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चंडीगढ़ ब्रेकिंग: राज्यव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की उच्च स्तरीय बैठक।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जनता को डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है, प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। सिर्फ एहतियात के तौर पर कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार जन सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्य में खाद्य सामग्री, दवाइयां, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है, इसलिए नागरिक किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार हर स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री वर्तमान हालातों के मद्देनजर शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों व पुलिस अधीक्षकों सहित प्रशासनिक सचिवों के साथ अहम बैठक कर प्रदेश में नागरिक सुरक्षा अभ्यास की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में विभागों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए इमरजेंसी रिस्पांस और एहतियाती उपायों को मजबूत करना तथा आपात स्थिति या आपदाओं के मामले में प्रभावी प्रतिक्रिया तंत्र सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। 

मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि वे संयम बरतें, खाद्य सामग्री की जमाखोरी से बचें और केवल सत्यापित जानकारी पर ही भरोसा करें। किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार के साथ जनभागीदारी को जोड़ें, ताकि वे सेवाभाव से सरकार का सहयोग कर सके। इसके लिए एक विशेष पोर्टल विकसित किया जाए, जिस पर नागरिक और भूतपूर्व सैनिक वॉलिंटियर्स के तौर पर अपना पंजीकरण करवा सकें, ताकि आपात स्थिति में वे अपने कौशल के अनुसार जैसे, ड्राइवर, डॉक्टर या अन्य विशेषज्ञता के अनुसार अपनी सेवाएं दे सकें। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को रोकने हेतु सभी उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वे स्थानीय पत्रकारों व सोशल मीडिया चैनल चलाने वाले व्यक्तियों के साथ बैठक करें और उनसे गलत या फर्जी खबरें न फैलाने की अपील करें। उन्होंने कहा कि भ्रामक जानकारी फैलाने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जनता के लिए जारी की जाने वाली सभी सूचनाओं और समाचारों को सत्यापित करके ही जारी किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में आपात स्थिति में संपर्क करने हेतु व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएं और एक जिम्मेदारी अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाए और उसका नंबर भी साझा किया जाए, ताकि नागरिक आपात स्थिति में उन नंबरों पर कॉल या मैसेज करके जानकारी दे सके। इसके अलावा, प्रदेशभर में संचालित 560 सरकारी और 600 निजी एंबुलेंस की भी मैपिंग की जाए ताकि वे जल्द से जल्द समय में घटनास्थल पर पहुंच सकें। साथ ही, 5,000 से अधिक आबादी वाले गांवों में पंचायतों के सहयोग से एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को सक्रिय किया जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष तैयारी की जाए और निजी व सेवानिवृत्त चिकित्सा विशेषज्ञों को भी चिह्नित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ब्लैकआउट की स्थिति में ऊंची बिल्डिंगों में वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि इनमें बुजुर्गों और दिव्यांग व्यक्तियों की सुविधा के लिए लिफ्ट चालू रहे। इसके अलावा, फायर ब्रिगेड वाहनों की भी मैपिंग की जाए और प्रयास किया जाए कि प्रत्येक कस्बे में एक फायर ब्रिगेड की तैनाती हो। साथ ही, पानी की निर्बाध आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि ब्लैकआउट के दौरान पुलिस गश्त जारी रहे और सार्वजनिक स्थलों व आवासीय क्षेत्रों में पुलिस की उपस्थिति बनी रहे, जिससे जनता के बीच विश्वास बना रहे और लोग अनावश्यक रूप से घबराएं नहीं। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सभी उपायुक्तों और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फील्ड कार्यालयों को भारत सरकार की एडवाइजरी की तर्ज पर दिशा-निर्देश जारी करें। शांति-व्यवस्था बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि उपायुक्त आवश्यक वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि सभी एहतियाती कदम संतुलित तरीके से उठाए जाएं और जिला प्रशासन सतर्क रहे तथा जन विश्वास कायम रखने के लिए समन्वय से काम करें, ताकि अनावश्यक रूप से भय की स्थिति उत्पन्न न हो सके। बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने कहा कि उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक संयुक्त रूप से बैठक कर जिले में स्थिति की समीक्षा करें और आपदा प्रबंधन अधिनियम के नियमों और जिले की आपदा कार्य योजना को सावधानीपूर्वक लागू करें। उन्होंने कहा कि जिला सूचना जनसंपर्क अधिकारियों के माध्यम से मीडिया को पुख्ता जानकारी ही दी जाए, ताकि जनता तक सही सूचना ही पहुंचे और किसी भी गलत जानकारी की वजह से भय की स्थिति पैदा न हो। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने मुख्यमंत्री को आपदा प्रबंधन के तहत आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करने के लिए उठाए गए व्यापक कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 30 के अनुसार शक्तियों और कार्यों को निष्पादित करने व घटना प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं। आपातकालीन कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं, जिसमें आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और आश्रय स्थलों की पहचान करना, स्कूलों व सामुदायिक भवनों में अस्थायी रूप से शेल्टर की व्यवस्था की ड्रिल करना शामिल है। इसके अलावा, जिला कंट्रोल रूम को अंतर-एजेंसी समन्वय प्रोटोकॉल और चेतावनी सायरन के प्रावधानों के साथ 24 घंटे एक्टिव रहने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग महानिदेशक श्री के. मकरंद पांडुरंग सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव उपस्थित रहे।

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