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सीडब्लूसी की बैठक में क्या हुआ, ये सब सुनिए रणदीप सिंह सुरजेवाला की जुबानी इस वीडियो में

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि नमस्कार साथियों! साथियों, सारी बात केसी वेणुगोपाल ने कही। मैं बहुत संक्षिप्त में ये कहूंगा कि अगर आज की कांग्रेस कार्य समिति का सार पूछें तो वो सार है, एक जमीनी स्तर का जन-जागरण अभियान; कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बड़े-बड़े नेताओं की ट्रेनिंग, शुरुआत से समापन तक कांग्रेस के चुनाव की प्रक्रिया और एक जमीनी संघर्ष का आह्वान। एक जन-जागरण अभियान, एक जमीनी संघर्ष का अभियान कांग्रेस और देश के बारे में और भिन्न-भिन्न नीतियों पर जिनकी चर्चा वेणुगोपाल ने की। उसको लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से नेताओं तक, प्रांत और देश के अग्रणी लोग हैं उन तक, एक व्यापक ट्रेनिंग अभियान और कांग्रेस में चुनाव की प्रक्रिया का शुरुआत से समापन तक का शेड्यूल। ये 4 सार इसके हैं।

तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव कांग्रेस कार्यसमिति ने पारित किए। कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पारित राजनीतिक प्रस्ताव की व्याख्या केसी वेणुगोपाल ने आपसे की। मैं उसे ना पढ़कर केवल उसके कुछ बिंदु, जरुर उन पर चर्चा करुंगा। कांग्रेस कार्यसमिति ने गहन चिंता जाहिर की कि किस प्रकार से देश में आंतरिक और बाहरी सुरक्षा, दोनों को लेकर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ और समझौता किया है। एक साल के करीब बीत गया, परंतु चीन अब भी डेप्सांग प्लेन हो या गोगरा या हॉट स्प्रिंग हो, उस पर कब्जा करे बैठा है और प्रधानमंत्री के मुंह से ‘चीन’ शब्द नहीं निकलता।पाक समर्थित आतंकवादियों ने हमारी सेना के सैनिकों और ऑफिसरों पर खासतौर से, तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद लगातार हमले शुरु कर रखे हैं। पर सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगती। जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाने और पूर्ण प्रांत का दर्जा देने की बजाए सरकार जो है, वो केवल बहाने ढूंढती है।

जिस प्रकार से असम, नागालैंड और मिजोरम में खूनी संघर्ष हुआ। व्यक्तियों के द्वारा नहीं, सरकारों का आपस में और भाजपा के मित्रों और भाजपा की सरकार द्वारा एक दूसरे के मुख्यमंत्री पर एफआईआर दर्ज करवाई गई। एक प्रांत की पुलिस ने दूसरे प्रांत की पुलिस पर फायरिंग की। जिस प्रकार से खूनी संघर्ष सीमा विवाद हुआ दो चुनी हुई सरकारों के द्वारा, ये भारत में तार-तार हुई इंटरनल सिक्योरिटी सिचुएशन को दर्शाता है और नागालैंड जिसकी पीस अकोर्ड की चर्चा करके मोदी जी पीठ थपथपाते थे; अब उन्हें अपने उसी मिस्टर रवि इंटरलोक्यूटर को बदल कर कहीं और लगाना पड़ा और कई ऐसे ग्रुप हैं, जो हमारे संविधान को मानने से इंकार कर रहे हैं, पर सरकार चुप्पी साधे है।साथियों यही नहीं, नशे के बड़े-बड़े संगठित व्यापारी सरकार की नाक के नीचे खुलेआम घूम रहे हैं और फल-फूल रहे हैं। खासतौर से कांग्रेस कार्यसमिति ने नोट किया कि जिस अडानी पोर्ट पर 3,000 किलोग्राम हेरोइन (लगभग 21,000 करोड़ रुपए की कीमत) की पकड़ी गई थी, उससे ठीक पहले 25,000 किलो हेरोइन वहाँ से निकल कर हिंदुस्तान के बाजार में आ गई। क्या ये बगैर सरकार के संरक्षण के हो सकता था? तो देश के युवाएं को नशे में धकेलने का जो षड़यंत्र है, उस पर गहन चिंता कांग्रेस कार्यसमिति ने व्यक्त की।अर्थव्यवस्था जिस प्रकार से तार-तार है और जिस प्रकार से लाखों किसान तीन कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत हैं, उनके साथ सहमति जताते हुए एक बार फिर उन कानूनों को खत्म करने की चर्चा भी की गई। लखीमपुर खीरी का नरसंहार हो या मोदी जी द्वारा देश के गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त ना करना हो; ये अपने आपमें देश के लिए शर्मनाक घटनाएं हैं, किसी भी केन्द्रीय सरकार के लिए।

