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नई दिल्ली: मनीष सिसोदिया को शिक्षा में उत्कृष्ट ‘महात्मा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मनाते वक्त हमें तीस जनवरी के इस दुर्भाग्यपूर्ण दिन को भी याद करना होगा। महात्मा गांधी की हत्या वाली विचारधारा को मानने वाले चंद लोग आज भी बापू की विचारधारा की हत्या निरंतर कर रहे हैं।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी  की 75वीं वर्षगांठ के अगले साल महात्मा गांधी की 75वीं पुण्यतिथि भी है। हमें यह समझना होगा कि एक सपने के लोगों द्वारा दूसरे सपने की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है।

‘महात्मा पुरस्कार’ समारोह में मुख्य अतिथि के बतौर उपमुख्यमंत्री ने यह बात कही। इसमें उपमुख्यमंत्री को शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘महात्मा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। सामाजिक कार्य और कोरोना काल में मानवीय प्रयासों के लिए ‘महात्मा पुरस्कार’ प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत आदित्य बिड़ला समूह ने की है। इसका उद्देश्य अच्छे कार्य करके समाज में परिवर्तन लाने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं को सम्मानित करना है। महात्मा गांधी की 73 वीं पुण्यतिथि पर यह आयोजन हुआ। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने सक्षम लोगों को अक्षम लोगों की सेवा में लगाकर देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज सीएसआर के तहत भी महात्मा गांधी के विचारों पर चलते हुए समाज में सक्षम व अक्षम लोगों के बीच की दूरी कम करने का काम होता है। सिसोदिया ने कहा कि देश में आजादी के बाद शिक्षा पर कार्य हुए, लेकिन उसका लाभ सिर्फ 5 प्रतिशत विद्यार्थियों को मिला। लेकिन शेष 95 प्रतिशत बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाई। सरकारों की नीतियां और प्राथमिकता चाहे जो भी रही हों, लेकिन आउटकम पर नजर डालें तो यही दिखेगा कि 95 प्रतिशत बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह गए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने शुरू से ही सारे बच्चों को अच्छी शिक्षा का सपना देखा है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिक्षा का एक न्यूनतम मानदंड जरूर हो।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी ने देश के लिए जो सपने देखे थे, उन सपनों का एक अंश शिक्षा भी  था। दिल्ली सरकार इस पर  काम कर रही है। दिल्ली सरकार ने पिछले 4-5 पांच वर्षों में शिक्षा का आधार मज़बूत करने का काम किया है। लेकिन शिक्षा को आधार बनाकर राष्ट्र के ढांचे को मजबूत करने का काम अभी बाकी है। दिल्ली सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। आज भारतीय जनमानस का औसत सपना उच्च शिक्षा के लिए अपने बच्चों को हार्वर्ड, ऑक्सफ़ोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में भेजने का है। परंतु आज हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपनी शिक्षा पद्धति पर इतनी मजबूती से काम  करें कि भविष्य में अमेरिका, जापान, ब्रिटेन जैसे देश के अभिभावक अपने बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत के किसी शहर में भेजने का सपना देखें। जिस दिन हम दुनिया के लोगों को यह सोचने के मजबूर कर देंगे, उस दिन वास्तव में महात्मा गांधी का सपना पूरा होगा और भारत पूरे विश्व का नेतृत्व करेगा। आज विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेम जी, अभिनेत्री शबाना आज़मी सहित अन्य प्रमुख लोगों को भी ‘महात्मा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

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