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अपराध नोएडा

यूपीटीईटी पेपर लीक कांड: बढ़ता जांच का दायरा, कई जिम्मेदार अधिकारियों की बढ़ी मुश्किलें-जरूर पढ़े

अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
यूपीटीईटी पेपर लीक कांड में एसटीएफ ने एक और बड़ी कार्रवाई परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के निलंबित सचिव संजय उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसटीएफ पेपर लीक मामले में प्रयागराज, गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, अयोध्या, कौशांबी, बागपत और शामली में 10 मुकदमे दर्ज कराकर 45 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से भारी मात्रा में प्रश्न पत्र की छायाप्रति, मोबाइल के व्हाट्सएप पर प्रश्नपत्रों की फोटो, पेन ड्राइव आदि बरामद कर उनको जेल भेजा गया।

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा गत 28 नवंबर को आयोजित की गई थी। परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था, जिसके कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी। इसमें 21.65 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होने वाले थे। इस पूरे प्रकरण को राज्य सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। सरकार ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई शुरू करते जांच एसटीएफ को सौंपी थी. टीईटी पेपर लीक केस में जांच कर रही एसटीएफ ने एक दिन पूर्व ही आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया था। प्रश्न पत्र छापने का ठेका लेने वाली कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद से पूछताछ में संजय उपाध्याय की संलिप्तता सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई। संजय उपाध्याय को गिरफ्तार करके ग्रेटर नोएडा ले जाकर थाना सूरजपुर, में दर्ज एफआईआर, धारा 420,409.120बी के तहत कार्रवाई  की जा रही है।एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि संजय उपाध्याय ने अनूप की कंपनी के पास सिक्योरिटी प्रिंटिंग की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कि जानकारी होने के बाद भी अनूप की कंपनी को बिना कोई गोपनीय जांच कराए ही वर्क आर्डर दिया और उसकी प्रिंटिंग प्रेस का निरीक्षण तक नहीं किया गया।

एसटीएफ की जांच में संजय उपाध्याय को सरकारी धन का दुरुपयोग करने का भी दोषी पाया गया है। सिक्योरिटी प्रिंटिंग में एक प्रश्नपत्र के मुद्रण में 50 रुपये तक खर्च आता है। जो साधारण प्रिंटिंग की तुलना में काफी अधिक होता है। इन सभी तथ्यों की जानकारी होने के बाद भी एक ऐसी कंपनी को मुद्रण का काम दिया गया, जो एक भी मानक को पूरा नहीं करती थी। आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड ने चार अलग-अलग साधारण प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्न पत्र छपवाए थे। सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण प्रश्नपत्र लीक हो गया था। संजय उपाध्याय को गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर थाने में राय अनूप प्रसाद व अन्य के विरुद्ध दर्ज कराए गए मुकदमे के तहत गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ की जांच का दायरा जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसमें जल्द कुछ और बड़ों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से परीक्षा संचालित कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से भी जल्द पूछताछ हो सकती है। एसटीएफ की नजर अब कई और आरोपियों पर टिकी है। पेपर लीक करने वालों से लेकर साल्वर गिरोह के कई सदस्यों की तलाश चल रही है। जल्द कई और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।

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