Athrav – Online News Portal
दिल्ली नई दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

गुजरात में जो लट्ठा कांड हुआ है, जो जहरीली शराब अवैध रुप से बेची गई है, लोक सभा में इस मुद्दे को उठाने हेतु समय नहीं दिया जा रहा।

नई दिल्ली / अजीत सिन्हा
शक्तिसिंह गोहिल, सांसद और प्रवक्ता, एआईसीसी, डॉ अमी याज्ञनिक, सांसद और नारनभाई जे. राठवा, सांसद ने आज संसद भवन,नई दिल्ली के बाहर विजय चौक पर मीडिया को संबोधित किया। डॉ नसीर हुसैन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा- जैसा आप तमाम लोगों को पता है, गुजरात में जो लट्ठा कांड हुआ है, जो जहरीली शराब अवैध रुप से बेची गई है, उसको लेकर ट्रेज्डी आफ्टर ट्रेज्डी लगातार गुजरात में हम लोगों को देखने को मिल रही है, इस चीज को लेकर राज्यसभा में, लोकसभा में हम लोग इस मुद्दे को उठाना चाह रहे थे, इसके ऊपर चर्चा करवाना चाह रहे थे, लेकिन चर्चा का मौका तो पिछले 2 हफ्ते से आप देख रहे है, किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने का मौका दिया नहीं जा रहा है, इसलिए हम लोगों को लगा कि गुजरात से जो हमारे वरिष्ठ नेता हैं और जो सांसद हैं, राज्यसभा में, शक्ति सिंह गोहिल , जो एक लंबे अरसे से गुजरात में राजनीति करते आए हैं, कई चुनाव लड़े हैं। वहाँ की राजनीति करके आप राज्यसभा के सांसद हैं। नारनभाई राठवा हैं, यूनियन मिनिस्टर रह चुके हैं, एमओएस रह चुके हैं हमारी सरकार में यहाँ पर। अमी बेन याजनिक हैं, जो हमारी एआईसीसी की स्पोक्सपर्सन भी हैं और राज्यसभा में सांसद हैं और तीनों सांसद गुजराती हैं, तो वो दो-दो मिनट अपनी-अपनी बात रखेंगे।

अभी शुरु करेंगे, शक्ति सिंह गोहिल।

शक्ति सिंह गोहिल ने कहा- मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि महात्मा गांधी की जन्मभूमि, गुजरात, जहाँ पर प्रोहिबिशन माने शराब बंदी है, जहाँ शराब बिक नहीं सकती, जहाँ पर कोई ऐसा कैमिकल, जिससे शराब बन सकती है, नशे वाली चीज बन सकती है, उन कैमिकलों के लिए भी बड़े कड़े कानून हैं, मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भाजपा वहाँ पर हफ्ता उठाती है, पैसे लेती है, और ये हफ्ते कांड की वजह से गुजरात में जिनको लट्ठा कांड बोलते हैं, जहरीली शराब से 75 से ज्यादा लोग बोताड़ डिस्ट्रिक्ट के रोजिद गांव में जहरीली शराब पीने से 75 लोगों की मृत्यु हो गई है। कई लोग बचे लेकिन उनकी दृष्टि, आँखें चली गई हैं। काफी लोग ऐसे हैं, जिनकी जान तो बची, लेकिन किडनी चली गई हैं और ये सारा राजनीतिक आरोप है, ऐसा हम नहीं कहेंगे, क्योंकि वहाँ के सरपंच ने भाजपा के गृहमंत्री को मार्च महीने में एक कागज लिखकर भेजा था। पुलिस स्टेशन में जाकर खुद इसको इन्वार्ड करवाया, डीएसपी को भी भेजा कि साहब यहाँ पर अवैध शराब बेची जाती है, हमारी मां-बहनें सलामत नहीं हैं, आप इसको रोकिए वरना कोई बहुत बड़ा कांड हो जाएगा, वो लिखकर दिया, होम मिनिस्टर को भी। पर क्योंकि पैसे खाते थे, कुछ नहीं किया।

