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खेल नहीं रहे, वैसे आनंद ले रहे हैं शतरंज का :राज्यपाल बंडारू व सीएम मनोहर ने गोल्फ कार्ट में सैर की सूरजकुंड मेले की

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: हमें क्या खेलना आता है, हम तो वैसे ही मोहरे बदल रहे हैं। शायद खेलना तुम भी नहीं जानते और हमारी फोटो खींच रहे हो। सूरजकुंड की धरती पर हर्षोल्लास और ढोल बाजे की थाप पर शुरू हुए 35 वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का अवलोकन करते हुए हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहर लाल उज्बेकिस्तान की स्टाल पर शतरंज खेल रहे थे तो सीएम मनोहर लाल  मजाक में ये शब्द कहे।  राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने वीवीआईपी गेट दंतेश्वरी द्वार पर फीता काटकर मेले का आगाज किया। चार अप्रैल तक जारी रहने वाले इस मेले में इस बार स्टेट थीम बनाए गए जम्मू-कश्मीर व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी देश उज्बेकिस्तान की मेले में विशेष भागीदारी रहेगी।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने सहयोगी केंद्रीय विद्युत एवं भारी ऊर्जा मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा व उज्बेकिस्तान के राजदूत दिलशोद ओख्तोव के साथ गोल्फ कार्ट में बैठकर मेले की सैर की। यहां ढप, नगाड़े, बीन, चंग, ढोल, सारंगी बजा  रहे सैंकड़ों कलाकारों ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एवं सूरजकुंड मेले  के वाइस चेयरमैन एमडी सिन्हा उन्हें एक-एक स्टाल का अवलोकन करवा रहे थे। मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने सबसे पहले कश्मीर पवेलियन का अवलोकन किया। जम्मू-कश्मीर से आर्ट एंड क्राफ्ट विभाग के निदेशक मामूद शाह ने राज्यपाल  बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अपने पहाड़ी राज्य के खान-पान व कहोवा पिलाने की संस्कृति से अवगत करवाया।

मुख्य अतिथि पवेलियन के अंदर थे तो बाहर कश्मीरी बालाएं व कलाकार अपने लोक गीतों व सरोद, मटका आदि लोक वाद्य बजाकर उनका स्वागत कर रहे थे।  राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने कश्मीरी वेशभूषा से सुसज्जित लड़कियों के साथ फोटो भी खिंचवाई  और उनको आर्शीवाद दिया। इसके बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के साथ कश्मीर के काष्ठा  हस्तशिल्प, बुनाई की दस्तकारी व कश्मीर की डोगरा कला संस्कृति से सराबोर पांडालों का अवलोकन किया। गोल्फ कार्ट से उतरकर पैदल ही राज्यपाल  बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहर लाल उज्बेकिस्तान के गलियारे में पहुंचे, जहां राजदूत दिलशोद ओख्तोव ने अपने साथी अधिकारियों के साथ दोनों महान हस्तियों का आदर-सत्कार से स्वागत किया।

यहां राजदूत दिलशोद ओख्तोव ने अपने देश के शिल्पकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों का परिचय दिया। राज्यपाल व मुख्यमंत्री स्टाल पर उज्बेकिस्तान की सुंदर शतरंज देखकर एक-दूसरे के साथ खेलने लगे। यहां मुख्यमंत्री ने भी फोटो ले रहे मीडियाकर्मियों के साथ हंसी-ठिठोली की। दिल्ली दौलतराम कॉलेज में हिंदी पढ़ रही ताशकंद से आई छात्रा जलाला ने दोनों अतिथियों से बातचीत की। जलाला ने बताया कि वह पिछले दो सालों से भारत में है और हिंदी उसे विशेष प्रिय है। मुख्यमंत्री ने उज्बेकिस्तान की करेंसी आदि के बारे में यहां के कलाकारों से बात की। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने अफगानिस्तान के दस्तकारों से भी बातचीत की और उनके बनाए कालीन को देखा।

बाद में महासिंह पूनिया की हरियाणवी संस्कृति को परिलक्षित करती पैवेलियन में  राज्यपाल  ने बड़े हुक्के की नाल  पकडक़र देखी तथा बटेऊ गिलास में अतिथियों ने लस्सी का आनंद लिया। यहां राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने विरासत नाम की पुस्तक का विमोचन भी किया। इस मौके पर हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल, विधायक नैनपाल रावत, नरेंद्र गुप्ता, राजेश नागर, सीमा त्रिखा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, ओएसडी अजय गौड़, गजेंद्र फौगाट, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।

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