
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस ने कोडीन युक्त कफ सिरप से नशे की लत में फंस रहे युवाओं का मुद्दा उठाते हुए उत्तर प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की देखरेख में एक कमेटी से कराने के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के इस्तीफे की मांग की।इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए पार्टी की सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत और राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट साधना भारती ने कहा कि कोडीन युक्त कफ सिरप से नशे की लत के कारण देश के लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है, लेकिन केंद्र और प्रदेश की सरकारें आंखें मूंदे हुए हैं। श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत सिरप की नशे की लत में फंसे उन्नाव के 17 वर्षीय लड़के आकाश की कहानी से की। उन्होंने बताया कि आसानी से मिलने वाले कफ सिरप ने आकाश की जिंदगी बर्बाद कर दी। पहले पॉकेट मनी से, फिर घर का सामान बेचकर और अंत में चेन स्नैचिंग तक पहुंच गया। लीवर और किडनी खराब हो गई, पेट में पानी भर गया, लेकिन लत छूट नहीं रही। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कहानी देश के लाखों युवाओं की सच्चाई है।

श्रीनेत ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 40-45 रुपये में दुकानों पर कोडीन सिरप धड़ल्ले से बिक रहा है। उन्होंने इस अवैध कारोबार का किंगपिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के शुभम जायसवाल को बताया, जिसने पिछले पांच वर्षों में करीब 500 करोड़ रुपये कमाए हैं। उन्होंने कहा कि उसका यह नेटवर्क उत्तर प्रदेश से निकलकर बिहार, बंगाल, नेपाल और बांग्लादेश तक फैल चुका है।उन्होंने बताया कि शुभम के साथ-साथ उसके साथी अमित सिंह व आलोक भी सहयोगी हैं। आरोपी भाजपा के सहयोगी दल जदयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह के करीबी हैं। धनंजय इन लोगों को अपना छोटा भाई बताते हैं। उन्होंने आरोपियों के साथ धनंजय सिंह की तस्वीर भी दिखाई। उन्होंने कहा कि धनंजय सिंह पर योगी आदित्यनाथ की भी कृपा बरसती है। उन्होंने यूपी के उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक और भाजपा महासचिव अरुण सिंह के साथ इस अवैध कारोबार में शामिल विभोर राणा की तस्वीरें भी दिखाईं। श्रीनेत ने सवाल किया कि पांच साल से यह गोरखधंधा चल रहा था, योगी सरकार को कैसे भनक तक नहीं लगी। 500 करोड़ कमाने वाले शुभम पर सिर्फ 50 हजार का इनाम ही क्यों रखा गया? वह देश छोड़कर कैसे भाग गया? इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ कर रही है, लेकिन तमाम तार उससे ही जुड़े हुए हैं, तो वह कैसे निष्पक्ष जांच कर रही है? मामले में छोटे-छोटे लोगों की गिरफ्तारी करके किसको बचाया जा रहा है और धनंजय सिंह पर कार्रवाई कब होगी?

श्रीनेत ने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि अभी कोई मौत नहीं हुई है। क्या सरकार किसी के मरने का इंतजार कर रही है? उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में बुलडोजर रसूखदारों के सामने शांत हो जाता है।श्रीनेत ने केंद्र सरकार को भी घेरे में लिया। उन्होंने कहा कि कफ सिरप का निर्माण और बिक्री केमिकल एवं फर्टिलाइजर मंत्रालय के अधीन आता है, जिसके मंत्री भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत हुई और राजस्थान में मानकों की अनदेखी की गई, तब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा चुप क्यों रहे?वहीं कांग्रेस नेता साधना भारती ने भी हैरानी जताई कि जिस सिरप को डब्ल्यूएचओ ने भी बैन कर दिया है, उसे सरकारी टेंडर मिल जाता है। उन्होंने मध्य प्रदेश में छतरपुर के जिला अस्पताल में आठ महीने में 409 बच्चों की मौत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री और घटिया गुणवत्ता ने खासकर बच्चों की जान ली है और इस पूरे मामले में जिम्मेदार मंत्रियों को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।
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