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पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजन गुप्ता ने कहा कि युवा अधिवक्ता ही न्याय प्रणाली का भविष्य हैं।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजन गुप्ता ने कहा कि युवा अधिवक्ता ही न्याय प्रणाली का भविष्य हैं। अधिवक्ताओं को अपनी अंतर आत्मा की आवाज को सुनते हुए राष्ट्रहित में सक्रिय योगदान देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि बार और बेंच के साथ मिलकर काम करने से समाज का भला होना सुनिश्चित है। न्यायमूर्ति राजन गुप्ता आज सोनीपत में अधिवक्ता परिषद हरियाणा के प्रांतीय अधिवेशन में उपस्थित प्रदेशभर के अधिवक्ताओं को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। जिला बार एसोसिएशन के बार रूम में आयोजित अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि युवा अधिवक्ताओं के कल्याण और विकास के लिए परिषद महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। वरिष्ठ सदस्यों को युवा अधिवक्ताओं के उत्थान में पूर्ण सहयोग करना चाहिए।

न्यायमूर्ति राजन गुप्ता ने कहा कि परिषद के लिए राष्ट्रहित ही सर्वोपरि है। इस दिशा में ही परिषद नियमित रूप से कार्यान्वित है। राष्ट्र निर्माण तभी संभव है जब सुशासन स्थापित किया जाए और कानून की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित हो। इतिहास इस बात का साक्षी है कि अधिवक्ताओं ने राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, सरदार वल्लभभाई पटेल आदि अधिवक्ता ही थे, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में अपना सक्रिय योगदान दिया है। हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेवराज महाजन ने कहा कि समाज व राष्ट्र की चिंता करना अधिवक्ताओं का दायित्व है। उन्हें अपने इस कत्र्तव्य से पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने अधिवक्ता परिषद के संस्थापक दंतोपंत ठेंगड़ी को भी स्मरण करते हुए नमन किया।



इस संगठन का कार्य है जरूरतमंदों को न्याय दिलाना। साथ ही उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं में क्षमता है कि वे समाज की धारा को मोड़ सकते हैं और समाज में व्याप्त त्रुटियों को दूर कर सकते हैं। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल चेतन मित्तल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में जिलों में कार्यरत अधिवक्ता विशेष भूमिका अदा कर सकते हैं। जिला के अधिवक्ताओं के पास करने को बहुत कुछ है। बस उन्हें सकारात्मक व कुछ कर गुजरने की सोच के साथ आगे बढऩा होगा। वे कुछ प्रतिशत केस ऐसे लड़ें जिनकी वे कोई फीस नहीं लें। ऐसा करके भी राष्ट्र्र निर्माण में योगदान दिया जा सकता है। सामाजिक संस्थाओं के साथ जुडकऱ सामाजिक कार्यों में योगदान देकर भी राष्ट्र उत्थान में अपनी भूमिका अदा की जा सकती है। इनसे पहले अधिवक्ता परिषद के संगठन मंत्री जॉयदीप राय ने विस्तार से परिषद के गठन, उद्देश्य तथा गतिविधियों की जानकारी दी। दो सत्रों में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में रोल ऑफ एडवोकेट इन नेशन बिल्डिंग विषय पर आमंत्रित वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। 

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