अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि सरकारी स्कूलों के बाद बीजेपी सरकार यूनिवर्सिटीज को भी बंद करना चाहती है। इसीलिए हरेक यूनिवर्सिटी में भारी फीस बढ़ोत्तरी के बाद अब कोर्सिज बंद करने का सिलसिला शुरू कर दिया है।चो. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद में फैकल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी का हवाला देकर 20 से ज्यादा स्किल बेस्ड और रोजगारपरक कोर्स यह बीजेपी सरकार बंद कर रही है। ये कोर्स बंद होने के बाद अब जीन्द व जींद के आस पास के विद्यार्थियों को कुरुक्षेत्र, दिल्ली या अलग क्षेत्रों में जाकर एडमिशन लेना पड़ेगा। जाहिर है कि उनके लिए दूर और बहुत खर्चीला भी होगा।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जींद में उच्च स्तरीय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह यूनिवर्सिटी बनाई थी। कांग्रेस ने व्यवस्था कर रही थी कि स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा के लिए किसी भी जिले के विद्यार्थियों को अन्य जिलों या राज्यों में ना जाना पड़े। लेकिन बीजेपी नहीं चाहती कि गरीब, एससी, ओबीसी व किसानों के बच्चों को सस्ती व उच्च स्तरीय शिक्षा मिले।
यही वजह है कि उसने जींद यूनिवर्सिटी से संचार कौशल में तीन महीने का प्रमाणपत्र कार्यक्रम, कृषक उद्यम में एक वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा, बी.कॉम, फिल्म और टेलीविजन के लिए वीडियोग्राफी में उन्नत प्रमाणपत्र कार्यक्रम, पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातक, बी.ए. (मनोविज्ञान), मार्गदर्शन और परामर्श में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, बी.ए. (इतिहास), बी.ए. (अर्थशास्त्र), बी.ए. (अंग्रेजी), डिजिटल फोरेंसिक में डिप्लोमा, डेटा विज्ञान में पीजी डिप्लोमा, बी.एससी. (भूगोल), भूसूचना विज्ञान में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम,बीएससी. (गणित), बी.एससी. (भौतिकी), बीएससी. (रसायन विज्ञान), बी.ए. (संगीत) गायन, बी.ए. (संगीत) वाद्य, रचनात्मक लेखन में एम.ए. के बाद डिप्लोमा, विज्ञापन व्यवसाय में एम.ए. के बाद डिप्लोमा और ललित कला स्नातक (बीएफए) जैसे महत्व पूर्ण कोर्सेज को बंद कर दिया। इससे पहले सरकार ने गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी में भारी फीस बढ़ोतरी की थी। सरकार ने इस साल से एलएलबी समेत कई कोर्स की फीस डेढ़ गुना तक बढ़ा दी है। बीए-एलएलबी की पिछले साल तक फीस 49800 थी, जिसे अब बढ़ाकर सीधे 75000 कर दिया गया। इसी तरह बीए फार्मेसी, फिजियोथैरेपी, बीटेक आदि सभी कोर्सेज की फीस बढ़ाई गई है। पिछले साल भी कई कोर्सिज की फीस में इसी तरह इजाफा किया गया था। यानी अब गरीब, एससी, ओबीसी और किसान परिवारों के बच्चों का यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना मुश्किल व महंगा हो जाएगा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने बाकायदा लेटर जारी करके विश्वविद्यालयों को फंड देने से इनकार किया था। साथ ही सरकार ने कहा था कि विश्वविद्यालय अपने कोर्सेज को महंगा करके, अपना खर्चा खुद निकलें। उस वक्त विपक्ष के दबाव में सरकार ने लेटर तो वापस ले लिया। लेकिन लगता है कि नीति वापस नहीं ली और सरकार आज भी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है। इसीलिए सरकारी विश्वविद्यालय में प्राइवेट संस्थानों की तरह महंगी फीस वसूली शुरू कर दी गई है।हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने अपने पूरे कार्यकाल में के दौरान प्रदेश में एक भी बड़ी यूनिवर्सिटी नहीं बनाई। जबकि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान एक केंद्रीय विश्वविद्यालय (महेंद्रगढ़), 12 नई सरकारी विश्वविद्यालय, 154 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज, 56 नए आईटीआई, 4 नए सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए थे। साथ ही राजीव गांधी एजुकेशन सोसाइटी सोनीपत में बनवाई, जिसमें कई विश्वस्तरीय यूनिवर्सिटी व शिक्षण संस्थान बने हैं। लेकिन बीजेपी सरकार ने 11 साल में एक भी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बड़ा विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, आईटीआई या इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खोला। एक तरफ बीजेपी द्वारा लगातार सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है और दूसरी तरफ, विश्वविद्यालयों की फीस बढ़ाई जा रही है व कोर्सिज को बंद किया जा रहा। स्पष्ट है कि भाजपा पूरे शिक्षा तंत्र को निजी हाथों में सौंपना चाहती है।
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