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चंडीगढ़ ब्रेकिंग: संगठित अपराध और अपराधियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए एक संस्थागत तंत्र करेगी स्थापित

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़:राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के पुलिस बलों के सहयोग से शुक्रवार को वास्तविक समय के साथ-साथ नियमित सूचना साझा करने और उत्तरी क्षेत्र में गैंगस्टर इको-सिस्टम के खिलाफ समन्वित कार्रवाई और संचालन के लिए एक सामूहिक संस्थागत तंत्र की स्थापना करने की घोषणा की।उन्होंने उत्तरी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय विभिन्न आपराधिक सिंडिकेट के समस्त नेटवर्क को सूचीबद्ध करने के लिए एनआईए और तीन पुलिस बलों के प्रतिनिधि अधिकारियों के साथ एक ‘संयुक्त लिस्टिंग समिति‘ स्थापित करने का भी निर्णय लिया। इन क्षेत्रों में संगठित अपराधों और अपराधियों के मुद्दे के समाधान के लिए सभी हितधारकों की मासिक बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
   
उक्त निर्णय एनआईए महानिदेशक दिनकर गुप्ता की अध्यक्षता में हरियाणा के पंचकुला में आयोजित एक उच्च स्तरीय अंतर-राज्य समन्वय बैठक में लिए गए। बैठक में उत्तरी राज्यों में सक्रिय संगठित आपराधिक सिंडिकेट/समूहों के लीडर और सदस्यों की गतिविधियों और उनसे जुड़े विभिन्न आपराधिक मामलों में चल रही जांच पर भी चर्चा हुई।संगठित आपराधिक आतंकी सिंडिकेट के खतरे से निपटने के लिए एनआईए डीजी द्वारा संचालित यह दूसरी ऐसी बैठक थी। डीजी ने विभिन्न पुलिस एजेंसियों और बलों के बीच निष्कर्षों और इनपुट को साझा करके ऐसे सिंडिकेट से सामूहिक रूप से निपटने के लिए इन बैठकों की शुरुआत की थी।संगठित अपराध से निपटने में सहयोगात्मक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल देते हुए  दिनकर गुप्ता ने विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्र में इन आपराधिक सिंडिकेटों द्वारा बढ़ते खतरे को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए एनआईए, पंजाब पुलिस, चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा पुलिस के बीच सहयोग और जानकारी साझा करने का आह्वान किया। एनआईए, जो आपराधिक आतंकी सिंडिकेट के खिलाफ ऐसे तीन मामलों की जांच कर रही है, ने जेलों से संचालित सिंडिकेट द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली पर अपने निष्कर्ष और टिप्पणियां साझा कीं। साथ ही गवाह सुरक्षा योजना की आवश्यकता के साथ-साथ समस्या से निपटने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में इन गैंगस्टरों के खिलाफ मुकदमों की तेजी से ट्रैकिंग की आवश्यकता पर भी बल दिया।दिनकर गुप्ता के अतिरिक्त बैठक में पी.के. अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक, हरियाणा,  गौरव यादव, पुलिस महानिदेशक, पंजाब और प्रवीर रंजन, पुलिस महानिदेशक, चंडीगढ़ भी मौजूद रहे। विशेष पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा) पंजाब आर.एन. ढोके, एडीजीपी सीआईडी हरियाणा आलोक मित्तल, एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था हरियाणा श्रीमती ममता सिंह, आईजी एनआईए विजय सखारे, आईजीपी (आंतरिक सुरक्षा) पंजाब नीलभ किशोर, आईजीपी चंडीगढ़ राज कुमार सिंह, डीआइजी एसटीएफ सिमरदीप सिंह, डीआइजी एनआईए अमित कुमार, एसपी एसटीएफ वसीम अकरम सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी उच्च स्तरीय बैठक मे शामिल हुए। डीजीपी हरियाणा पी.के. अग्रवाल ने इन आपराधिक सिंडिकेट के नेटवर्क को नष्ट करने, उनकी गतिविधियों को बाधित करने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को आश्वस्त किया कि हरियाणा पुलिस संगठित अपराध से निपटने के समन्वित प्रयासों में समर्थन और सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न देशों में सक्रिय लीडर और सदस्यों के प्रत्यर्पण और निर्वासन के लिए विदेशों में एलईए के साथ अंतरराष्ट्रीय संपर्क और सहयोग आवश्यक है।डीजीपी चंडीगढ़ प्रवीर रंजन ने प्रभावित राज्यों के पुलिस बलों के बीच घनिष्ठ अंतर-राज्य समन्वय और संयुक्त अभियानों पर प्रकाश डाला क्योंकि आपराधिक सिंडिकेट चंडीगढ़ सहित पूरे देश में सक्रिय है।आतंकी-सिंडिकेट के पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए संरचनात्मक स्तर के साथ-साथ परिचालन स्तर पर आवश्यक हस्तक्षेपों पर विस्तार से चर्चा की गई और सभी हितधारकों के साथ कार्रवाई योग्य इनपुट को समय पर साझा करने के लिए एक संस्थागत तंत्र तैयार करने का निर्णय लिया गया।अपराधियों और गैंगस्टरों के बीच बढ़ती सांठगांठ, उनके अंतर-राज्य संबंध उत्तरी राज्यों के लिए चिंता का कारण बन गया है। इन आपराधिक गैंगस्टर-सिंडिकेट्स के पैदल सैनिक, रंगरूट आदि उत्तर भारत के राज्यों में फैले हुए हैं, जिनसे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस द्वारा समन्वित प्रयास की आवश्यकता होती है।बैठक के दौरान विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने चल रही जांच में अपने निष्कर्ष और प्रगति के बारे प्रस्तुत दी। एनआईए, हरियाणा पुलिस,पंजाब पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने प्रस्तुतियां दीं और इन आपराधिक सिंडिकेट से जुड़े संचालन, कार्यप्रणाली और प्रमुख व्यक्तियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी साझा की।प्रस्तुतियों के बाद, सभी भाग लेने वाली एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक विस्तृत और रचनात्मक चर्चा हुई। चर्चा का फोकस संगठित आपराधिक सिंडिकेट की गतिविधियों को बाधित करने, खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत करने और इन गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को पकड़ने के प्रयासों के समन्वय के लिए रणनीति तैयार करने पर केंद्रित था। बैठक डीजीपी हरियाणा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुई।

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