अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: बीते कुछ दिनों से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमें चलते-फिरते इंसान को हार्ट अटैक पड़ता है और फिर उसके बाद उसकी मृत्यु हो जाती है। कभी नाचते-नाचते लोग दम तोड़ दे रहे हैं तो कभी बैठे-बैठे मौत आ रही है। ऐसा ही कुछ नोएडा स्टेडियम में हुआ जब बैडमिंटन खेल रहे एक 52 वर्षीय बिजनेसमैन महेंद्र शर्मा की हार्ट अटैक आया तो उन्हे बचाने की काफी कोशिश की गई. महेंद्र को एंबुलेंस मेट्रो अस्पताल इलाज के लिए ले गई। अस्पताल में भी एक घंटे से ज्यादा का इलाज दिया गया, लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका।
सोशल मीडिया पर वायरल इन तस्वीरों महेंद्र शर्मा को उनके साथी और मेट्रो अस्पताल के डॉ. संदीप कंवर और नर्सिंग अटेंडेंट प्राथमिक उपचार और सीपीआर देकर उनकी जान बचाने जुटे, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। महेंद्र को एंबुलेंस मेट्रो अस्पताल इलाज के लिए ले गई। अस्पताल में भी एक घंटे से ज्यादा का इलाज दिया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। महेंद्र शर्मा नोएडा स्टेडियम में पांच साल से बैडमिंटन खेल रहे थे। सुबह करीब सात बजे सेक्टर-26 निवासी बिजनसमैन महेंद्र शर्मा बैडमिंटन का अभ्यास करने आए। करीब आधे घंटे तक खेलने के बाद उन्हें कमजोरी और चक्कर आने की शिकायत हुई तो वह बैठ गए। जब तक लोग उन तक पहुंचे वह बेसुध हो गए।सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट संतोष कुमार अग्रवाल से बातचीत की. उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक होने के कोई एक कारण नहीं है वे कहते है स्वीडन में एक स्टडी हुई जिसमें कहा गया है कि 84 परसेंट तक होने वाले हार्ट अटैक को रोका जा सकता है।
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