अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए शुरू की गई मिशन मोड अप्रोच के उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। पिछले दो वर्षों में प्रदेश में न केवल साइबर ठगी के मामलों में भारी कमी आई है, बल्कि रिकवरी, गिरफ्तारी और तकनीकी कार्रवाई में भी अभूतपूर्व सफलता हासिल की गई है। मार्च 2024 में जहां साइबर अपराधियों द्वारा प्रदेशवासियों से कुल 107.86 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी, वहीँ मार्च 2025 में यह आंकड़ा घटकर 40.86 करोड़ रुपये रह गया है। इस प्रकार हरियाणा में साइबर अपराध से जुड़ी ठगी की राशि में 62 प्रतिशत की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। इसके लिए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने हरियाणा साइबर पुलिस की टीम को बधाई दी है जिन्होंने साइबर अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पूरे समपर्ण भाव से कार्य किया और इसे मात्र अपनी ड्यूटी ना मानते हुए 24 घंटे मिशन मोड में उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया।
हरियाणा पुलिस के प्रयासों से एक ऐतिहासिक पहल संभव हो सकी है, जिसमें अब साइबर धोखाधड़ी से संबंधित धनराशि के रिफंड के लिए एफआईआर की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश और विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 में संशोधन के पश्चात अब ऐसे मामलों में पीड़ित लोक अदालतों में आवेदन देकर धनराशि वापसी के लिए कार्रवाई कर सकते हैं, बशर्ते उस घटना में एफआईआर दर्ज न हुई हो। इस बदलाव से हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है जिसने कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से पीड़ितों को एफआईआर के बिना रिफंड दिलवाने की शुरुआत की है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साइबर, ममता सिंह ने जानकारी दी कि हरियाणा साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 की टीम ने सितंबर-2023 की तुलना में मार्च 2025 में साइबर ठगी की चार गुना अधिक राशि को धोखाधड़ी से बचाने में सफलता प्राप्त की। इसके पीछे मुख्य कारण तकनीकी रूप से दक्ष कर्मियों की तैनाती और त्वरित रिस्पॉन्स सिस्टम है। सितंबर 2023 में 1930 हेल्पलाइन पर जहां मात्र 12 पुलिसकर्मी कार्यरत थे, वहीं अब यह संख्या बढ़ाकर 70 कर दी गई है।हरियाणा पुलिस ने पिछले दो वर्षों में साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। वर्ष-2023 में जहां औसतन 5 साइबर अपराधियों को प्रतिदिन गिरफ्तार किया जा रहा था, वर्ष-2025 में यह संख्या बढ़कर 22 हो गई है। बैंक खातों और मोबाइल नंबरों पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है। वर्ष 2024 में 2,83,589 बैंक खातों और 1,24,565 मोबाइल नंबरों को साइबर अपराध में संलिप्तता के कारण बंद करवाया गया है, जो देशभर में सबसे अधिक है। इसके अलावा लगभग 50 बैंककर्मियों को भी धोखाधड़ी में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया।हरियाणा पुलिस ने बैंकों के साथ समन्वय स्थापित कर एक संयुक्त प्लेटफॉर्म तैयार किया है। आज 11 बड़े बैंकों के 16 नोडल अधिकारी हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं, ताकि साइबर ठगी के बाद ‘गोल्डन ऑवर‘ के भीतर ही राशि को ब्लॉक कर पीड़ित को राहत मिल सके। यह सभी एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समन्वित प्रयासों के माध्यम से काम कर रहे हैं।
हरियाणा पुलिस ने न केवल तकनीकी दक्षता हासिल की बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 10 सितंबर 2024 को हरियाणा पुलिस को साइबर अपराध की रोकथाम के लिए सम्मानित किया गया। साइबर अपराध के विरुद्ध रणनीतिक कार्रवाई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे आधुनिक टूल्स का भी इस्तेमाल शुरू किया गया है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने अगस्त 2023 में पदभार ग्रहण करने के पश्चात साइबर अपराध नियंत्रण को प्राथमिकता दी। उन्होंने न केवल साइबर टीम के साथ रणनीति बनाई, बल्कि बैंक, टेलीकॉम कंपनियों और आरबीआई के साथ नियमित संवाद स्थापित कर पूरे सिस्टम को अधिक उत्तरदायी और प्रभावी बनाया। इस समन्वित प्रयास का ही परिणाम है कि हरियाणा अब देश में साइबर अपराध की रोकथाम का आदर्श मॉडल बन चुका है।
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