अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी हालही में हुए असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के पेपरों में हुए गड़बड़झाले को छिपाने में जुट गई है। क्योंकि इन भर्तियों में अभ्यर्थियों को ऐसे पेपर बांटे गए, जिनकी सील पहले से ही टूटी हुई थी। इसीलिए अभ्यार्थी पेपर लीक की आशंका जता रहे हैं। अभ्यार्थियों ने बाकायदा कमीशन को लिखित शिकायतें भेजी हैं, जिनमें सेंटर्स और अभ्यर्थियों के नाम दर्ज हैं। बावजूद इसके सरकार पेपर लीक के एंगल से पूरे मामले की जांच से क्यों भाग रही है। इससे सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगना लाजमी है। आज चंडीगढ़ जूलॉजी और केमिस्ट्री के कुछ अभ्यर्थियो ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलकर ज्ञापन सौंपा और पेपर दोबारा कड़ी सुरक्षा व पारदर्शी तरीके से पेपर कंडक्ट करवाने की मांग रखी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग करी है। उन्होंने कहा कि पीड़ित अभ्यार्थियों की शिकायतों का संज्ञान लिया जाए,दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो और जरूरत पड़े तो परीक्षाएं दोबारा करवाई जाएं। क्योंकि यह गड़बड़ी हिंदी, जूलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स जैसी भर्तियों के पेपर उजागर हुई है। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि भर्ती प्रक्रिया के किसी भी स्तर पर कोई धांधली ना हो। लेकिन बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि वो जानबूझकर हरेक भर्ती में ऐसे लूपहोल छोड़ देती है, जिसके चलते भर्तियां कोर्ट में जाकर अटक जाती हैं। इसीलिए खुद हाई कोर्ट ने बार-बार इस सरकार की लगभग हरेक भर्ती पर बड़ा सवालिया निशान लगाया है। यहां तक कि कोर्ट ने कहा है कि 2019 के बाद हुई सभी भर्तियों के परिणाम अब दोबारा से जारी करने होंगे। क्योंकि सरकार ने गलत नियमों के तहत ये भर्तियां की हैं। इससे पहले भी बीजेपी कार्यकाल के भर्ती घपलों, घोटालों और अनियमितताओं को लेकर हाई कोर्ट बार-बार कड़ी टिप्पणियां कर चुकी है। कई बार सरकार पर जुर्माना भी थोपा गया है। बावजूद इसके सरकार अपने रवैया से बाज नहीं आई। हुड्डा ने कहा कि भर्तियों को जानबूझकर लटकाना, भड़काना और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना बीजेपी की तय नीति बन चुकी है। यही वजह है कि आज हरियाणा के सरकारी विभागों में 2 लाख से पद ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। नई भर्ती करवाना तो दूर, बीजेपी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट तक नहीं करवा पा रही है। इतना ही नहीं, अभी तक सरकार ने टेस्ट के नियम तक तय नहीं किए।भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने सड़क से लेकर विधानसभा और संसद तक इस सरकार के मंसूबों को जगजाहिर किया था। बार-बार जनता को बताया कि इस सरकार का मकसद नौकरी देना नहीं बल्कि नौकरी को छीनना है। लेकिन कई भर्तियों के रिजल्ट को चुनाव के टाइम रोककर और कौशल निगम कर्मियों में भ्रम व झूठ फैलाकर भाजपा ने हजारों परिवारों के वोट हासिल कर लिए। अब उन परिवारों और बेरोजगार युवाओं को बीजेपी पर भरोसा जताने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
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