अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हिसार द्वारा शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आज रविवार को सतबीर सिंह ( प्राइवेट व्यक्ति ) पुत्र इन्द्र सिंह निवासी मालवी,जिला जींद (संजय नर्सिंग होम जुलाना कर्मचारी) को शिकायतकर्ता से आरोपित डा. संजय जागडा,चेयरमैन नगर पालिका जुलाना जिला जींद के कहे अनुसार 2,27,500/-रुपए (दो लाख सताईस हजार पांच सौ रूपये) नकद रिश्वत लेते रंगे हाथो व आरोपित डा. संजय जांगडा, चेयरमैन नगर पालिका, जुलाना जींद को उसके विरुद्ध रिश्वत राशी की मांग करने सम्बन्धित पूर्ण तथ्य/साक्ष्य प्राप्त होने उपरान्त संजय नर्सिंग होम, जुलाना से गिरफतार किया गया है। दोनों आरोपितों के विरुद्ध एफआईआर संख्या 25 दिनांक 16.8.2025 धारा 7, 7ए पीसी एक्ट व 308 (2) थाना, राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, करनाल में दर्ज किया गया। आरोपित को न्यायालय के सम्मुख पेश किया जाएगा।

मामला यह था कि शिकायतकर्ता ने राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हिसार को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि वह शहरी स्थानीय निकाय विभाग, हरियाणा में ठेकेदारी का कार्य करने के लिए विभाग के पोर्टल पर 10 करोड़ रुपए के कार्य करने के लिए रजिस्टर है। उसके द्वारा वर्ष 2024 में नगर पालिका, जुलाना में तालाबों के सौंदर्यीकरण कार्य का ठेका लिया था। उसके द्वारा इस कार्य में से 50 प्रतिशत कार्य का दूसरा रनिंग बिल कुल 91,20,800/-रुपए का विभाग में प्रस्तुत किया गया। इस बिल को पास करने की एवज में आरोपित डा. संजय जांगड़ा, चेयरमैन नगरपालिका, जुलाना द्वारा उससे पहले इस बिल को पास करने की एवज में उससे 5 प्रतिशत राशि की बतौर रिश्वत के तौर मांग की गई।

इसके द्वारा पांच प्रतिशत के हिसाब से राशी देने पर असमर्थता जताई गई। इस पर आरोपित द्वारा तीन प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत राशि लेने बारे सहमति दी गई। आरोपित की सहमति उपरांत उसके द्वारा आरोपित डा.संजय जांगड़ा से कहा गया कि अभी उसके पास पैसे नहीं है। वह उसके बिल पास होने उपरान्त तीन प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत राशि दे देगा। दिनांक 11.8.2025 को उसके दूसरे रनिंग लंबित बिल की अदायगी उसे होने पर उपरांत वह आरोपित डा. संजय जांगड़ा, चेयरमैन नगरपालिका, जुलाना से मिला तथा उसके द्वारा आरोपित से निवेदन किया गया कि उसका इस कार्य में काफी नुकसान हो गया है। अब वह तीन प्रतिशत कमीशन राशि को भी कम करें । इस पर अब आरोपित द्वारा उससे उपरोक्त बिल पास करने की एवज में अढ़ाई प्रतिशत के हिसाब से कुल 2,27,500/-रू. नकद रिश्वत की मांग की है।
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