अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पंचकूला: सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग पर अब पंचकूला पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। डीसीपी सृष्टि गुप्ता के आदेशानुसार जिला पंचकूला पुलिस ने स्पष्ट किया है कि किसी भी कीमत पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपराध और नफरत फैलाने का माध्यम नहीं बनने दिया जाएगा। डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता ने कहा कि धर्म, जाति या राजनीति के आधार पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ, झूठी या अफवाह फैलाने वाली पोस्ट करने वालों के खिलाफ अब सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि फॉरवर्ड करने वाला भी दोषी माना जाएगा और ग्रुप एडमिन को विशेषकर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके साथ ही अनावश्यक कमेंट, लाइक या फॉरवर्ड करने वालो को भी पुलिस कानून के दायरे मे लाएगी।
डीसीपी ने बताया कि पंचकूला पुलिस ने सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए एक विशेष साइबर मॉनिटरिंग टीम गठित की है, जो 24 घंटे सक्रिय रहकर हर प्लेटफॉर्म —व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब आदि पर नजर रख रही है। इस टीम का उद्देश्य समाज में शांति, सौहार्द और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है।उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर नफरत, अफवाह, या दहशत फैलाने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट व भारतीय न्याय संहिता की संगीन धाराओं के तहत तुरंत मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी। डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की फर्जी खबर, एडिटेड वीडियो, भड़काऊ मैसेज या उकसाने वाली पोस्ट शेयर न करें। उन्होंने कहा कि “फॉरवर्डेड” लिख कर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश अब नहीं चलेगी— कानून हर उस व्यक्ति तक पहुंचेगा जो ऐसी सामग्री को फैलाने में शामिल है। सोशल मीडिया एक सकारात्मक और जिम्मेदार संवाद का मंच बने, न कि अफवाहों और नफरत का अड्डा। डीसीपी ने अंत में कहा कि सोशल मीडिया पर आज़ादी के साथ जिम्मेदारी भी जरूरी है। कोई भी व्यक्ति यदि समाज की शांति व सद्भावना भंग करेगा, तो उसे कानून का सामना करना पड़ेगा।” इसलिए भड़काऊ पोस्ट डालने या फॉरवर्ड करने से पहले सोचें, वरना कार्रवाई तय है।
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