
क्राइम ब्रांच (डीएलएफ ) प्रभारी नवीन कुमार ने आज प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहां कि बीते 5 अप्रैल की रात को थाना सेक्टर -55 के समीप सेक्टर -59, लोहा मंडी में मिट्ठू व उसकी पत्नी सरिता की चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी गईं थी और एक 10 साल की बच्ची को घायल कर दिया था, इसके बाद आरोपी अंशु घटना स्थल से फरार हो गया था, जिसकों पुलिस ने आज बल्लभगढ़ के बस अड्डे के पास से एक सूचना के आधार पर आरोपी अंशु को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। उनका कहना हैं कि दोनों ही परिवार के लोग लोहा मंडी के समीप बंद पड़ी हुई दुकानों में रहा करतें थे और यह लोग कूड़ा बिनने का काम किया करते थे। वहीँ आरोपी अंशु का कहना हैं कि बीते 5 अप्रैल को दिन के वक़्त दो बच्चों के बीच झगड़ा हुआ था, इनमें से एक बच्चा मिट्ठू व सरिता का था, यह दोनों बच्चे आपस में एक -दूसरे के ऊपर पत्थर को फेंक कर मार रहे थे, उनमें से एक पत्थर उड़ कर मुझे लग गया, इसके बाद उसने उन बच्चों को डांट दिया और डराने के उद्देश्य से अपना हाथ उठाया ही था कि उसकी मां सरिता ने उसे हाथ उठाते हुए देख लिया और उसी समय उसकी माँ आकर उसे कहनें लगी, की तूनें मेरे बच्चे को मारा हैं, उसने कहां कि भाभी आपके के बच्चों को मैंने नहीं मारा और मैं बार -बार यहीं कहते रहे की , मैंने आपके बच्चे को नहीं मारा, फिर भी वह मेरी बातों को नहीं मान रहीं थी और सरिता ने मेरी गालों पर दो -तीन थप्पड़ जड़ दिए , जबकि मैं बार -बार उन्हें यही कहता रहा कि भाभी मैं आपकी इज्जत करता हूँ, मेरी बातों को मानों, मैंने आपके बच्चे को नहीं मारा हूँ , आप मुझे मत मारों, पर वह नहीं मानी और मेरी पिटाई करती रहीं, इसके बाद मैनें गुस्से में आकर सरिता को उठा कर जमीन पर गिरा दिया, इसके बाद उसका देवर वहां पर आ गया और मुझे दुकान के अंदर बंद कर दिया और बाहर से ताला लगा दिया। उसका कहना हैं कि करीब ढाई घंटों तक उसे दुकान में बंद रखा, इसके बाद मिट्ठू , उसकी पत्नी सरिता ,उसका भाई व एक लड़की सभी लोग इकट्ठे होकर शाम करीब सात बजे दुकान पर आए, इन लोगों के शोर -शराबा के सुन कर उसे अनुभव हुआ की यह लोग फिर से मुझे मारने आए हैं, उसने इन लोगों की पिटाई से बचने के लिए शटर को दुकान के अंदर से बंद कर लिया, वावजूद इसके यह लोग नहीं मानें और वह लोग बाहर से शटर को तोड़ कर दुकान के अंदर घुस आए, फिर उसने अपने बचाव में पहले मिट्ठू को चाकू घोंप दिया, इसके बाद उसकी पत्नी सरिता को चाकु मार दिया, इसके बाद मिट्ठू के भाई को मारने के लिए उसका पीछा किया, पर वह डर कर वहां से भाग गया और बच्ची को सरिता से चाकु छीनते वक़्त उसे चाकु लग गया। इस तरीके से मिट्ठू और उसकी पत्नी सरिता की हत्या हुई थी।