अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने आज सभी शैक्षणिक विभागों को नैक मूल्यांकन के लिए शुरू की गई नई परिपक्वता-आधारित श्रेणीबद्ध मान्यता (मैच्योरिटी-बेस्ड ग्रेडेड एक्रेडिटेशन) व्यवस्था के तहत स्व-विश्लेषण एवं दस्तावेजीकरण शुरू करने के निर्देश दिए है।आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की 19वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने विश्वविद्यालय की छवि एवं प्रभाव को और सशक्त बनाने हेतु रणनीतिक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में निदेशक-आईक्यूएसी प्रो. कोमल कुमार भाटिया ने सभी सदस्यों का स्वागत किया तथा कार्यसूची प्रस्तुत की।कुलगुरु ने कम्युनिटी कॉलेज ऑफ स्किल डेवलपमेंट की क्षमता पर विशेष बल देते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय को “स्किल यूनिवर्सिटीज़” श्रेणी में एनआईआरएफ रैंकिंग में भाग लेने तथा रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) पाठ्यक्रमों को तेजी से विस्तार देने के लिए भी निर्देश दिए। वर्तमान में स्कोडा इंडस्ट्रीज़ के साथ चल रहे सफल सहयोग को आधार बनाते हुए नए उद्योग भागीदारों से भी समझौते करने को कहा। उन्होंने शोध, नवाचार एवं परामर्श गतिविधियों को और मजबूत करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले शोध-पत्र, पेटेंट तथा प्रायोजित परियोजनाओं को बढ़ने पर भी बल दिया।
छात्र-केंद्रित महत्वपूर्ण निर्णय में कुलगुरु ने कला, विज्ञान, वाणिज्य, प्रबंधन तथा अन्य गैर-इंजीनियरिंग संकायों के छात्रों के लिए विशेष प्लेसमेंट पहल शुरू करने के लिए कहा ताकि हर विद्यार्थी को समान एवं बेहतर रोज़गार अवसर प्राप्त हों।
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन पर विस्तृत चर्चा हुई और बताया गया कि सभी गैर-इंजीनियरिंग स्नातक कार्यक्रम पहले ही नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुरूप हैं, जबकि बी.टेक पाठ्यक्रम एवं सिलेबस का संशोधन तेज़ी से चल रहा है ताकि हरियाणा के राज्य विश्वविद्यालयों में एकरूपता के साथ-साथ हमारे विश्वविद्यालय की विशिष्ट आवश्यकताओं एवं उद्योग-प्रासंगिकता बनी रहे। बैठक में सत्र 2023–24 एवं 2024–25 के हितधारक फीडबैक की समीक्षा की गई तथा विभागों द्वारा किए गए सुधारात्मक कदमों की सराहना की गई।

कुलगुरु प्रो. राजीव कुमार ने विश्वविद्यालय के सभी आयोजनों, उपलब्धियों, शोध कार्यों एवं प्लेसमेंट सफलताओं का प्रिंट, डिजिटल तथा सोशल मीडिया के माध्यम से बेहतर प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि सह-संस्थानों एवं जन-सामान्य में विश्वविद्यालय की साख को और अधिक बेहतर किया जा सके। उन्होंने शिक्षण विभागों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से पूर्व छात्रों के साथ संपर्क कार्यक्रम – अतिथि व्याख्यान, मेंटरिंग, नेटवर्किंग जैसी गतिविधियां आयोजित करें।सदस्यों ने 2024–25 के प्लेसमेंट में उल्लेखनीय सुधार, परीक्षाओं के सुचारु संचालन, समर्थ पोर्टल के माध्यम से बढ़ी पारदर्शिता, नैक एक्यूएआर 2023–24 की प्रस्तुति, स्वयं-एनपीटीईएल में ‘एए’ रेटिंग तथा एनआईआरएफ 2025 में 151–200 बैंड में स्थान प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई।
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