Athrav – Online News Portal
राजनीतिक हरियाणा

चंडीगढ़ ब्रेकिंग: कांग्रेस विधायकों ने किसानों के मुद्दों को लेकर खट्टर-दुष्यंत पर दागे सवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़, कांग्रेस के 5 विधायकों ने एमएसपी, मुआवजे, सिंचाई से लेकर कृषि से जुड़े तमाम मुद्दों पर खट्टर-दुष्यंत सरकार से जवाब मांगा है। विधायकों ने कहा कि खेती के मुद्दे पर बीजेपी और जेजेपी सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। पिछले लगभग 9 साल से किसान कभी एमएसपी,कभी मुआवजे , कभी कृषि कानूनों, कभी खाद तो कभी बीच को लेकर आंदोलनरत रहे। आज भी सूरजमुखी की एमएसपी के लिए किसानों को धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। आज कांग्रेस भवन में पार्टी विधायक जगबीर मलिक, गीता भुक्कल, शमशेर गोगी, वरुण मुलाना, शैली चौधरी और अमित सिहाग ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। सबसे पहले गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक ने कहा कि मौजूदा सरकार में किसानों पर सबसे पहले महंगाई की मार पड़ी है। किसान की हर चीज पर जीएसटी लगा दी गई है।

किसानों को खाद, बीज और दवाई से लेकर ट्रैक्टर पार्ट्स पर 28% GST तक जीएसटी देना पड़ता है। कांग्रेस सरकार के मुकाबले ट्यूबवेल कनेक्शन लेना आज कई गुना महंगा हो गया है। किसानों पर सरकारी नीतियों की चौतरफा मार पड़ रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने किसानों को लाभ पहुंचाने वाली सारी परियोजनाओं को बंद कर दिया। हांसी बुटाना नहर से लेकर एसवाईएल, गन्नौर अनाज मंडी गुरुग्राम फूल मंडी और पिंजौर मंडी आदि परियोजनाएं आज सरकारी अनदेखी का शिकार हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गई डेयरी पर लोन, पशुओं के सरकरी बीमे, दुग्ध प्रतियोगिताएं डिप इरिगेशन समेत तमाम योजनाएं मौजूदा सरकार ने बंद कर दी।मलिक ने कहा कि किसानों को एमएसपी देने की बजाए सरकार भावांतर भरपाई योजना का झुनझुना बजा रही है। इस योजना ने पहले सब्जी, फिर बाजरा किसानों को बर्बाद किया और अब सूरजमुखी के किसानों पर यह योजना थोप दी गई। सूरजमुखी की एमएसपी 6400 रुपये है। लेकिन सरकारी खरीद नहीं होने की वजह से सूरजमुखी सिर्फ 4000-4400 रुपये में बिक रही है। किसानों को प्रति क्विंटल 2 हजार रुपये से ज्यादा का घाटा हो रहा है। किसानों को और घाटे में डुबोने के लिए लगातार सरकार आयात को बढ़ावा दे रही है और निर्यात कम किया जा रहा है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मार्केट के लाभ देश के किसानों को नहीं मिल पाते। जगबीर मलिक ने बताया कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से देश में किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा 46% बढ़ा है। हरियाणा में धान खरीद, चावल खरीद और पशुपालन विभाग के घोटाले उजागर हुए हैं। इन घोटालों का किसानों को सीधा नुकसान होता है। आज हरियाणा में हर परिवार पर 1,82 हजार रुपये का कर्जा है। उधारी के मामले में हरियाणा पूरे देश में चौथे नंबर पर है। विधायक वरूण मुलाना ने कहा कि किसानों के नाम पर सरकार के नेता एक के बाद 18 देशों में गए। कई देश तो ऐसे थे, जिसमें 1 से ज्यादा बार नेता गए। नीदरलैंड में 3, यूके में 2, स्पेन में 2 बार सत्ताधारी नेता गए। लेकिन वहां से क्या सीख कर आए? विदेश से आकर किसानों के लाभ की कोई योजना चलाने की बजाए किसानों को डिफॉल्डर बताकर उनकी फोटो बैंकों में चिपका दी। मौजूदा सरकार ने दादूपुर-नलवी नहर और हासी-बुटाना जैसी किसान हितैषी परियोजनाओं को बंद करने का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय लिया। हजारों किसान सिंचाई के लिए ट्यूबवेल कनेक्शन का इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन सरकार कनेक्शन देने को तैयार नहीं है। अगर सरकारी खरीद की बात की जाए तो किसानों के साथ भद्दा मजाक किया जाता है। किसानों पर खरीद की लिमिट लगा दी जाती है। हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसान फसल बेचने जाता है और बची हुई फसल उसी ट्राली में लेकर वापिस आता है। जब उन्होंने विधानसभा में सवाल लगाकर पूछा कि कितने किसानों की आय दोगुनी हुई है तो जवाब मिला- इसपर कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। झज्जर से विधायक और पूर्व मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी ने किसानों के साथ लगातार वादाखिलाफी की है। किसानों की आय दोगुनी करना मात्र एक जुमला था। इस सरकार ने किसानों पर 3 काले कानून थोपे और उनका विरोध करने वाले किसानों पर अत्याचार किए। यह देश ने पहली बार देखा कि जो बैरिकेडिंग या रुकावटें देश की सीमाओं पर होनी चाहिए थी, वो दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए की गईं। आंदोलन के दौरान हमारे 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। लेकिन हरियाणा के कृषि मंत्री ने उनके प्रति संवेदना जताने की बजाए उनकी शहादत का मजाक उड़ाया। भुक्कल ने फसल बीमा योजना को किसानों के साथ धोखा करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ निजी कंपनियों को फायदा हो रहा है। कांग्रेस विधायकों द्वारा विधानसभा में बार-बार मांग उठाने के बावजूद सरकार किसानों को मुआवजा नहीं देती। मुआवजा देने की बजाए हर बार नए पोर्टल का ऐलान कर दिया जाता है।