जिस प्रकार से केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों का इस्तेमाल भाजपा के खोए हुए जनाधार को दोबारा लौटाने के लिए किया जा रहा है और चुनी हुई सरकारों के अधिकार और उनकी पुलिस के अधिकार छीन कर केन्द्र सरकार उन्हें स्वयं के अंदर ले रहा है, इस पर एक व्यापक राय बनाकर और इन्हें वापस करने के लिए एक संकल्पबद्धता सी.डब्ल्यू.सी. ने दोहराई।
अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, पिछड़े वर्गों पर और उनके अधिकारों पर हो रहे हमलों पर कांग्रेस कार्यसमिति ने गहन चिंता व्यक्त की। जिस प्रकार से 70 साल में देश की कमाई संपत्ति को बेचकर मोदी जी अपनी सरकार चलाना चाहते हैं, ये अपने आपमें देशद्रोह से कम की परिभाषा में नहीं आता और इसको लेकर भी कांग्रेस कार्यसमिति ने चिंता व्यक्त की। जिस प्रकार से भिन्न-भिन्न संस्थानों पर हमला बोला जा रहा है और उनकी चर्चा केसी वेणुगोपाल ने की, उसको लेकर भी कांग्रेस कार्य समिति ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में चर्चा की और आखिर में ये संकल्प लिया कि देश को जगाने का दायित्व, देश की जनमानस की आत्मा को झकझोरने का दायित्व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का है और कांग्रेस कार्यसमिति ने उस दायित्व के प्रति अपना संकल्प दोहराते हुए ये कहा, ये संकल्प लिया, ये दृढ निश्चय लिया कि पूरे देश के अंदर इन और जनता से जुड़े दूसरे मुद्दों पर एक व्यापक जन-जागरण अभियान की हम शुरुआत करेंगे।दो और प्रस्ताव कांग्रेस कार्य समिति ने पारित किए। एक, मोदी और महंगाई, दोनों देश के लिए कैसे हानिकारक हैं और दूसरा किस प्रकार से खेती पर, किसान पर, बगैर जमीन के खेत मजदूर पर, मंडी मजदूर पर, छोटे-छोटे दुकानदार, आढ़ती पर किस प्रकार से एक सुनियोजित हमला बोला जा रहा है, ताकि 25 लाख करोड़ का कृषि व्यापार दो या तीन मित्रों की जेब में डाल दिया जाए और बाकी सब अपने खेत खलिहान के अंदर उनके गुलाम बन जाएं। इस पर एक व्यापक प्रस्ताव कांग्रेस कार्यसमिति ने पारित किया। चुनाव का इलेक्शन शेड्यूल कांग्रेस प्रेसिडेंट के चुनाव का, ब्लॉक प्रेजिडेंट से लेकर बूथ प्रेजिडेंट से लेकर, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष से लेकर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव तक का तिथि वाइज, सिलसिले वार एक इलेक्शन शेड्यूल कांग्रेस के संगठन महासचिव प्रभारी ने कांग्रेस कार्यसमिति के अनुमोदन के लिए रखा और एक स्वर से पूरी कांग्रेस कार्यसमिति ने उसका अनुमोदन किया है।

उसमें निम्न महत्वपूर्ण तिथियाँ हैं:–

पहला, देश का सबसे बड़ा सदस्यता अभियान छेड़ने की शुरुआत, 1 नवंबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक।

दूसरी, उसमें महत्वपूर्ण तिथि है;- 16 अप्रैल, 2022 से 31 मई, 2022 तक, जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मैंबर और ब्लॉक प्रेजिडेंट इत्यादि का चुनाव होगा।

तीसरी महत्वपूर्ण तिथि है – 1 जून, 2022 से 20 जुलाई, 2022 तक, जब जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों और पीसीसी के मैंबर्स का चुनाव होगा।

चौथी महत्वपूर्ण तिथि है – 21 जुलाई, 2022 से 20 अगस्त, 2022 तक, जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों का चुनाव होगा।

पांचवी महत्वपूर्ण तिथि है – 21 अगस्त, 2022 से 20 सितंबर, 2022, जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का चुनाव होगा और इसके ठीक बाद पलेनरी सेशन में कांग्रेस कार्यसमिति के अन्य सदस्यों आदि के चुनाव की तिथि (प्लेनरी सेशन, जो प्रथा रही है), वो उसको निर्धारित करेगा।