कुछ वक्त बाद फिर से वही सरपंच लिखित में कंप्लेन करता है, और अधिकारियों को भी भेजता है, पर क्योंकि पैसे का हफ्ता भाजपा के पास आता था, कोई एक्शन नहीं लिया गया और इसी वजह से वहाँ के गरीब लोगों की 75 से ज्यादा, जो दिन में मजदूरी करते हैं, रोजगार तो है नहीं, मोदी के राज में, कड़ी मजदूरी के बाद शाम को 10 रुपए और 20 रुपए की शराब पीकर सोने वाले 75 लोगों की मृत्यु हुई। उस परिवार का कोई दोष नहीं था, वो किसी गलत रास्ते पर नहीं था, उसका कमाने वाला बच जाता, अगर सरकार सही वक्त पर जाग जाती और इन लोगों के परिवारों को तुरंत मुआवजा देना चाहिए। मुआवजा, किसी भी जिंदगी गंवाने वाले के लिए कोई पैसे की रकम उसकी कंपेरिजन नहीं हो सकती है, पर वो परिवार निराधार हुआ, उसे मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। बीजेपी के बड़े लोग मिले हुए हैं। मिथाइल एल्कोहोल, प्रोहिबिटेट 600 लीटर अहमदाबाद से गया। जांच अगर ईडी, सीबीआई वहाँ पर करे तो भाजपा के लोगों के कनेक्शन मिल जाएंगे। कुछ वर्नाकुलर मीडिया ने बीजेपी के बड़े नेता के साथ वो कैमिकल बेचने वाली फैक्ट्री के कनेक्शन भी दिखाए। ये गुजरात के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। गुजरात में सितम्बर, 2021 में 3,000 किलोग्राम हेरोइन, नशे वाला ड्रग्स, 21,000 करोड़ रुपए का पकड़ा गया। फरवरी, 2022 में 750 किलोग्राम ड्रग्स, 2,000 करोड़ रुपए जिसकी कीमत थी, वो पकड़ा गया। अप्रैल, 2022 में 260 किलो 1,500 करोड़ रुपए जिसकी कीमत होती है, वो ड्रग्स पकड़ा गया। जुलाई, 2022 में 75 किलो, 500 करोड़ रुपए का ड्रग्स पकड़ा गया। गुजरात के उस मुंद्रा पोर्ट से बार-बार ये ड्रग्स पकड़ा गया, जिसकी वैल्यू हजारों करोड़ में होती है। वहाँ न ईडी जाती है, न सीबीआई जाती है, न पीएम मोदी की कोई एजेंसी जाती है। तो ये गुजरात के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। हमने जीरो आवर्स दिए, लेकिन नहीं मंजूर किए। हमने 267 के तहत इतना गंभीर मुद्दा, हमने कहा- काम रोको, चर्चा दो, उस पर चर्चा नहीं देते हैं। कौन क्या कर सकता है, जब इतने बड़े सीरियस मुद्दे पर चर्चा नहीं देते हैं, तो?

हमें जो भाजपा के नेता पहले कहते थे कि सरकार की मनमानी से हाउस नहीं चलता है, हाउस चलाने की जिम्मेदारी पार्टी इन पावर की है, अपोजीशन के पास शस्त्र है, सदन को रोकने का और बार-बार इसका जनता के मुद्दों के लिए यूज होना चाहिए। वो भाजपा के अरुण जेटली , सुषमा स्वराज जी कहते थे, उसी का हम इस्तेमाल करते हैं। हाउस में हम चर्चा मांगते हैं, चर्चा नहीं देते हैं। हमारी अमी बेन का 267 के तहत दूसरा एक नोटिस था, जो भाजपा के एक मंत्री के ऊपर महिला के आरोप थे, उस पर बात करेंगी। तीसरा हमारा नोटिस हमारे साथी नारन भाई राठवा का था, लंपी नाम का रोग आया है, जहाँ पर ढेर सारी गाय मर रही हैं। गाय माता के नाम पर वोट लेते हैं और वैक्सीन की जगह पर पानी के इंजेक्शन, सलाइन वाटर के इंजेक्शन दिए गए और वैक्सीन नहीं दिया गया, वो वीडियो भी आया है, इन पर बात करेंगे।

मैं पहले अमी बेन से रिक्वेस्ट करूँगा कि वो अपने 267 के नोटिस की बात आपके सामने रखें।