इतना ही नहीं, जिन गिने-चुने किसानों को सरकार ने मुआवजा दिया उनमें भी भेदभाव किया गया। खासतौर पर कांग्रेस विधायकों वाले क्षेत्रों में किसानों के 80-90 प्रतिशत खराबे को सिर्फ 0-24 प्रतिशत तक दिखाया। यानी यह सरकार अन्नदाता के जख्मों पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आती। खट्टर दुष्यंत सरकार के इसी रवैए के चलते किसान कंगाली की कगार पर पहुंच चुके हैं। गीता भुक्कल ने मंडियों से गेहूं और सरसों के उठान में घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि उठान के लिए जिन ट्रांसपोर्टर्स को ठेका दिया गया, उन्होंने वाहनों के जाली नंबर्स का इस्तेमाल टेंडर हासिल किया। टेंडर में बड़ा घोटाला हुआ है। मौजूदा सरकार में किसानों के साथ इस कदर ज्यादती हुई कि खाद के लिए थानों के बाहर महिलाओं और बच्चियों को भी लाइन लगनी पड़ी। प्रदेश में पहली बार खाद की लूट के दृश्य देखने को मिले। असंध से विधायक शमशेर गोगी ने दोगुनी आय के जुमले पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी ने किसान की लागत दोगुनी की है। डीएपी और यूरिया बैग का वजन कम करके किसानों को इस भ्रम में रखा कि रेट ज्यादा नहीं हुए। किसानों व जनता के हित की बजाए मोदी सरकार का सारा जोर सिर्फ प्रचार और प्रसार पर है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार किसानों की हालत पर श्वेत पत्र जारी करे ताकि दोगुनी आमदनी के झूठ का पर्दाफाश हो सके। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि आज किसान की आमदनी सिर्फ 27 रुपये प्रतिदिन है। गोगी ने मुख्यमंत्री खट्टर से पूछा कि 2018 तक अप्लाई करने वाले किसानों को अब तक ट्यूबवेल कनेक्शन क्यों नहीं दिए गए? किसानों पर 35 हॉर्स पावर की लिमिट क्यों थोपी गई जबकि किसान तो सिर्फ 10-20 हॉर्स पावर की मोटर इस्तेमाल करते हैं। गोगी ने 3 जिलों में बनाए जा रहे साइलो पर भी शंका जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार मंडियों को बंद करके अब किसानों को सीधे साइलों में फसल भेजने के लिए बोल रही है। यानी यह मंडियों को बंद करने की साजिश के तहत हो रहा है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा किसानों के साथ सबसे बड़ा छलावा है। किसानों को बीमा मिलना तो बहुत दूर, उन्हें यह तक नहीं पता चल पाता कि बीमा करने वाली कौन सी कंपनी है और उसका कार्यालय कहां है? बिना किसान की जानकारी के उनके बीमे का प्रिमियम कट जाता है और किसान खराबे के वक्त कंपनी वालों को ढूंढता रहता है।  नारायणगढ़ से विधायक शैली चौधरी ने दोहराया कि आज खेती से जुड़ी प्रत्येक लागत बढ़ गई है। लेकिन किसानों की फसलों के दाम उस अनुपात में नहीं बढ़ाए जा रहे। जो रेट किसानों को दिया जाता है, उसके लिए भी किसानों को कई-कई महीने इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने गन्ना किसानों का उदाहरण देते हुए कहा कि विधानसभा में कांग्रेस द्वारा बार-बार मांग करने के बावजूद प्रदेश सरकार ने गन्ने के रेट में बढ़ोत्तरी नहीं की। ना ही समय पर गन्ने की पेमेंट की जाती। जबकि कांग्रेस कार्यकाल में किसानों को समय पर पेमेंट मिलती थी। लेकिन जब से बीजेपी सरकार बनी है तब से किसान धरने पर ही है। क्योंकि यह पूरी तरह किसान विरोधी सरकार है। आज सूरजमुखी का एमएसपी लेने के लिए भी किसानों को सड़कों पर बैठना पड़ रहा है। डबवाली से विधायक अमित सिहाग ने कहा कि किसान की सरकार से तीन महत्वपूर्ण उम्मीदें रहती हैं। पहली एमएसपी , दूसरा सिंचाई और तीसरा खराबा होने पर मुआवजा। लेकिन खट्टर-दुष्यंत सरकार किसानों की किसी भी उम्मीद पर खरा नहीं उतर रही। यहां तक कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी नहीं मिल रहा। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सिरसा में नहरी पानी 16-16 दिन तक मिलता था। लेकिन अब एक हफ्ते भी पानी नहीं मिलता। मौजूदा सरकार द्वारा टेल तक पानी देने का वादा झूठा साबित हुआ है। खासतौर पर सिरसा जिले के साथ यह सरकार भय़ंकर भेदभाव कर रही है। कालुआना नहर परियोजना इसका उदहारण है।

Related posts

हरियाणा में नगर निकायों द्वारा दुकानों/घरों की बिक्री के लिए तैयार की गई नीति- अनिल विज

Ajit Sinha

राहुल गांधी ने कहा, पुलिस अरेंजमेंट था, वो बिल्कुल कोलैप्स, 16 किलोमीटर के बजाए सिर्फ 4 किलोमीटर चल पाए -लाइव सुने

Ajit Sinha

विपक्षी दल राजनीति करने की बजाए मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएं: डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
//zajukrib.net/4/2220576
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x