अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली/ पलवल:जापान की पलवल जिला के गांव देवली स्थित कम्पनी डाईकी एक्सिस इंडिया ने पर्यावरण सुधार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए एक अनूठी पहल डायल (डाईकी एक्सिस इनोवेशन एप्लीकेशन लीग प्रोग्राम) 2025 की शुरुआत की है। इसके तहत दिल्ली के संगरीला होटल के सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कम्पनी ने देश की 200 प्रमुख यूनिवर्सिटियों और आईआईएम के छात्रों को आमंत्रित किया है ताकि वे पर्यावरणीय स्थिरता, अपशिष्ट जल प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग जैसे मुद्दों पर जापान, साउथ कोरिया, नॉर्वे और सिंगापुर जैसे देशों का अध्ययन कर सकें और भारत में पर्यावरण नवाचार को बढ़ावा दे सकें ।
कार्यक्रम में जापान एम्बेसी के प्रतिनिधि हीराकावा तत्सुकी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई। इस मौके पर डाईकी जापान के प्रेसिडेंट हिरोकी ओगामे, पलवल में देवली स्थित डाईकी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर रियो वाजा, सीईओ कमल तिवारी,, प्रबंध सलाहकार केसी पांडेय, आईआईटी रुड़की के डॉ अंकुर राजपाल समेत गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस अवसर पर कम्पनी ने उपस्थित छात्रों को स्पष्ट किया कि उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए बेस्ट प्रोजेक्ट्स को तीन महीने के भीतर मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद, चयनित छात्रों को जापान का दौरा करने का मौका मिलेगा, जहां वे वहां के सफल पर्यावरण सुधार उपायों का अध्ययन करेंगे।डाईकी एक्सिस इंडिया के सलाहकार , केसी पांडेय ने बताया, “हमारा उद्देश्य भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाना है। इस पहल के माध्यम से हम छात्रों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने और समाधान खोजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “जापान का अनुभव हमारे लिए प्रेरणादायक है, और हम चाहते हैं कि भारतीय छात्र वहां की सफलताओं से सीखकर अपने देश में लागू करें।” यह कार्यक्रम एक हाइब्रिड भागीदारी मॉडल के तहत आयोजित किया गया है, जिसमें छात्रों को वास्तविक प्रोजेक्ट विषय दिए गए हैं। कार्यक्रम की समयरेखा के अनुसार, 27 नवंबर को इसकी आधिकारिक घोषणा की गई थी, जिसके बाद दिसंबर में आवेदकों की स्क्रीनिंग की जाएगी। जनवरी से मार्च के बीच छात्रों को अपने प्रोजेक्ट पर कार्य करने का अवसर मिलेगा, जबकि अप्रैल में उन्हें प्रमाणपत्र और पुरस्कार दिए जाएंगे।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों को उद्योग विशेषज्ञों से मार्गदर्शन भी मिलेगा, जिससे वे अपने विचारों को और बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर सकें। इस पहल के तहत डाइकी एक्सईस ने छात्रों को पुरस्कार, वजीफा और मान्यता देने का भी आश्वासन दिया है।यह पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगस्त में वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के लिए मिनिस्ट्री ऑफ जनशक्ति और मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरमेंट जापान के साथ एक समझौता करार किया था। इस समझौते पर दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, दोनों देशों ने जल प्रबंधन के कार्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तारित करने का संकल्प लिया है।
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