डॉ. अमी याजनिक ने कहा कि एक बड़ी शर्मनाक बात सामने आई कि सिटिंग मिनिस्टर गुजरात में उनके खिलाफ एक महिला ने कंप्लेन की कि वो 5 साल से उसके साथ दुष्कर्म कर रहे हैं, उसको परेशान किया जाता है, बार-बार बुलाया जाता है और वो कहीं भी अपनी फरियाद नहीं कर सकती है। इतनी शर्मनाक ये बात है, पर उस पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है, क्योंकि गुजरात के सिटिंग मिनिस्टर का नाम आया है, अर्जुन सिंह जी। वो महिला ने कितनी जगह बताया और वो अपनी फैमिली के साथ भी गई कि पिछले 5 साल में बार-बार उनको बुलाया गया है, और बार-बार बेशर्मी से उनके साथ दुष्कर्म हुआ है। उसको बहुत एक्सप्लोएट किया जा रहा है, पर कोई उसकी बात सुनता नहीं है। इस पर मैंने आज 267 लगाया। बहुत ही गंभीर आरोप है और जहाँ सत्ता पक्ष इतनी बातें करता है कि हम एक डैवलप्ड राज्य में सत्ता पक्ष हैं, गुजरात एक डैवलप्ड स्टेट है, तो आप देख रहे हो कि एक तरफ ह्यूज ट्रैजिडी हो रही है, ड्रॉप आउट रेट्स हैं, बच्चियाँ स्कूल नहीं जा पा रही हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है स्कूल का, ऊपर से एक महिला, एकदम से सीधे से आकर कहती हैं कि मेरे साथ इतना खराब कर्म होता रहा है, काफी समय से, पर मेरी फरियाद कोई सुनता नहीं है।

यह ये भी बताता है कि क्या महिला सुरक्षित है गुजरात में और कहाँ है, स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन, स्टेट वीमेन कमीशन, मुझे लगता है कि स्टेट वीमेन कमीशन के जो चेयरपर्सन हैं, वो भी नहीं हैं, तो महिला जाए तो जाए कहाँ। हर महिला कोर्ट में जाएगी और ऐसे सत्ताधीश पार्टी के सत्ताधारी मिनिस्टर के सामने वो कितना आवाज उठा पाएगी, इसके लिए 267 रुल के अंतर्गत ये बात मैंने उठाई थी कि बहुत ही सीरियस इशू है, हमें ये इशू लेना चाहिए और इस पर चर्चा होनी चाहिए।एक राज्य जो ये कहता है कि महिला एम्पावरमेंट है, महिला सशक्तिकरण है, महिला के साथ न्याय हो रहा है, हम इतने केसेस करते हैं, ह्यूमन राइट्स कमीशन में, वीमेन कमीशन में पर एक महिला की बात, एक मिनिस्टर के सामने लगाए हुए आरोपों की वैल्यू नहीं रही है।तो मैं ये बात उठाना चाहती थी, पर ये लोग सदन चलाना नहीं चाहते हैं। हमारे यहाँ पर वीमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट कमिश्नर हैं, तो मिनिस्ट्री भी महिला के पास है, पर उन्होंने भी कभी संज्ञान नहीं लिया है, इसका भी संज्ञान नहीं लिया है, तो मैं पूछना चाहती थी, ये सस्पेंशन देकर कि हमें चर्चा करवाओ। गुजरात में क्या है उसके सारे आंकड़े दे सकें हम आपको और महिला के साथ क्या परिस्थिति है, क्या सत्ताधारी पक्ष सो मोटो इसका संज्ञान क्यों नहीं ले सकता है इसके बाद एक वीडियो वायरल भी हुई थी, जिसमें बता रहे थे कि एक रैली चल रही थी, उसमें एक मंत्री थे या बहुत अच्छी पोस्ट पर जो व्यक्ति थे, बीजेपी के वो भी ये इलीसिटर लिकर की बात कर रहे थे, वो भी जहाँ प्रोहिबीशन स्टेट हैं, वहाँ पर पीकर चल रहे थे। आस-पास की जो महिला नेत्री थीं, वो बता रहीं थी कि ऐसा बिहेव न करो, फिर भी ये हो रहा है, तो मुझे लगता है कि गुजरात में न तो जांच होती है, न वो महिला आकर जवाब दे सकती है, न वो कंप्लेन कर सकती है। मैं ये मुद्दा उठाना चाहती हूँ, पर ये सदन में मुद्दा नहीं लिया जाता है, और सदन में हमारी बात नहीं सुनी जाती है।

