अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत कुमार यादव ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का सी-विजिल एप देश के सभी मतदाताओं को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन रोकने में सक्षम बनाता है। इसके लिए लघु सचिवालय परिसर में स्पेशल कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जहां पर 263 शिकायतें प्राप्त हुई थी और 27 मिनट के औसतन समय में इनका निपटान कर दिया गया है। डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि कोई नागरिक कहीं भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता हुआ देखे तो उससे संबंधित फोटो, वीडियो, ऑडियो व अन्य साक्ष्य सी-विजिल एप पर अपलोड कर जिला प्रशासन को शिकायत भेज सकता है। एंड्रॉयड फोन यूजर गूगल प्ले स्टोर और एप्पल फोन यूजर एप स्टोर से इस सी-विजिल को डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने जिला के नागरिकों से आह्वान किया कि वे लोकसभा आम चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।
गुरुग्राम में सी-विजिल एप पर प्राप्त शिकायतों की सत्यता की परख कर उन पर कार्रवाई करने के लिए टीमें गठित की हुई हैं और सचिवालय परिसर में एक अलग से कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जैसे ही गुरुग्राम जिला से संबंधित सी-विजिल एप पर डाली जाती है तो कंट्रोल रूम से उस एरिया की एफएसटी टीम को फौरन शिकायत भेज दी जाती है। जिस पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जाती है। अभी तक जिला में सी-विजिल एप के माध्यम से प्राप्त हुई 263 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। इस शिकायत के निवारण के लिए निर्वाचन आयोग ने सौ मिनट की अवधि निर्धारित की हुई है, जो कि जिला में शिकायतों के निवारण का औसत समय 27 मिनट का रहा है।जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सी-विजिल एप के माध्यम से आम जन अपने आसपास हो रहे हथियारों का प्रदर्शन, शराब या नशीले पदार्थों का वितरण, धन वितरण, संपत्ति विरूपण, फर्जी समाचार, साम्प्रदायिक घृणा या उत्तेजक भाषण, मुफ्त वितरण, धमकी देना, चुनाव के लिए फ्री परिवहन सेवा, पेड न्यूज से संबंधित शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। ऐप का सॉफ्टवेयर शिकायतकर्ता की पहचान, सुरक्षा व निजता को गोपनीय रखता है। चुनाव के दिनों में आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए इस ऐप को बनाया गया है। यूजर को इस ऐप के साथ 100 मिनट के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दिए जाने का वादा किया जाता है। आचार संहिता की अवहेलना से संबंधित फोटो व वीडियो ऐप के माध्यम से क्लिक व रिकार्ड कर सकते हैं। इस ऐप के साथ यूजर को किसी तरह की शिकायत करने के लिए अपनी पहचान बताने की जरूरत भी नहीं है। जैसे ही यूजर उल्लंघन की रिपोर्ट के लिए एप का कैमरा ऑन करता है, वैसे ही ऑटोमैटिकली जियो-टैगिंग इनेबल हो जाती है। इस सुविधा के इनेबल होने से घटना के सटीक लोकेशन की जानकारी मिलती है।
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