अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार ने बिहार को बदहाल करने के साथ-साथ मां गंगा को भी धोखा दिया है।नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में पत्रकार वार्ता करते हुए सासाराम से कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने बिहार में गंगा प्रदूषण, भ्रष्टाचार, गरीबी, अपराध, भर्ती घोटालों को लेकर तीखा हमला बोला। कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नमामि गंगे योजना के तहत गंगा नदी के पानी को शुद्ध करने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने इस वादे को पूरा नहीं किया। उन्होंने बताया कि एनजीटी ने गंगा नदी की स्वच्छता और प्रदूषण नियंत्रण में बिहार सरकार की गंभीर लापरवाही के लिए 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
बिहार में गंगा और उसकी सहायक नदियों के लिए कुल 13 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं, जिनमें से केवल सात ही पूरी तरह से कार्य कर रहे हैं। चिंता की बात यह है कि ये सभी प्लांट फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया के मानकों पर विफल पाए गए हैं। एफसी बैक्टीरिया की अधिकता यह दर्शाती है कि पानी में मानव और पशुओं के मल-मूत्र की मात्रा इतनी अधिक है कि एनजीटी ने इसे पीने योग्य तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं माना है। उन्होंने जानकारी दी कि नमामि गंगे योजना के तहत 2014-2024 के बीच बिहार को 3,914.53 करोड़ रुपये मिले, लेकिन आधे से ज्यादा एसटीपी काम नहीं कर रहे हैं और जो कर रहे हैं, वे भी निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।पटना में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दीघा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के उद्घाटन पर सवाल उठाते हुए मनोज कुमार ने बताया कि एनजीटी ने पाया है कि यह एसटीपी, जिसके लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा द्वारा 824 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, वास्तव में बाढ़ और चक्रवात संभावित क्षेत्र में स्थित है। एनजीटी ने इस पर एनएमसीजी यानी राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से जवाब मांगा है कि एक संवेदनशील और जोखिम भरे स्थान पर एसटीपी बनाने के लिए फंड कैसे जारी किया गया।कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चुनावी रैलियों में झूठे वादे करने का उल्लेख करते हुए याद दिलाया कि 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी ने मोतिहारी में बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा चालू करने का वादा किया था, लेकिन वह आज तक बंद पड़ी है।
मनोज कुमार ने यह भी कहा कि बिहार की जदयू-भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के कारण राज्य को आकंठ गरीबी में धकेल दिया है। उन्होंने 2023 में प्रकाशित जातिवार सामाजिक-आर्थिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में 94.42 लाख से अधिक परिवार प्रतिदिन 200 रुपये या उससे भी कम आय पर गुजारा कर रहे हैं। वहीं, 81.91 लाख परिवारों की मासिक आय 6,000 से 10,000 रुपये के बीच है। उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 64 प्रतिशत लोग गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति में हैं।कांग्रेस सांसद ने बिहार में बढ़ती अपराध दर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य अब रक्तरंजित हो गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रतिदिन औसतन 953 आपराधिक घटनाएं, 8 हत्याएं, 33 अपहरण और 136 जघन्य अपराध दर्ज हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में हुए घोटालों ने बिहार के युवाओं का भविष्य अंधकारमय बना दिया है, जिससे वे रोजगार की तलाश में पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं।
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