नारनभाई जे राठवा ने कहा- आज राज्यसभा के अंदर, गुजरात के अंदर पशुपालन डिपार्टमेंट के अंदर जो गाय हैं, भैंस हैं, बैल हैं, उसके अंदर एक बड़ी डिसीज लंपी करके नाम का वहाँ पर चालू है। वो डिसीज की वजह से गाय, भैंस और बैल इमीजिएट मर रहे हैं औऱ कम से कम आज से 9,000 के करीब गाय और भैंस, बैल मर गए हैं। आज ये मुद्दा सदन के अंदर राज्यसभा में सदन प्रस्ताव के तहत उठाने की कोशिश की, लेकिन हाउस नहीं चलने की वजह से हमारा मैटर वहाँ पर डिस्कस नहीं हुआ। जैसे कोरोना 2020 में आया, और बहुत लोगों पर इसका इफैक्ट हुआ, ऐसा ये गुजरात के अंदर, खासतौर से कच्छ, जामनगर, पोरबंदर और उस तरफ बनासकांठा, अरवल्ली, पाटण, ये 6-7 डिस्ट्रिक्ट के अंदर लंपी नाम की बड़ी डिसीज आने की वजह से वहाँ बहुत कैजुअलटी हुई है और गाय, भैंस और बैल मर गए हैं। वहाँ पर स्वैच्छिक संस्था, जो पशुपालन के लिए गौशाला में गायों औऱ भैंसों को लाकर वहाँ पर बहुत पैमाने पर चला रहे हैं, लेकिन उनको भी कोई सपोर्ट नहीं दे रहा है। राज्य सरकार से और भारत सरकार से हमारी मांग है कि जितने भी लोगों के गाय, भैंस, बैल इस रोग की वजह से मर गए हैं, इसको लेकर कोई न कोई इंक्वायरी वहाँ पर होनी चाहिए और जिनके गाय, भैंस, बैल मर गए हैं, उनको मुआवजा देने का काम भी राज्य सरकार वहाँ पर करे, यही हमारी डिमांड है और जिन लोगों की गाय और भैंस मर गई है, उन लोगों को कहीं न कहीं राहत राज्य सरकार की तरफ से मिले।
मैं प्रधानमंत्री से भी मांग करता हूँ, अभी-अभी दो दिन, तीन दिन पहले बनासकांठा में डेयरी का सबसे बड़ा प्लांट का इनॉगुरेशन करके आए हैं, वहाँ पर भी यही डिसीज आने की वजह से बहुत गायों का नुकसान हुआ है और बड़ौदा डेयरी, जैसे साबिर डेयरी, यहाँ से बनास डेयरी, ऐसी अलग-अलग प्रकार की डेयरी हैं, उनके चेयरमैन हैं, तो इन सब लोगों को तुरंत वहाँ पर काम पर लगाया जाए और इसकी जिम्मेदारी उनको दें, तो गाय माता वहाँ पर बच सकती है। तो यही हमारी डिमांड है कि राज्य सरकार उसके ऊपर तुरंत कार्रवाई करे और भारत सरकार की तरफ से हमारे जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हैं, वो डायरेक्शन दें और लोगों की जो गाय, भैंस और बैल मर रहे हैं, उनको बचाने की कोशिश करें। शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि हम आपको ये वीडियो भेज देंगे (वीडियो दिखाते हुए)। मीडिया डिपार्टमेंट हमारा आपके साथ शेयर करेगा ये वीडियो। इस वीडियो में आप देख सकोगे, ढेर सारी गाय मर रही हैं। ट्रैक्टर की ट्रॉली में डालकर इनको खुले में फेंका जा रहा है और एक और वीडियो भी है, कि जहाँ वैक्सीन देनी चाहिए, वहाँ भयमुक्त भ्रष्टाचार वैक्सीन की जगह सलाइन वाटर चढ़ाया गया और ये ढेर सारी डैड बॉडी गायों की आप देख सकते हो, वहाँ कच्छ, सौराष्ट्र और नॉर्थ गुजरात में, स्पेशली हर दिन ये गाय मर रही हैं। इसका न कोई रिकॉर्ड रखा जा रहा है, न इसे कोई मुआवजा दिया जा रहा है, न कोई एक्शन लिया जा रहा है। गाय के नाम पर वोट लेते हैं, पर गाय की क्या हालत है, जैसे कोई मां की सेवा न करे और सिर्फ मां को भी कैमरे के लिए यूज करे, इसीलिए इसी तरह ये गाय माता को सिर्फ वोट बैंक के लिए यूज करते हैं और गायों की क्या हालत है, इस वीडियो से आप देख पाएंगे।

Related posts

जो गुंडे ममता दीदी की शह पर आज छिपकर बैठे हैं, उनको मैं कहना चाहता हूं कि जहां छिपना है छिप जाओ- अमित शाह

Ajit Sinha

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछे गए 100 सवालों में से एक भी सवालों का जवाब नहीं दिया-जयराम रमेश

Ajit Sinha

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज  आयोजित प्रेस वार्ता में पीएम मोदी के बारे में क्या-क्या कहा- जानने के लिए पढ़े  

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
//zaltaumi.net/4/2220576
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x