अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पानी के मुददे पर पंजाब ओछी राजनीति कर रहा है। इससे पहले भी एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को दर किनार किया। पानी प्राकृतिक स्त्रोत है और यह देश की धरोहर है। आज भी हरियाणा के हिस्से का पीने का पानी न देने पर मान सरकार ने पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया, जो अनैतिक है और भारतीय संघीय ढांचे के खिलाफ है। मुख्यमंत्री आज हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के उपरांत पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव सिख समाज के दसो गुरुओं द्वारा दिखाए मार्ग के खिलाफ है। मान सरकार को गुरुओं के वचन को निभाना चाहिए और बिना शर्त पानी छोडना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व आप पार्टी इंडी गठबंधन का हिस्सा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बाबा साहिब के पवित्र संविधान का सम्मान करे। संविधान की पुस्तक गांव गांव लेकर घूमते है।मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव की हरियाणा मंत्रिमंडल ने घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि 1966 से पहले पंजाब व हरियाणा एक ही था। मान साहब इस प्रकार की छोटी राजनीति छोड़कर विकास की राजनीति को अपनाएं और पंजाब के लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि पंजाब में जो भी राजनीतिक दल रहे है पंजाब के लोगों ने एक -एक को जवाब दिया है।मुख्यमंत्री ने मान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस प्रकार पंजाब के लोगों ने कांग्रेस को लाइन में खडा कर दिया उसी प्रकार आप को भी खडा कर देंगे। आज पंजाब विधानसभा में बीबीएमबी को भंग करने के सम्बंध में पारित किए गए प्रस्ताव पर पूछे गए एक प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीबीएमबी लोकसभा से पारित एक स्वायत्त निकाय है और केंद्र सरकार के अधीन है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार न तो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मानता, न संविधान को मानता और भारतीय संघीय ढांचे की अवहेलना करता है। एक सिस्टम है उस पर देश चलता है। उन्होंने पंजाब के नेताओं से आग्रह किया है कि गुरुओं ने जो रास्ता दिखाया उस पर मान सरकार को चलना चाहिए।इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा, सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी, सूचना, जनसम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक के.एम पांडुरंग, मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे भी उपस्थित रहे।
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