे हैं, जबकि 3 केंद्र निर्माणाधीन हैं। इस वर्ष के बजट में तीन नए उत्कृष्टता केंद्रों – खजूर के लिए बरवाला (हिसार), लीची के लिए नबीपुर (अंबाला) और स्ट्रॉबेरी के लिए छछरौली (यमुनानगर) की स्थापना का भी प्रस्ताव है । इन पर विभिन्न चरणों में कार्य प्रगति पर है जिसे निर्धारित समय में पूरा कर लिए जायेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में वीटा के बूथों की संख्या बढ़ाई जाए जिससे लोगों को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हो सकें। बैठक में मुख्यमंत्री ने क्रमवार कृषि विभाग, बागवानी विभाग, वीटा, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, हरियाणा वेयरहाउस कॉरपोरेशन और पशुपालन एवं डेयरी विभाग की बजट घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की और निर्देश दिए कि निर्धारित समय-सीमा में कार्यों को तेज गति से पूरा किया जाए।
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