अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में जल्द 18 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसमें 11 हजार रेगुलर शिक्षक और 7 हजार शिक्षकों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भर्ती किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार शिक्षा के नाते विद्यार्थियों की पूरी चिंता करती है। मुख्यमंत्री रविवार को रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के राधाकृष्णन सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि स्कूली शिक्षा अच्छी हो, इसके लिए हरियाणा सरकार लगातार कार्य कर रही है। 10वीं, 11वीं और 12वीं के छात्रों को 5 लाख टैबलेट दिए जा चुके हैं वहीं ढाई लाख टैबलेट जल्द ही विद्यार्थियों को दिए जाएंगे। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। अब दूसरे राज्य ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग सरकार के इस कदम से प्रभावित हो रहे हैं और वह भी इस तरह की योजनाएं बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार एक अभियान की तरह स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, ड्यूअल डेस्क, स्कूलों की बिल्डिंग, स्कूलों के रास्ते और साफ शौचालय की व्यवस्था करने के लिए कार्य कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा प्रथम चरण में हर जिले के दो ब्लॉक का चयन करके कार्य किया जा रहा है, इनका कार्य पूरा हो जाने के बाद अन्य ब्लॉक का कार्य शुरू किया जाएगा। इसमें सबसे मुख्य बात यह है कि स्कूलों में यह कार्य वहीं की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) द्वारा ही करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी बनाई है, जिससे कोई भी शिक्षक अपनी वरिष्ठता के हिसाब से ट्रांसफर ले सकता है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि शिक्षा दान-महादान है। हमें स्वयं शिक्षा लेनी चाहिए और जो पढ़ाई में कमजोर हैं, उसे भी पढ़ाना चाहिए। इसके लिए सरकार रिटायर्ड शिक्षकों , रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी व अन्य इच्छुक लोगों को जोड़ने का कार्य कर रही है। इसमें सरकार ईच वन-टीच वन अर्थात सभी पढ़ें और कम से कम एक बच्चे को जरुर पढ़ाए के सिद्धांत पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि 5 से 18 वर्ष तक की आयु के प्रत्येक बच्चे को स्कूली शिक्षा मिले। इस आयु वर्ग में कोई भी ड्रॉप आउट न हो। हर बच्चा शिक्षा ग्रहण करे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने 4 हजार आंगनबाड़ी को प्ले-वे स्कूल में बदलने का काम किया है, ताकि खेल-खेल के माध्यम से बच्चे शिक्षा ले सकें। इसके अतिरिक्त कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए 500 मॉडल क्रेच खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने विद्यार्थियों के लिए सुपर-100 कार्यक्रम की भी शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 4 स्कूल हैं, जिनमें से 2 स्कूल शुरू हो चुके हैं और 2 इस वर्ष शुरू हो जाएंगे। सुपर-100 कार्यक्रम के तहत खुले 2 स्कूलों के नतीजे भी आने शुरू हो गए हैं, इनसे पास होने वाले छात्र नीट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अव्वल आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत केजी-टू-पीजी कार्यक्रम शुरू किया है। प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में यह कार्यक्रम शुरू हो चुका है, अन्य विश्वविद्यालयों में भी यह कार्यक्रम जल्द शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जैसे किसी बीज को बढ़ने के लिए खाद और पानी दिया जाता है, तब वह पेड़ बनकर फल देता है उसी तरह छात्र के लिए अच्छा विद्यालय, छात्रवृति और सम्मान उनके जीवन में खाद और पानी का काम करते हैं। इससे प्रेरित होकर छात्र आगे बढ़ते हैं और जीवन में सफल होकर समाज को नई दिशा देने का कार्य करते हैं। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने अपने छात्र जीवन में मिली ऋण छात्रवृति योजना का जिक्र किया, जिसके तहत उन्हें कुछ आर्थिक मदद मिली थी, जिससे वे अपना शैक्षणिक कार्य आगे बढ़ा सके थे।इस अवसर पर रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के उप-कुलपति डॉ. राजबीर सिंह, भिवानी बोर्ड के चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह, जिला उपायुक्त यशपाल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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