Athrav – Online News Portal
अपराध नोएडा

यूथ आइकॉन के रूप में जाने वाले मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव की बढ़ी मुश्किलें, एनडीपीएस नॉन बेलेबल है


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नोएडा: यूथ आइकॉन के रूप में जाने वाले मशहूर यूट्यूबर और एल्विस यादव की याचिका पर वकीलों की हड़ताल होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब यह याचिका कल लगाई जाएगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार खबर है कि पुलिस के सामने एल्विस ने अपना गुनाह कबूल किया है  और यह भी स्वीकार किया कि वह सांपों का जहर रेव पार्टी के लिए मंगवाता था। जिसके बाद पुलिस ने एनडीपीएस 8, 20, 27, 27ए, 29, 30, 32 धाराएं बढ़ाई. कानून के जानकार कहते हैं कि इन धाराएं से एल्विस को सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है, क्यों की एनडीपीएस सारा नॉन बेलेबल है. और इसमें कम से कम दस साल की सजा है. लेकिन जो पदार्थ बरामद होता है उसकी कैपेसिटी क्वांटिटी और क्वालिटी पर डिपेंड करता है।  मिनिमम क्वांटिटी होने पर जमानत न्यायाधीश जमानत दे सकते हैं।

पुलिस ने एल्विस यादव को रविवार को पूछताछ के लिए सर्फाबाद के एक फार्म हाउस में बुलाया था। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर, मेडिकल कराने के बाद एल्विस को सूरजपुर  डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया. जहां सुनवाई के बाद उसे 14 दिन की न्यायिक सियासत में जेल भेज दिया गया। डीसीपी नोएडा जोन विद्यासागर मिश्र ने बताया कि एल्विस छह लोगों के खिलाफ कोतवाली 49 में पीपल फॉर एनिमल संस्थान सांपों की जहर का इस्तेमाल रेप पार्टी में करने के लिए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में चार सपेरे समेत पांच लोग गिरफ्तार किए  जा चुके हैं और अब एल्विस की गिरफ्तारी हुई है। उन्होंने कहा कि एल्विस से पूछताछ के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर पुलिस ने एल्विस को गिरफ्तार किया है. सांपों के जहर सप्लाई करने के मामले में  एल्विस के खिलाफ एल्विस के खिलाफ सेक्टर 20 पुलिस ने एनडीपीएस की धाराएं 820 27 27 ए 29 30 32 बढ़ाई गई है। सूरज डिस्ट्रिक कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कटारिया का कहना है कि एल्विस पर लगाई एनडीपीएस 8, 20, 27, 27 ए, 29, 30, 32 धाराएं परेशानी का कारण बन सकती है।  अगर एल्विस दोषी साबित होता है तो उसे 10 से 20 साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। एनडीपीएस सारा नॉन बेलेबल है. और इसमें कम से कम दस साल की सजा है. लेकिन जो पदार्थ बरामद होता है उसकी कैपेसिटी क्वांटिटी और क्वालिटी पर डिपेंड करता है. मिनिमम क्वांटिटी होने पर जमानत न्यायाधीश जमानत दे सकते हैं। धारा 284, 279 आईपीसी, वह जहर के बारे में है. इसमे छह महीने की जेल और एक हज़ार जुर्माना हो सकता है. वन्य अधिनियम की धारा तीन साल की सजा और पच्चीस हज़ार का जुर्माना हो सकता है. 

Related posts

महिला नायब तहसीलदार ने तहसीलदार पर मारपीट, छेड़छाड़ और बलात्कार की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया है।

Ajit Sinha

भट्टा पारसौल महापंचायत में जयंत चौधरी बोले, वोट से चोट करने का समय – जयंत चौधरी

Ajit Sinha

पार्सल कंपनी के कस्टमर सर्विस के नाम पर ठगी करने वाले ठगों को बैंक खाता उपलब्ध कराने वाली 1 महिला सहित तीन आरोपित पकड़े।

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x