अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा पुलिस द्वारा आज एक गरिमामय समारोह में साइबर अपराध नियंत्रण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले बैंक और टेलीकॉम कंपनियों के नोडल अधिकारियों, 1930 हेल्पलाइन टीम और फील्ड पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह डायल 112 ईआरएसएस बिल्डिंग, सेक्टर-3, पंचकूला के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया, जिसमें हरियाणा पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। समारोह को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक हरियाणा श्री शत्रुजीत कपूर ने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में हरियाणा पुलिस ने साइबर अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में मिशन मोड में कार्य किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि जहां पहले हर माह साइबर ठगी से 70-80 करोड़ रुपये की हानि होती थी, वह अब घटकर लगभग 38 करोड़ रुपये रह गई है।
यह सफलता बहुस्तरीय रणनीति, स्पष्ट लक्ष्य निर्धारण और संसाधनों के कुशल उपयोग का परिणाम है। उन्होंने बताया कि साइबर थानों को सशक्त बनाया गया, एसओपी तैयार की गईं, आईएमईआई ब्लॉकिंग और हॉटस्पॉट जिलों पर विशेष कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि बैंकों की भूमिका इसमें अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। 11 बैंकों के 16 नोडल अधिकारी हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर 1930 हेल्पलाइन सेंटर पर कार्य कर रहे हैं। टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी अपराध नियंत्रण में सक्रिय सहयोग दिया है। श्री कपूर ने इस पूरे अभियान को राष्ट्रसेवा से जोड़ते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम सभी एक नोबल कार्य से जुड़े हुए हैं।पुलिस महानिदेशक ने यह भी कहा कि हरियाणा पुलिस का यह अभियान केवल साइबर अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि पारंपरिक अपराध नियंत्रण में भी अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि दो वर्ष पहले सभी इकाइयों के लिए सामूहिक प्राथमिकताएं निर्धारित की गई और एक सांझी दिशा में कार्य किया गया। महिला सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता देते हुए प्रदेश भर में 497 असुरक्षित रूट और 1887 हॉटस्पॉट चिन्हित कर वहां सीसीटीवी कैमरे और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। हेल्पलाइन नंबर 112 पर ट्रिप मॉनिटरिंग सेवा शुरू की गई, जिससे महिलाएं यात्रा के दौरान स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके साथ ही राज्य में 5521 बदमाश प्रवृत्ति के व्यक्तियों की पहचान कर उनकी निरंतर निगरानी की जा रही है। नतीजतन, महिला विरुद्ध अपराधों के साथ-साथ हत्या, लूटपाट और छीना झपटी के मामलों में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। श्री कपूर ने अंत में मीडियाकर्मियों से भी अपील की कि वे अपराधियों के अनावश्यक प्रचार-प्रसार से बचें, क्योंकि पब्लिसिटी अपराधियों के लिए ऑक्सीजन का काम करती है। समारोह में आईजीपी साइबर शिवास कबिराज ने ‘‘Cyber Haryana – Mission Mode Transformation in Cybercrime Response” विषय पर पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन दी। उन्होंने कहा कि “सितंबर 2023 से मिशन मोड में शुरू की गई इस परिवर्तन यात्रा में हमने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए बहुआयामी कदम उठाए। हेल्पलाइन 1930 को 6 टर्मिनलों से बढ़ाकर 54 किया गया और स्टाफ को 12 से 70 किया गया। 11 प्रमुख बैंकों के 16 नोडल अधिकारियों को 1930 सेंटर पर तैनात किया गया है ताकि वास्तविक समय में फंड ब्लॉकिंग सुनिश्चित की जा सके।आईजीपी साइबर ने यह भी बताया कि हरियाणा ने प्रति दिन साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी, मोबाइल नंबर ब्लॉकिंग, धोखाधड़ी की गई राशि में गिरावट और फंड होल्ड प्रतिशत जैसे प्रमुख संकेतकों में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अप्रैल 2025 में हरियाणा द्वारा होल्ड की गई और वापस दिलाई गई राशि का औसत 38.19 प्रतिशत रहा, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 18 प्रतिशत था। मुख्य अतिथि डीजीपी हरियाणा ने बैंक और टेलीकॉम कंपनियों के नोडल अधिकारियों, साइबर हेल्पलाइन 1930 के कर्मियों और फील्ड में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को उनके समर्पण, सेवा भावना और समन्वय के लिए बधाई दी और कहा कि वे भविष्य में भी इसी प्रकार मिशन मोड में अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते रहें। कार्यक्रम का शुभारंभ एसपी साइबर दीपक सहारण के स्वागत भाषण से हुआ। समारोह का समापन आईजीपी साइबर द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट करने के साथ हुआ।
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