तो मुझे लगता है कि लगभग 4 घंटे के करीब चली ये बैठक जिसमें 45 के करीब साथियों ने हिस्सा लिया, अपनी-अपनी बात रखी। बड़े सौहार्दपूर्ण, बड़े भाईचारे और बहुत प्रेम के वातावरण में संपन्न हुई और इस देश में जनता की निर्णायक आवाज को आगे बढ़ाने के लिए दूरगामी निर्णय कांग्रेस कार्यसमिति ने लिए, जिनका क्रियान्वयन आप अगले 6, 8, 10 महीने के अंदर जो अभी शुरु हो जाएगा और आप देखेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष के संदर्भ में पूछे एक प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति के हर साथी ने और हर साथी से मतलब है हर साथी खुद बोलकर ये कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी में उनका गहन विश्वास है। उनके नेतृत्व, उनकी कार्यकुशलता में, अस्वस्थता के बावजूद, वे जिस प्रकार से किसी सामान्य स्वस्थ व्यक्ति से ज्यादा 24 घंटे काम करती हैं; उसमें कांग्रेस कार्यसमिति के हर सदस्य ने उनके नेतृत्व में विश्वास जताया और ये जो कभी अंतरिम अध्यक्ष, कभी पूर्णकालिक अध्यक्ष की खबरें थी; कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों ने ही उसे सिरे से खारिज कर दिया और अनुरोध किया कि अगले चुनाव तक कांग्रेस अध्यक्षा जी हमारा नेतृत्व करें। बहुत सारे साथियों ने ये मांग भी उठाई कि राहुल गांधी जी आगे बढ़कर कांग्रेस का नेतृत्व संभाले, लगभग उस पर भी कांग्रेस की कार्यसमिति संपूर्ण रुप से सहमत थी। राहुल गांधी जी ने सबका धन्यवाद किया और ये कहा कि वो शुक्रगुजार हैं इस प्रकार के प्रेम, आशीर्वाद और विश्वास के लिए।

एक अन्य प्रश्न कि आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर क्या कोई रणनीति तय हुई है? सुरजेवाला ने कहा कि जो-जो राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, उन सबके महासचिवगणों/ प्रभारियों ने प्रदेश की राजनीतिक परिस्थिति, किस प्रकार से वहाँ निर्धारित है रणनीति चुनाव की, किस प्रकार से वो आगे बढ़ेंगे, क्या-क्या कदम उठा लिए गए हैं, कितने दिनों में क्या-क्या और कदम उठाए जाएंगे चुनाव की तिथि तक, उस पर एक विस्तृत रिपोर्ट कांग्रेस कार्यसमिति के समक्ष रखी। कुछ सुझाव आए, वो सुझाव उन महासचिवगणों ने ले लिए और मुझे ये विश्वास है कि प्रांत दर प्रांत, ये कोई एक वन साइज फिट फॉर ऑल पॉलिसी नहीं हो सकती, प्रांत दर प्रांत, जो महासचिव प्रभारी हैं या जो इंचार्जेज हैं, वो इसका निर्णय लेंगे। आप जब चाहें उनसे बात कर सकते हैं।

On another question if the PCCs would be dissolved, Shri K.C. Venugopal said- No! Not dissolved, not going to dissolve. Election process will be applicable to every state. Every state will participate in the election process.

किसानों के मुद्दे को सी.डब्ल्यू.सी. में रखने को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि अगर आप हमारा रेजोल्यूशन पढेंगे, तो राजनीतिक प्रस्तावना में भी और जो खेती बाड़ी पर जो प्रस्ताव है, उसमें भी व्यापक बयान कांग्रेस पार्टी का इस मुद्दे पर दर्ज है। ये शर्म की बात है इस देश की आत्मा के लिए कि देश के प्रधानमंत्री ने एक ऐसे व्यक्ति को देश का गृह राज्यमंत्री बना रखा है, जिनका बेटा किसानों को गाड़ी तले रोंदकर नरसंहार करने में आरोपी है और जो स्वयं हत्या के आरोपी हैं और जिनके ऊपर वो हत्या का आरोप चलेगा या नहीं, 3 साल 8 महीने से इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास वो मामला रिजर्व है और 17 साल से वो मामला चल रहा है।

सिंघु बॉर्डर पर किसानों के एजीटेशन को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा कि जो किसान लड़ाई लड़ रहा है, वो न किसी जाति की है, न धर्म की। वो लड़ाई दलित की भी है, क्योंकि मैं आज आपसे कहता हूँ, मैं खुद भी एक किसान हूँ, जो इस देश में खेत मजदूर है, वो कौन है- वो दलित है, वो पिछड़ा है, वो अनुसूचित जनजाति है। वो अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के लोग हैं। जो इस देश में अन्नदाता है, वो कौन है- वो किसान और दलित दोनों हैं, इसलिए अगर किसी व्यक्ति ने, कल भी मैंने ये कहा था और आज मैं फिर दोहराता हूँ, औपचारिक तौर से पार्टी की तरफ से, मैंने बकायदा महासचिवसे भी बात की थी, कोई व्यक्ति, वो किसी पद पर हो, वो कितना भी बड़ा नेता हो, किसी संगठन का हिस्सा हो, समेत किसान संगठन के, अगर किसी ने अपराध किया है, तो उसे कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए। इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता, पर जो भाजपा छदम औऱ बदनामी की राजनीति कर किसान, दलित, मजदूर को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, उन्हें भी उससे बाज़ आना चाहिए। जिस व्यक्ति ने अपराध किया, उसे ऐसी सज़ा दीजिए, जो कानून में शायद लिखी भी न हो, पूरा समाज उसे देखे, पर उसकी वजह से किसानों के आंदोलन को बदनाम मत करिए और तीन काले कानूनों के खिलाफ़ जो साढ़े दस महीने से संघर्ष चल रहा है, उसको निरस्त करने का घिनौना प्रयास भी बंद करिए।

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