अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
थाना ईकोटेक -1 पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कि आर्मी बैक ग्राउंड के हैं और इन लोगों ने आर्मी की नौकरी छोड़कर बहुत जल्दी अमीर बनने के लालच में ठगी के इस धंधे में कदम रखा था। पुलिस ने उनके पास से 10 लैपटॉप, 5 टैबलेट, तेरह मोबाइल फोन, एक करोड़ का चेक, 30 एटीएम कार्ड, चार घड़ियां और एक स्विफ्ट गाड़ी बरामद की है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े विधान डागर, कल्पेश राजू, गुरिंदर सिंह, कौशिक डागर, गणेश बेरा और तापस धारा यह सभी ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गैंग के सदस्य हैं, आर्मी बैकग्राउंड के हैं और जल्दी अमीर बनने के लिए आर्मी की नौकरी को छोड़कर इस गैंग में शामिल हुए हैं। एडिशनल डीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार ने बताया कि थाना ईकोटेक-1 पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस की सहायता से इस ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गैंग लोगों का ब्रेनवाश कर उनको मोटिवेटेड करके दुबई की एक कंपनी में पैसों का ट्रांसफर करता था और लोगों को झांसा दिया जाता था कि वह जल्दी ही करोड़पति बन जाएंगे।
एडिशनल डीसीपी ने बताया कि गैंग के सदस्य एक सुनियोजित तरीके से ऑनलाइन कम्पनी के माध्यम से लोगो को जल्दी अमीर बनने का लालच देकर लोगो से सम्पर्क करते थे तथा उनको कम्पनी में रुपये निवेश करने के लिए कम्पनी के प्रोडेक्ट जैसे सोना, हीरे, घड़ियाँ आदि समान खरीदकर और बेचकर कम्पनी में काम करने पर भारी मुनाफा होने का लालच देकर करोड़पति बनने के सपने दिखाए जाते है। लेकिन जो सामान कीमत बताई जाती थी। उससे बहुत ही कम रेट का सामान भेजा जाता था। कई बार ऐसा होता था कि ये लोग पैसे तो ट्रांसफर करा लेते थे, लोगों से लेकिन ना तो सामान देते थे और ना ही पैसे वापस करते थे।लोगो को 1.5 लाख रुपये में कम्पनी को ज्वाइन कराया जाता है तथा लोगो से कंपनी का सामान खरीदवाया जाता है। यह खरीदारी ऑनलाईन गूगल मीट पर की जाती है तथा पेमेन्ट हेतु लिंक गूगल मीट के दौरान ही भेजा जाता है। अधिकतर यह पेमेंट डॉलर व बिटकॉइन में की जाती है। जब कोई व्यक्ति यह कम्पनी ज्वाइन कर लेता है तथा मुनाफा नहीं हो पाता तो यह उसे और सामान खरीदने को कहते है तथा लोन दिलाने की पेशकश करते है। इस पूरे प्रकरण में व्यक्ति इनके चंगुल मे पूरी तरह फंस जाता है.यह कंपनी QNET/VIHAAN के नाम से प्रचलित है जिसके खिलाफ ईओडब्ल्यू दिल्ली मे जांच प्रचलित है तथा अन्य राज्यों में राजस्थान तथा मेघालय में एफआईआर पंजीकृत है।
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